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China- India Relations: भारत और चीन के संबंधों में दलाई लामा के उत्तराधिकार का मुद्दा एक बड़ा कांटा बन गया है. दिल्ली में चीन के दूतावास ने ये बयान जारी करते हुए कहा कि भारत को इस मुद्दे से दूर रहना चाहिए.
तिब्बत के मुद्दे पर चीन ने भारत को फिर से धमकी दी है.(Image: Social Media)
तिब्बतियों का मानना है कि किसी भी बड़े बौद्ध भिक्षु की आत्मा उसकी मौत के बाद पुनर्जन्म लेती है, लेकिन चीन का कहना है कि दलाई लामा के उत्तराधिकार को भी उसके नेताओं की मंजूरी लेनी होगी. तिब्बत में चीनी शासन के खिलाफ असफल विद्रोह के बाद, दलाई लामा 1959 से भारत में निर्वासन में रह रहे हैं. भारतीय विदेश संबंध विशेषज्ञों का कहना है कि उनकी मौजूदगी नई दिल्ली को चीन के खिलाफ बढ़त दिलाती है. भारत में लगभग 70,000 तिब्बती रहते हैं और एक निर्वासित तिब्बती सरकार भी है.
चीनी दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग ने कहा कि ‘शीजांग से जुड़ा मुद्दा चीन-भारत संबंधों में एक कांटा बन गया है और भारत के लिए बोझ बन गया है. ‘शीज़ांग कार्ड’ खेलना निश्चित रूप से अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा होगा.’ भारतीय संसदीय एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि एक बौद्ध अनुयायी के रूप में उनका मानना है कि केवल आध्यात्मिक गुरु और उनके कार्यालय को ही उनके पुनर्जन्म पर फैसला लेने का अधिकार है.
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …और पढ़ें
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