राजस्थान में बरसात के चलते बाढ़ नियंत्रण को लेकर उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों से जानकारी ली। उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने अधिकारियों से सवाल किया- जब आपके पास जलभराव या बाढ़ की सूचना आती है तो आप क्या एक्शन लेते हैं?
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उन्होंने अधिकारियों को एक्टिव मोड में रहने और सभी आवश्यक संसाधनों की पूर्व तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने जानकारी दी कि राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया जा चुका है। प्रत्येक जिला मुख्यालय पर भी नियंत्रण कक्ष क्रियाशील हैं।
प्रत्येक एईएन कार्यालय में 1000 भरे हुए और 5000 खाली मिट्टी के कट्टे, उपखंड स्तर पर कोल्ड मिक्स मटेरियल के 50 बैग तथा अन्य आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा, रेट कॉन्ट्रैक्ट भी किया जा चुका है। ताकि भारी बारिश या बाढ़ की स्थिति में सड़कों की मरम्मत तुरंत की जा सके।
प्रमुख एजेंसियों की भी हुई समीक्षा
बैठक में एनएचएआई, एनएच, आरएसआरडीसी, राजस्थान स्टेट हाईवे अथॉरिटी, पेचे बल व नॉन पेचे बल सड़कों सहित मिसिंग लिंक परियोजनाओं की भी विस्तृत समीक्षा की गई। उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि जनसुविधा से जुड़े कार्यों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
राज्य कंट्रोल रूम में नियुक्त अधिकारी के नंबर
- अशोक जांगिड़-9414548109
- जतिन दायमा-6375558012
- कृष्ण कुमार मीणा- 7891720742
(उपरोक्त अधिकारियों को राज्य कंट्रोल रूम का इंचार्ज नियुक्त किया गया है। आमजन इन नंबरों पर संपर्क कर अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकते हैं।)
जिला स्तर पर भी नियंत्रण कक्ष सक्रिय
उपमुख्यमंत्री ने कहा- केवल राज्य नहीं, प्रत्येक जिले में भी कंट्रोल रूम सक्रिय किए गए हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर ही समस्याओं का तत्काल समाधान हो सके। उन्होंने जिलाधिकारियों और PWD अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे स्वयं फील्ड विजिट करें और तैयारियों का जायजा लें।
बैठक में एसीएस पीडब्ल्यूडी प्रवीण गुप्ता, मुख्य अभियंता टी.सी. गुप्ता, नगर निगम, जेडीए, एनएचएआई के अधिकारी और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मुख्यालय और VC के माध्यम से उपस्थित रहे।
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने सोमवार को शासन सचिवालय में जयपुर जोन प्रथम एवं द्वितीय की सड़क व अन्य परियोजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की। बैठक में उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी लंबित कार्यों की स्पष्ट समय सीमा तय करें और उन्हें निर्धारित समय में पूरा करें। उन्होंने चेतावनी दी कि जो अधिकारी कार्यों को अनावश्यक रूप से लंबित रखेंगे, उन पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
बैठक में जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, सीकर, झुंझुनूं, अलवर, कोटपूतली-बहरोड़ जिलों की सड़क परियोजनाओं की माइक्रो लेवल पर समीक्षा की गई। उपमुख्यमंत्री ने वन, भूमि विवाद अथवा अन्य कारणों से अटकी परियोजनाओं को शीघ्र गति देने हेतु संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए।
पांच सप्ताह में देनी होगी प्रगति रिपोर्ट, हर हफ्ते होगी जोन वाइज समीक्षा बैठक
उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आगामी पांच सप्ताह में अधिकारी फील्ड विजिट की रिपोर्ट पेश करें, यह बताएं कि कहां निरीक्षण किया गया और वहां मिली खामियों में कितना सुधार किया गया। साथ ही, बैठक में दिए गए निर्देशों पर कितनी प्रगति हुई, इसकी विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाए।