Sunday, July 6, 2025
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पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ मिलकर गठबंधन बना रहा चीन: साका अलायंस बनाने की तैयारी; भारत के पड़ोसियों को अपने पाले में करने में जुटा


2 मिनट पहलेलेखक: वॉशिंगटन से भास्कर के लिए यशवंत राज

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भारत के खिलाफ एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) की बैठक में बेनकाब हुआ चीन एक और कूटनीतिक साजिश रच रहा है। चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश की बैठक के बाद ये तीनों देश साका (साउथ एशिया-चाइना अलायंस) बनाने की तैयारी में हैं।

दक्षिण एशिया-चीन सहयोग पर आधारित ये संगठन सार्क (दक्षिण एशियाई सहयोग संगठन) का चीनी जवाब माना जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार अगस्त में इस प्रस्तावित साका अलायंस की इस्लामाबाद में बैठक प्रस्तावित है। इसमें श्रीलंका, मालदीव और अफगानिस्तान को भी शामिल किया जा सकता है।

चीन इन तीनों देशों में अपने राजदूतों के जरिए पिछले कुछ समय से कवायद छेड़े हुए है। बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान और मालदीव इस संगठन में शामिल होने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे चुके हैं।

चीन में SCO समिट से इतर तीनों देशों के मंत्रियों ने एक बैठक की।

चीन में SCO समिट से इतर तीनों देशों के मंत्रियों ने एक बैठक की।

2014 के बाद से सार्क देशों की बैठक नहीं हुई

सार्क देशों की आखिरी पूर्ण बैठक 2014 में काठमांडू में हुई ​थी। 2016 के बाद से ही सार्क संगठन निष्क्रिय चल रहा है।

2020 में इस्लामाबाद में विदेश मंत्रियों की बैठक प्रस्तावित थी, लेकिन उरी आतंकी हमले के बाद भारत ने इसका बायकॉट किया था। तब भूटान, अफगानिस्तान और श्रीलंका ने भी आतंकवाद के विरोध में इस बैठक का बायकॉट किया था।

बता दें कि चीन का सबसे ज्यादा निवेश दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा लगभग 60 अरब डॉलर पाकिस्तान में है। लिहाजा पाक ही चीन के साका का मध्यस्थ बना हुआ है।

एक्सपर्ट बोले- चीन हमारे पड़ोसियों को अपने पाले में ला रहा है

इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व जॉइंट डायरेक्ट और पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त रहे अविनाश मोहनानी के मुताबिक चीन सुपरपावर मॉडल पर काम कर रहा है। सालों से अमेरिका दुनिया में अपने ब्लॉक के देशों की संख्या बढ़ा रहा है।

चीन का आउटरीच अब हमारे पड़ोस तक आ चुका है। पाकिस्तान व बांग्लादेश के साथ सार्क को बदल कर नया गठजोड़ बना रहा है। दक्षिण एशिया में पाकिस्तान चीन का सबसे बड़ा पिछलग्गू है।

बांग्लादेश को भी पाकिस्तान ने साध कर चीन के पाले में बैठा दिया है। नेपाल, भूटान और श्रीलंका पर भी चीन की छाया पड़ चुकी है। हमारे लिए सबसे बड़ा अलर्ट है कि पड़ोसी हमारे और राग चीन का गा रहे हैं।

सार्क में यदि कोई समस्या थी तो हमें इस पर काम करना चाहिए था, लेकिन हमने इस दिशा में काम नहीं किया। इस बिग ब्रदर वैक्यूम को चीन भर रहा है।

मोहनानी बोले- चीन को काउंटर करना जरूरी

अविनाश मोहनानी के मुताबिक चीन एससीओ, अरब और अफ्रीका अलायंस से अपना प्रभुत्व बढ़ा रहा है। अब भारत को काउंटर पॉलिसी पर काम करना होगा। यानी नेबरहुड फर्स्ट। पहले पड़ोस की सुध लेनी होगी।

भारत को इसके लिए तीन चरणों में काम करना होगा….

  • सॉफ्ट पावर- सभी पड़ोसी देशों के साथ हमारे सांस्कृतिक संबंध हैं। इन्हें फिर से शुरू करना हाेगा।
  • आर्थिक संबंध- भारत इकोनॉमिक पावर है। इन देशों के साथ व्यापार को बढ़ाना होगा। जरूरत पड़े तो आसान शर्तों पर ऋण देने का कदम उठाया जा सकता है।
  • तीसरा- टेक ट्रांसफर- पड़ोसी देशों को टेक्निकल असिस्टेंस बढ़ानी होगी। चीन इसमें आगे बढ़ रहा है।

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