नई दिल्ली4 घंटे पहले
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 7 मई को जिन ठिकानों पर हमला हुआ, वे आतंकवादी हेडक्वार्टर और इंफ्रास्ट्रक्चर थे।
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को लोकसभा में 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि हमने दुनिया में पाकिस्तान के आतंकी इतिहास को उजागर किया।
हमने दो संदेश दिए, पहला- आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस और दूसरा- आतंक से नागरिकों की सुरक्षा का अधिकार। हमारी रेड लाइन पार की गई। हमने बहुत सख्त कदम उठाए।
विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए जयशंकर ने साफ किया कि भारत-पाकिस्तान युद्धविराम में अमेरिका की कोई मध्यस्थता नहीं थी। उन्होंने बताया कि 9 मई को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था, जिसमें मोदी ने साफ कहा कि अगर हमला हुआ तो भारत जवाब देगा।
10 मई को पाकिस्तान ने युद्धविराम की इच्छा जताई, जिसके लिए भारत ने कहा कि यह अनुरोध पाकिस्तान को DGMO लेवल पर करना होगा। जयशंकर ने जोर देकर कहा कि इस दौरान पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच कोई बात नहीं हुई।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की जानकारी दी थी।
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े कदम उठाए
जयशंकर ने कहा कि भारत ने पहलगाम हमले के अगले ही दिन पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े कदम उठाए, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा रद्द करना, पाकिस्तान डिप्लोमैट्स को अवांछित व्यक्ति घोषित करना और अटारी बॉर्डर को बंद करना शामिल है।
विपक्ष की तरफ से पहलगाम हमले और भारत की प्रतिक्रिया पर सवाल उठाने पर जयशंकर ने कहा- आपमें से किसने सोचा था कि बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकाने इस तरह तबाह होंगे? आपके कार्यकाल में तो यह ख्याल भी नहीं आया। आपने 26 साल बाद भी इसे असंभव माना था।”
जयशंकर बोले- क्वाड ने पहलगाम हमले की निंदा की
जयशंकर ने बताया कि क्वाड (QUAD) ने आतंकवाद की कड़ी निंदा की और अपने बयान में पहलगाम हमले का जिक्र किया। BRICS, जिसमें चीन, ईरान और रूस जैसे देश शामिल हैं, ने भी इस हमले की निंदा की।
जर्मन विदेश मंत्री ने कहा कि भारत को आतंकवाद से अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है और वह हमारा समर्थन करेगा। फ्रांस और यूरोपीय संघ ने भी ऐसा ही कहा है।

जयशंकर ने कहा कि 22 अप्रैल से 17 जून तक ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बातचीत नहीं हुई। किसी भी स्टेज पर अमेरिका से चर्चा के दौरान व्यापार पर बात नहीं हुई।
पाकिस्तानियों के लिए भारत में वीजा बैन जारी रहेगा
विदेश मंत्री जयशंकर ने लोकसभा में कहा- ऑपरेशन सिंदूर अपने उद्देश्यों में सफल रहा। भारतीय नागरिकों का सुरक्षित बचाव मुश्किल परिस्थितियों में किया गया और यह मिशन भारत की क्षमताओं और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
जयशंकर ने आगे बताया कि पाकिस्तानी धरती से पनप रहे सीमा पार आतंकवाद पर भारत का जवाब ऑपरेशन सिंदूर तक सीमित नहीं रहेगा। पाकिस्तानी नागरिकों के लिए भारत में वीजा प्रतिबंध जारी रहेंगे।
भारतीय डिप्लोमेसी का फोकस UNSC पर था
जयशंकर ने बताया कि भारत की डिप्लोमेसी का फोकस UNSC पर था। उन्होंने कहा- पाकिस्तान इस समय UNSC का मेंबर है, लेकिन हम नहीं। हमारा टारगेट था कि UNSC इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा देने और आतंकवाद को गंभीर खतरा मानने की बात स्वीकार करे।”
25 अप्रैल को UNSC ने बयान जारी कर पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवादियों और उनके स्पॉन्सर को सजा देने की जरूरत पर जोर दिया।

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