Sunday, July 20, 2025
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टैरिफ टेंशन, भू-राजनीतिक तनाव के बीच सिर्फ 6 महीने में IPO से 45% ज्यादा 45000 करोड़ जुटाया


IPO Fundraising: ग्लोबल ट्रेड में रुकावट, व्यापार आर्थिक चिंताएं और भूराजनीतिक संघर्ष के बावजूद वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (जनवरी से जून) के दौरान कंपनियों ने आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) जारी कर 45,350 करोड़ रुपये जुटाए. ये पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 45 प्रतिशत ज्यादा है.

हालांकि, इस साल की पहली छमाही के दौरान आईपीओ की संख्या में कमी आयी और ये जनवरी से जून के बीच घटकर सिर्फ 24 रह गई है. ये पिछले साल यानी 2024 के जनवरी से जून के बीच आईपीओ की संख्या 36 थी. जाहिर है, इन आंकड़ों से पता चलता है कि आईपीओ के औसत आकार में इजाफा हुआ है.

आईपीओ बाजार की मजबूती की उम्मीद

बाजार के जानकारों का मानना है कि आगे भी निवेशकों का पॉजिटिव ट्रेंड्स, मजबूत वृद्धि की संभावना और घरेलू निवेश के मजबूत प्रवाह के दम पर वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही के दौरान आईपीओ बाजार के सतर्क रूप से मजबूत रहने की उम्मीद है.

JM फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशनल सिक्योरिटीज की मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ इक्विटी कैपिटल मार्केट्स नेहा अग्रवाल का कहना है कि साल की पहली छमाही में ग्लोबल ट्रेड टेंशन, भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और व्यापक आर्थिक चुनौतियों के चलते मार्केट की धारणा प्रभावित हुई है. लेकिन, इन चिंताओं के बावजूद, कंपनियों ने इस अवधि के दौरान IPO के जरिए 45,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जुटाई है.

6 महीने में 45,351 करोड़

मर्चेंट बैंकर की तरफ से साझा किए गए डेटा के मुताबिक, इस साल छह महीने यानी जनवरी से जून के बीच 6 कंपनियों ने IPO के जरिए 45,351 करोड़ रुपये जुटाई. पिछले साल इसी अवधि के दौरान 36 कंपनियों ने 31,281 करोड़ रुपये ही जुटा पाए थे.

जनवरी-जून, 2025 के दौरान, 24 मुख्य एक्सचेंज के IPO आए जिसमें से 67% निर्गम मूल्य पर बढ़त के साथ सूचीबद्ध हुए. IPO का कुल प्रदर्शन मजबूत रहा, जिससे निवेशकों को लगभग 25 प्रतिशत का औसत रिटर्न मिला.  इस अवधि के दौरान आए प्रमुख आईपीओ में एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज (12,500 करोड़ रुपये), हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज (8,750 करोड़ रुपये), श्लॉस बेंगलूर (3,500 करोड़ रुपये) और एथर एनर्जी (2,981 करोड़ रुपये) शामिल हैं.

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