पेरिस1 मिनट पहले
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राजधानी पेरिस में बुधवार सुबह प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तेज झड़प हुई है।
नेपाल के बाद अब फ्रांस में भी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। बजट में कटौती के खिलाफ और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के इस्तीफे की मांग को लेकर 1 लाख से ज्यादा लोग बुधवार को सड़क पर उतर आए हैं।
प्रदर्शनकारियों की कई जगह सुरक्षा बलों से झड़प हुई है। उन्होंने कई जगह तोड़फोड़ और आगजनी भी की है। सरकार ने 80 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया है। अब तक 200 से ज्यादा उपद्रवी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
फ्रांस में विरोध प्रदर्शन से जुड़ी तस्वीरें…

बुधवार को सरकार के खिलाफ उतरे उपद्रवियों ने राजधानी पेरिस में पुलिस पर कूड़ेदान फेंके।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को कंट्रोल करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े हैं।

उपद्रवियों ने बुधवार को राजधानी पेरिस की सड़कों पर आगजनी की है। इससे कई बसें जल गई हैं।

बुधवार को दक्षिणी फ्रांस के मार्सिले में सड़क बंद करने के लिए प्रदर्शनकारी गद्दा लेकर आए।

बुधवार से शुरू हुए प्रदर्शन में लोगों ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और एलवीएमएच के सीईओ बर्नार्ड अर्नाल्ट के विरोध में पोस्टर लहराए।

प्रदर्शन में शामिल एक उपद्रवी ने आंसू गैस की कैन को वापस पुलिस की तरफ फेंका।

प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर आगजनी करके टैफिक को रोकने की कोशिश की है, जिसे पुलिस और दमकलकर्मी हटा रहे हैं।

पेरिस में एक स्कूल पर कड़ेदान जलाकर कर सड़क को ब्लॉक कर दिया गया। दमकल कर्मियों ने आग पर काबू करके सड़क को खोला।
फ्रांस में विरोध प्रदर्शन से जुड़े अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…
लाइव अपडेट्स
1 मिनट पहले
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एक साल के भीतर चौथे पीएम होंगे लेकोर्नु
सेबेस्टियन लेकोर्नु एक साल से भी कम समय में फ्रांस के चौथे प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार हैं। आज दोपहर को पेरिस में पूर्व प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू उन्हें आधिकारिक तौर पर सत्ता सौपेंगे।

लेकोर्नु के लिए बटे हुए संसद में बजट पारित कराना बड़ी चुनौती है।
13 मिनट पहले
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पेरिस में मुख्य सड़क ब्लॉक करने की कोशिश
पेरिस में बुधवार सुबह ऑफिस टाइम के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई बार शहर की बेल्टवे (मुख्य सड़क मार्ग) को जाम करने की कोशिश की।
एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर बैरिकेड लगाए, पुलिस पर सामान फेंके।
21 मिनट पहले
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पिछले साल भी बजट पेश करने के बाद PM को इस्तीफा देना पड़ा था
फ्रांस की राजनीति में बजट हमेशा टकराव का बड़ा कारण रहा है। हर साल इसके जरिए यह तय होता है कि सरकार किन क्षेत्रों पर खर्च बढ़ाएगी और कहाँ कटौती करेगी, और यही सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच खींचतान की जड़ बनता है।
पिछले साल 2025 में भी यही हुआ। प्रधानमंत्री मिशेल बार्नियर ने संसद में बजट पेश किया, लेकिन उस पर भारी विवाद खड़ा हो गया।
वामपंथी दलों ने आरोप लगाया कि बजट गरीब और आम जनता के खिलाफ है, क्योंकि इसमें सामाजिक कल्याण योजनाओं में कटौती की गई है। दूसरी तरफ दक्षिणपंथी दलों को शिकायत थी कि टैक्स और वित्तीय नीतियां उनके हितों पर चोट करती हैं।
आम तौर पर एक-दूसरे के धुर विरोधी ये दोनों खेमे इस बार सरकार के खिलाफ एकजुट हो गए। उन्होंने संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाकर कहा कि बार्नियर की सरकार अब भरोसे के लायक नहीं रही।
दिसंबर 2025 में हुए मतदान में सरकार अल्पमत में आ गई और प्रस्ताव पास हो गया। इसके साथ ही बार्नियर की सरकार गिर गई और राष्ट्रपति को नया प्रधानमंत्री चुनना पड़ा।
25 मिनट पहले
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पेरिस में 132 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार
पेरिस पुलिस ने बताया कि अब तक वहां हुए प्रदर्शनों में 132 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। अब तक पूरे देश में 200 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।
विरोध प्रदर्शन कर रहे सीजीटी यूनियन ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि असली समस्या मैक्रों और उनके काम करने के तरीके की है। जब तक उनकी विदाई नहीं होती प्रदर्शन चलता रहेगा।

