नई दिल्ली. आज के दौर में किसी देश की हवाई ताकत ही यह तय करती है कि जंग के हालात में वह दुश्मनों पर कितना भारी पड़ेगा. हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-पाकिस्तान में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला. भारत की हवाई ताकत के सामने पाकिस्तान कहीं नहीं टिक सका. भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने भी कमाल का काम किया और पाकिस्तान की सारी कोशिशों को नाकाम कर दिया. इस जंग में ड्रोन की ताकत भी देखने को मिली, जब भारत ने ड्रोन के जरिए पाकिस्तान के हजारों किलोमीटर अंदर तक घुसकर हमला किया.
भारत व फ्रांस यहां अपने अत्याधुनिक हथियारों से कॉम्बैट व गोलाबारी का अभ्यास कर रहे हैं. यहां आधुनिक हवाई खतरों से निपटने के लिए दोनों पक्षों ने मिलकर ड्रोन-रोधी तकनीक पर भी प्रशिक्षण लिया. इस अभ्यास में आक्रामक ड्रोन को निष्क्रिय करने वाले अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म्स का लाइव प्रदर्शन किया गया है. सेना के मुताबिक दोनों देशों की टुकड़ियां गहन संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण में लगी हुई हैं. इस संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण का उद्देश्य इंटरऑपरेबिलिटी (सह-कार्य क्षमता), सामरिक समन्वय और दोनों सेनाओं के बीच आपसी विश्वास को बढ़ाना है. संयुक्त युद्धाभ्यास ‘शक्ति’ का यह आठवां संस्करण है.
भारतीय सेना ने अपने स्वदेशी हथियारों की विश्वसनीयता, लचीलापन और सटीकता प्रस्तुत की. वहीं फ्रांसीसी दल ने अपनी प्रसिद्ध फ्रंटलाइन वेपन सिस्टम्स का उपयोग किया, जो बहुउपयोगी और टिकाऊ माने जाते हैं. सेना के मुताबिक लाइव फायरिंग और सामरिक अभ्यासों के दौरान दिखा सहयोग और समन्वय, दोनों सेनाओं की ऑपरेशनल रेडिनेस और कॉम्बैट दक्षता का परिचायक रहा.
सैन्य अभ्यास शक्ति का यह संस्करण भारत और फ्रांस के बीच गहरे रक्षा सहयोग का प्रतीक है. यह अभ्यास क्षेत्रीय स्थिरता, तकनीकी सहयोग और सामूहिक सुरक्षा लक्ष्यों के प्रति दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है. इस अभ्यास में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व जम्मू-कश्मीर राइफल्स की एक बटालियन के नेतृत्व में ऑल-आर्म्स टीम कर रही है, जबकि फ्रांसीसी सेना की ओर से 13वीं फॉरेन लीजन हाफ-ब्रिगेड भाग ले रही है.