बिरहाना रोड पर स्थापित प्राचीन तपेश्वरी देवी मंदिर के विकास कार्यों की डिजाइन तैयार हो गई है। यहां मंदिर तक जाने वाले मार्ग पर वाकिंग सिंथैटिक ट्रैक बिछाया जाएगा। साथ ही यात्री शेड का निर्माण, सोलर लाइटें, दर्शनार्थियों के लिये टॉयलेट ब्लॉक के साथ ही
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वाटर फूमिंग के कार्य व सुलभ प्रसाधन का होगा निर्माण
आर्य नगर क्षेत्र के विधायक अमिताभ बाजपेई ने बिरहाना रोड स्थित प्राचीन तपेश्वरी देवी मंदिर को विकसित करने के लिए प्रस्ताव दिया था, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा हो सके और पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा सके। विधायक ने मांग की थी कि मंदिर की एप्रोच रोड पर इंटरलॉकिंग का कार्य, दर्शनार्थियों के लिए शेड, मंदिर परिसर के बरामदे में वाटर फूमिंग का कार्य, सुलभ प्रसाधन का निर्माण कार्य समेत कई कार्य कराए जाएं।
इम्पैनलर्ड आर्किटेक्ट ने विकास कार्याें की रूपरेखा तैयार की
जिस पर उत्तर प्रदेश पर्यटन निदेशक प्रखर मिश्र ने 50 फीसदी सहभागिता की सहमति दी है। इसके साथ ही ड्राइंग बनाकर भेजने को कहा था। इसको लेकर इम्पैनलर्ड आर्किटेक्ट ने विकास कार्यों की रूपरेखा तैयार की है। मंदिर के निर्माण कार्यों में करीब 2 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
पर्यटन विभाग ने मांगी एनओसी
जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर मंदिर विकास के लिए भू-अभिलेख और एनओसी मांगी है। ताकि, निर्माण कार्य को लेकर कागजी कार्रवाई पूरी करने के साथ ही काम शुरू कराया जा सके।
यह है मंदिर की मान्यता
मान्यता है कि तपेश्वरी देवी मंदिर में जो भी भक्त यहां अखंड ज्योति जलाते हैं मां भगवती उनकी मनोकामना अवश्य पूरी करती हैं। यहां प्रदेश के कई जिलों से आकर भक्त मां के दर्शन करते हैं, और मां के दरबार में अखंड ज्योति जलाते हैं। बच्चों का यहां मुंडन भी होता है। मां के 108 नामों का जप नवरात्र में करते हैं। ऐसी मान्यता है कि मां के नामों का जप करने से पद, प्रतिष्ठा और ऐश्वर्य की कामना पूरी होती है।