.
जिले में अब पारंपरिक तरीके से पौधारोपण नहीं होगा। इसके लिए सॉफ्टवेयर आधारित और हितग्राहीमूलक प्रणाली लागू कर दी गई है। अब एक बगिया मां के नाम एप के जरिए ही पात्र हितग्राहियों का चयन होगा। इन्हीं को सीधे भुगतान मिलेगा। यह अभियान मनरेगा और राज्य आजीविका मिशन द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जाएगा।
चयनित हितग्राही खुद पौधा और खाद खरीदेगा। तय तकनीकी मापदंडों पर खरा उतरने के बाद प्रामाणिक बिल के आधार पर उसे मनरेगा से सीधा भुगतान किया जाएगा। कलेक्टर भव्या मित्तल ने जिले की भौगोलिक स्थिति और किसानों की जागरूकता को देखते हुए 3500 महिला किसानों के चयन के निर्देश दिए हैं। किसानों के चयन में मनरेगा योजना के साथ राज्य आजीविका मिशन, कृषि विभाग और उद्यान विभाग को जिम्मेदारी दी गई है।
कलेक्टर ने सभी जनपद पंचायतों को आपसी समन्वय से पात्र महिला किसानों का चयन कर उनकी जानकारी गूगल शीट में दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। इस अभियान की प्रगति की रोजाना समीक्षा की जाएगी। राज्य सरकार ने इस अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 3 जिलों, 10 जनपदों और 25 ग्राम पंचायतों को राज्य स्तरीय पुरस्कार देने की घोषणा की है। श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों को लाखों रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
यह किए है बड़े बदलाव इस योजना में बड़ा बदलाव यह है कि अब पंचायत, समिति या किसी एजेंसी को भुगतान नहीं होगा। 15 जुलाई तक हितग्राही चयन, 25 जुलाई तक प्रशासकीय स्वीकृति, 14 अगस्त तक गड्ढे खोदने और तारबंदी तथा 15 अगस्त से 15 सितंबर के बीच पौधारोपण की समय सीमा तय की गई है।