डायरेक्टर बना रहा था शोले के टक्कर की फिल्म, अमिताभ बच्चन के साथ थे दिलीप कुमार, मगर प्रोड्यूसर हो गया अगवा

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डायरेक्टर बना रहा था शोले के टक्कर की फिल्म, अमिताभ बच्चन के साथ थे दिलीप कुमार, मगर प्रोड्यूसर हो गया अगवा


नई दिल्ली. रमेश सिप्पी ‘शोले’ की जबरदस्त सफलता के बाद अपनी अगली फिल्म की तैयारी में थे. सलीम-जावेद ने एक फिल्म की कहानी लिखी, जिसको नाम दिया ‘शान’. इस फिल्म के लिए अमिताभ बच्चन और शशि कपूर की जोड़ी को फिर से साथ लाया. हालांकि, इस फिल्म ने कुछ खास कमाल नहीं किया. बॉक्स ऑफिस फिल्म नहीं चली तो रमेश सिप्पी ने एक बार फिर सलीम-जावेद की कहानी के साथ फिल्म बनाने का फैसला किया. ये फिल्म थी ‘शक्ति’ और फिल्म के लिए अमिताभ बच्चन और दिलीप कुमार जैसे दिग्गजों को चुना गया.

1982 में ‘शक्ति’ पर्दे पर आई. ये फिल्म हाई-प्रोफाइल प्रोजेक्ट थी, लेकिन इसकी मेकिंग के दौरान एक अजीबोगरीब घटना ने सुर्खियां बटोरीं. फिल्म के प्रोड्यूसर मुशीर आलम का दिनदहाड़े किडनेप कर लिया गया था. हालांकि, पुलिस ने मुशीर द्वारा याद किए गए कुछ महत्वपूर्ण सुरागों की मदद से किडनैपर्स को पकड़ लिया, जिसमें ‘शोले’ का एक पोस्टर भी शामिल था. मशहूर क्राइम जर्नलिस्ट एस. हुसैन जैदी ने अपने यूट्यूब चैनल पर फिल्म ‘शक्ति’ की मेकिंग के दौरान इस घटना के बारे में खुलकर बताया. उन्होंने मुंबई पुलिस के तत्कालीन क्राइम ब्रांच अधिकारी इसाक बगवान ( Isaque Bagwan) ने भी अपनी यादों में इस घटना का जिक्र किया है.

तीन बंदूकधारी ने जब किया किडनैप

’24 सितंबर, 1982 की सुबह, मुशीर आलम काम पर जा रहे थे कि अचानक एक सफेद एंबेसडर कार उनके पास आकर रुकी. कार से तीन बंदूकधारी उतरे और उन्हें जबरन कार में धकेल दिया. उनकी आंखों पर पट्टी बांध दी गई, लेकिन मुशीर ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने अपने आस-पास की छोटी-छोटी चीजों को याद करने की कोशिश की.

फिल्म शक्ति साल 1982 में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली 10 फिल्मों की लिस्ट में शामिल थी.

शोले का पोस्टर और कुरान की आवाज बने सुराग

आंखों पर पट्टी बंधे होने के बावजूद, मुशीर ने ध्यान दिया कि उन्हें ‘शोले’ का पोस्टर दिखाई दिया (जो रिलीज के सात साल बाद भी सिनेमाघरों में चल रहा था). इसके अलावा, उन्होंने महसूस किया कि जिन सीढ़ियों से वो ऊपर गए, वे लकड़ी की थीं. साथ ही, उन्हें बच्चों के कुरान पढ़ने की आवाज भी सुनाई दी. ये सभी सुराग पुलिस के लिए मददगार साबित हुए.

किडनैपर्स ने मांगी थी 20 लाख रुपये

किडनैपर्स ने मुशीर से 20 लाख रुपये की फिरौती की मांग की. मुशीर ने अपने एक सहयोगी को फोन किया, जिसने करीब 3 लाख रुपये का इंतजाम किया. पैसे लेने के बाद, किडनैपर्स ने मुशीर को एक चौराहे पर छोड़ दिया.

रमेश सिप्पी की इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और दिलीप कुमार पहली और आखिरी बार नजर आए. फोटो साभार-dilip_kumar_superstar/Instagram

दिलीप कुमार ने उठाया मामला

हालांकि, मुशीर इस घटना को भूलकर आगे बढ़ना चाहते थे, लेकिन ‘शक्ति’ फिल्म के स्टार दिलीप कुमार ने इसकी जांच कराने पर जोर दिया. इसाक बगवान ने अपनी किताब में लिखा, ’24 सितंबर, 1982 को एक कांस्टेबल ने हमें बताया कि दिलीप कुमार कमिश्नर के ऑफिस आए हैं. हमने सोचा कि शायद वह अपने गन लाइसेंस या किसी सुरक्षा मामले के लिए आए होंगे, लेकिन ऐसा नहीं था.’ कमिश्नर रिबेरो के ऑफिस में दिलीप कुमार के साथ मुशीर आलम और रियाज भी मौजूद थे. मुशीर ने पुलिस को अपना सारा किस्सा बताया. बगवान ने उनसे कुछ अहम सवाल पूछे, जैसे ‘हाजी अली से गंतव्य तक कितना समय लगा’, ‘सीढ़ियों की संख्या कितनी थी’, जहां किडनैपर्स ने उन्हें रखा वहां कैसी आवाज आ रही थी. मुशीर को ये सब याद था और उन्होंने वो सब कुछ बताकर पुलिस की मदद की.

किडनैपर्स की खुली पोल

क्राइम ब्रांच अधिकारी इसाक बगवान ने अंदाजा लगाया कि मुशीर को नागपाड़ा इलाके की किसी इमारत में ले जाया गया होगा. जब पुलिस वहां पहुंची, तो उन्हें वही कमरा मिला, जिसका जिक्र मुशीर ने किया था. वहां मौजूद लोगों ने बताया कि यह कमरा अमीरजादा-आलमजेब गैंग का है. पुलिस ने जांच जारी रखी और पाया कि इस गैंग ने दाऊद इब्राहिम को मारने की कई कोशिशों में अपने संसाधन खत्म कर लिए थे. इस वजह से उन्हें पैसों की जरूरत थी और उन्होंने मुशीर के एक सहयोगी अहमद सय्यद खान की मदद से उनका किडनैप करवाया.

दिलीप कुमार की जिद्द पर प्रोड्यूसर मुशीर आलम पुलिस के पास पहुंचे थे. फोटो साभार-फेसबुक

बॉलीवुड और अंडरवर्ल्ड के गठजोड़ उजागर

प्रोड्यूसर मुशीर आलम का अपहरण 80 के दशक की एक बड़ी घटना थी, जिसने बॉलीवुड और मुंबई के अंडरवर्ल्ड के गठजोड़ को उजागर किया. अगर मुशीर ने ‘शोले’ के पोस्टर और अन्य सुरागों को याद नहीं रखा होता तो शायद किडनैपर्स को पकड़ना मुश्किल हो जाता.

‘शक्ति’ हुई सुपरहिट

1 अक्टूबर 1982 में फिल्म ‘शक्ति’ रिलीज हुई. फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथ दिलीप कुमार की जोड़ी पहली बार स्क्रीन पर साथ नजर आई थी. दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन, राखी गुलजार, स्मिता पाटिल, कुलभूषण खरबंदा और अमरीश पुरी मुख्य भूमिकाओं में थे. यह फिल्म साल उस साल की आठवीं सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी थी. ‘शक्ति’ फिल्म बाद में सुपरहिट हुई. लेकिन इसके निर्माण के दौरान हुई यह घटना आज भी बॉलीवुड के इतिहास में एक रोमांचक किस्से के तौर पर याद की जाती है.



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