अधिकारियों ने छीनी पेट्रोल की बोतल, कार्रवाई का दिया आश्वासन।
छतरपुर में मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान एक व्यक्ति पेट्रोल की बोतल लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंच गया। सटई तहसील के लखनगुंवा गांव निवासी बाबूलाल अहिरवार ने जमीन विवाद और प्रशासनिक निष्क्रियता से नाराज होकर ये कदम उठाया।
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बाबूलाल ने प्रशासन से अपील की है कि उन्हें न्याय दिया जाए और उनके मकान पर अवैध कब्जा रोका जाए। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही समाधान नहीं हुआ, तो बच्चों के साथ आग लगाकर आत्महत्या कर लूंगा।
अधिकारियों ने छीना पेट्रोल जानकारी मिलते ही एसडीएम अखिलेश राठौर और तहसीलदार संदीप तिवारी मौके पर पहुंचे और बाबूलाल से पेट्रोल की बोतल छीनकर उन्हें शांत किया। अधिकारियों ने बाबूलाल की शिकायत सुनी और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
ये है मामला- बाबूलाल अहिरवार का आरोप है कि उनके पैतृक मकान और जमीन पर गांव के ही मैया दिन दुबे और आकाश दुबे ने अवैध रूप से कब्जा करने की कोशिश की। मामला न्यायालय में पहुंचा और 4 अप्रैल को कोर्ट ने बाबूलाल के पक्ष में निर्णय सुनाया। लेकिन स्टे हटने के बाद भी उन्हें मकान नहीं बनाने दिया जा रहा है।
‘छत ढह गई तो बच्चे दब के मर जाएंगे’ उन्होंने कहा की घर जर्जर हो गया है। एक छोटा सा कमरा है, जिसकी दीवारें टूट गईं हैं। पूरी ठंड उन्हें परिवार के साथ घर के बाहर रहना पड़ा। बारिश में अगर छत ढह जाती है तो बच्चे दब के मर जाएंगे।
‘विधायक का रिश्तेदार होने के कारण नहीं हो रही कार्रवाई’ बाबूलाल का दावा है कि आरोपी स्थानीय विधायक राजेश बबलू शुक्ला के रिश्तेदार हैं, जिसके कारण प्रशासन भी कार्रवाई करने से डर रहा है। उन्होंने बताया कि उनके परिवार के चार मकान हैं, जिनमें से दो पर जबरन कब्जा करने की कोशिश हो रही है।
‘हमें जातिगत आधार पर निशाना बनाया जा रहा है’ बाबूलाल ने ये भी आरोप लगाया कि उन्हें जातिगत आधार पर निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “मेरे पैतृक जमीन पर करीब 50 परिवार रहते हैं, लेकिन हमें वहां से भगाने की साजिश रची जा रही है। मैं पिछले आठ महीनों से लगातार शिकायत कर रहा हूं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।”
कार्रवाई का दिया आश्वासन दिया एसडीएम अखिल राठौर ने बताया कि बाबूलाल की शिकायत पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने इस मामले को लेकर एसडीएम बिजावर से भी बातचीत की है। हालांकि, जब इस मामले में विधायक राजेश बबलू शुक्ला से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।