जवाहर कला केंद्र में चल रही समर वर्कशॉप में कैलीग्राफी आर्टिस्ट हरिशंकर बालोदिया बच्चों को सुंदर अक्षर बनाने के साथ ही पेन को सही तरीके से पकड़ना, हाथों की गति को कंट्रोल करना, अक्षरों का सही एंगल समझना और मोटे-पतले स्ट्रोक्स में संतुलन बनाना भी सिखा
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वर्कशॉप सीखने के लले बच्चे 0.1 मिमी से 6 मिमी तक की निब वाले पेन का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्हें सिखाया जा रहा है कि लिखावट को दाईं ओर 40 डिग्री के एंगल पर झुका कर कैसे लिखा जाए। यही कैलीग्राफी की शुरुआत का बेसिक हिस्सा है। इसके बाद अलग-अलग एंगल जैसे 20 से 45 डिग्री पर अक्षर बनाना भी सिखाया जाता है। टीचर का मानना है कि कैलीग्राफी में पेन को सही तरीके से पकड़ना सीखना सबसे जरूरी चीज है। यहीं से सही कैलीग्राफी की शुरुआत होती है। ट्रेनर ने बताया कि इस आर्ट को सीखने से बच्चों का कॉन्फिडेंस बढ़ता है। उनका ध्यान और एकाग्रता मजबूत होती है। इसके अलावा हाथ और आंखों के बीच कॉर्डिनेशन भी बेहतर होता है। 10 जुलाई तक चलने वाली वर्कशॉप में 10 से 18 साल तक के बच्चे हिस्सा ले रहे हैं।
पेन को सही तरीके से पकड़ना सीखना सबसे जरूरी चीज है। यहीं से सही कैलीग्राफी की शुरुआत होती है। ट्रेनर ने बताया कि इस आर्ट को सीखने से बच्चों का कॉन्फिडेंस बढ़ता है। उनका ध्यान और एकाग्रता मजबूत होती है। इसके अलावा हाथ और आंखों के बीच कॉर्डिनेशन भी बेहतर होता है। 10 जुलाई तक चलने वाली वर्कशॉप में 10 से 18 साल तक के बच्चे हिस्सा ले रहे हैं।
इमोशंस को डांस के जरिए एक्सप्रेस करना सिखाया
यहां समर डांस वर्कशॉप में 10 से 17 साल के बच्चे हिस्सा ले रहे हैं। इसमें डांस टीचर पंकज कुमार बच्चों को डांस की नई तकनीक के साथ-साथ इमोशंस को डांस के जरिए एक्सप्रेस करना सिखा रहे हैं। बच्चे फेस एक्सप्रेशन को बॉडी मूवमेंट के साथ कॉर्डिनेट करना भी सीख रहे हैं। इस वर्कशॉप में भाग ले रहे बच्चे 16 और 17 जून को जेकेके के मंच पर अपनी परफॉर्मेंस देंगे। वर्कशॉप 20 जून तक चलेगी।