पेरिस में प्रदर्शन के दौरान धुएं के पास से गुजरती महिला।
31 मिनट पहले
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पीएम ने सख्त बजट पेश किया, सत्ता गंवाई
फ्रांस के पूर्व प्रधानमंत्री बायरू ने जुलाई में साल 2026 के लिए बजट फ्रेमवर्क पेश किया था, जिसमें लगभग 44 अरब यूरो (करीब 4 लाख करोड़ रुपए) बचाने की योजना शामिल थी।
बायरू का कहना था कि देश का कर्ज अब बहुत ज्यादा बढ़ चुका है और इसे कंट्रोल करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि फ्रांस का कर्ज देश की GDP का 113% हो चुका है।
अगर सरकार अभी से खर्चों को नहीं घटाएगी और टैक्स व अन्य राजस्व में सुधार नहीं करेगी, तो आने वाले सालों में फ्रांस की अर्थव्यवस्था पर बहुत बड़ा बोझ पड़ सकता है।लेकिन इस बजट फ्रेमवर्क में शामिल खर्च कटौती और बचत की योजना पर काफी विवाद हुआ।
वामपंथी दलों और मजदूर यूनियनों का कहना है कि इससे आम लोगों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा और सामाजिक योजनाओं में कटौती होगी। इसी वजह से विरोध तेज हो गया।
इसी बजट प्रस्ताव को लेकर संसद में विश्वास मत हुआ, जिसमें बायरू सरकार हार गई। यानी संसद ने उनके बजट और उनकी आर्थिक नीति पर भरोसा जताने से इनकार कर दिया। इसके चलते उनकी सरकार गिर गई और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को नया प्रधानमंत्री चुनना पड़ा।
45 मिनट पहले
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30 से ज्यादा जगहों पर प्रदर्शन
फ्रांस में बुधवार से शुरू हुए ‘ब्लॉक एवरीथिंग’ यानी ‘सब कुछ रोक दो’ मूमेंट में 30 से ज्यादा जगहों पर प्रदर्शन हो रहे हैं।
इस प्रदर्शन में 1 लाख से ज्यादा लोग शामिल हैं। इस प्रदर्शन को वामपंथी पार्टी फ्रांस अनबाउंड (LFI) का भी समर्थन मिला है। इसी बीच फ्रांस के ट्रेड यूनियनों ने भी कहा था कि वे 18 सितंबर को बजट प्रस्तावों के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे।
48 मिनट पहले
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विरोध प्रदर्शन कर रहे 200 लोग गिरफ्तार
फ्रांस के गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलो ने बताया कि बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने कई शहरों और कस्बों में सड़कों को जाम कर दिया।
जगह-जगह पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं। हालात काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। मंत्री ने कहा कि आंदोलन की शुरुआत में ही करीब 200 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।
49 मिनट पहले
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सोशल मीडिया से शुरू हुआ ब्लॉक एवरीथिंग मूवमेंट
ब्लॉक एवरीथिंग मूवमेंट सोशल मीडिया पर शुरू हुआ। इसमें 10 सितंबर को देशभर में सबकुछ बंद करने की अपील की गई थी। यह आंदोलन प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके फ्रांस्वा बायरो की बजट नीतियों के खिलाफ शुरू हुआ था।
बायरो ने सार्वजनिक खर्च में लगभग 4 लाख करोड़ रुपए की कटौती कर दी थी। इससे देशभर में पेंशन पर रोक लग गई थी और बाकी कई सामाजिक योजनाओं में कटौती कर दी गई थी। इससे लोग नाराज हो गए थे।
49 मिनट पहले
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राष्ट्रपति मैक्रों ने रक्षा मंत्री लेकोर्नू को नया प्रधानमंत्री बनाया
फ्रांस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रक्षा मंत्री लेकोर्नू को नया प्रधानमंत्री बनाया है। सेबेस्टियन लेकोर्नू राष्ट्रपित मैक्रों के करीब माने जाते हैं। मैक्रों के कई मिशनों को इन्होंने सफल बनाया है।
फ्रांस में एक साल में चौथी बार प्रधानमंत्री की नियुक्ति हुई है। इससे पहले सोमवार को विश्वास मत न मिलने की वजह से पीएम फ्रांस्वा बायरू ने इस्तीफा दिया था।
पिछले साल सितंबर में गैब्रियल अटल के इस्तीफे के बाद माइकल बर्नियर पीएम बने थे। दिसंबर में उनके इस्तीफे के बाद बायरू ने पद संभाला था। लेकिन फ्रांस का वित्तीय घाटा कम न कर पाने की वजह से उनकी सरकार गिर गई।
मैक्रों ने नए पीएम लेकोर्नू को साल 2026 के लिए बजट पेश करने और संसद को सहमत करने की जिम्मेदारी सौंपी है। राष्ट्रपति मैक्रों कहा कि पीएम लेकोर्नू बजट के लिए संसद में सभी पार्टियों से सलाह लेंगे।

