नागपुर5 मिनट पहले
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नेशनल हाईवे-NH44 उत्तर से दक्षिण तक देश को जोड़ने वाला भारत का सबसे लंबा हाईवे है।
महाराष्ट्र के नागपुर में मंगलवार को हजारों किसानों ने कर्ज माफी का वादा पूरा करने की मांग पर प्रदर्शन किया। प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू कडू के नेतृत्व में किसानों ने करीब 7 घंटे तक नागपुर-हैदराबाद हाईवे (NH-44) जाम कर दिया।
किसानों ने कहा कि सरकार ने चुनावों के दौरान कर्ज माफी और फसल बोनस का वादा किया था, लेकिन अब तक किसी को राहत नहीं मिली। आंदोलनकारियों ने ‘सात बारा कोरा’ (हमारा कर्ज साफ करो) जैसे नारे लगाए। कडू ने चेतावनी दी है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो बुधवार दोपहर 12 बजे के बाद ट्रेनें रोक देंगे। बच्चू कडू ने दावा किया कि बुधवार को एक लाख और किसान, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं होंगी, आंदोलन में जुड़ेंगे।
किसानों के प्रदर्शन की 4 तस्वीरें…

युवाओं ने तिरछी गाड़ियां लगाकर सड़क जाम किया जिसमें एंबुलेंस भी फंस गई।

प्रदर्शन में बुजुर्ग भी शामिल हुए और कर्जमाफी के नारे लगाए।

सड़क पर हजारों की संख्या में किसानों ने जाम लगाया। आने-जाने वाले वाहन भी फंस गए।

महिलाओं ने सड़क पर लेटकर प्रदर्शन किया।
अब जानिए क्यों हुआ आंदोलन
किसानों का आरोप है कि राज्य सरकार ने चुनाव से पहले कर्ज माफी और बोनस देने का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। बच्चू कडू ने कहा कि ‘सरकार ने हर फसल पर 20% बोनस और सोयाबीन पर ₹6000 देने की बात कही थी, पर अब तक किसानों को कुछ नहीं मिला। मुख्यमंत्री के पास किसानों से मिलने का समय तक नहीं है।’
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पिछले एक साल में सूखा और ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। इसके बावजूद, सरकार ने मुआवजे की प्रक्रिया में ढिलाई दिखाई है। कडू ने कहा, ‘कर्ज में डूबे किसान आत्महत्या कर रहे हैं। जब तक पूरा कर्ज माफ नहीं किया जाता, हम यहां से नहीं हटेंगे।’
स्वाभिमानी पक्ष के नेता रवीकांत तुपकर ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “सरकार के पास हाईवे और मेट्रो प्रोजेक्ट्स के लिए पैसा है, लेकिन किसानों के लिए नहीं।

कौन हैं बच्चू कडू

पूर्व मंत्री बच्चू कडू
राज्य के पूर्व मंत्री रह चुके बच्चू कडू प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता और अचलपुर के विधायक महाराष्ट्र की राजनीति में अपने आक्रामक तेवर और जनआंदोलनों के लिए जाने जाते हैं। वे किसानों, युवाओं और दिव्यांगों के मुद्दों को उठाते हैं।
कहां हुआ प्रदर्शन
प्रदर्शन का मुख्य स्थल जामठा फ्लाईओवर था, जो समृद्धि एक्सप्रेसवे का एंट्री पॉइंट और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का गृह क्षेत्र माना जाता है। आंदोलनकारियों का कहना था कि सरकार को अब किसानों की तकलीफें सुननी ही होंगी।
2023 में सरकार ने शुरु की थी ‘नमो शेतकरी महासम्मान योजना’
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 2023 में ₹31,628 करोड का राहत पैकेज घोषित किया था, जिसमें बारिश से प्रभावित किसानों को ₹10,000 नकद सहायता देने की बात कही गई थी। राज्य सरकार के अनुसार, यह राहत 68 लाख हेक्टेयर फसल नुकसान और 29 जिलों के किसानों को कवर करेगी।
फडणवीस ने सितंबर में ‘नमो शेतकरी महासम्मान योजना’ की सातवीं किस्त के तहत ₹1,892.61 करोड़ राशि 91 लाख किसानों के खातों में ट्रांसफर की थी।हालांकि, किसानों का कहना है कि यह राहत नाकाफी है और केवल कर्ज माफी ही स्थायी समाधान है।

