प्रयागराज2 मिनट पहले
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संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों के बढ़ते जलस्तर ने शहर के निचले इलाकों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। रविवार को छोटा बघाड़ा क्षेत्र में बाढ़ का पानी गलियों से होते हुए कई घरों में घुस गया, जिससे लोगों में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। प्रशासन ने इसके लिए पहले से चेतावनियों को जारी किया था। लेकिन बाढ़ की गति तेज होती जा रही है और जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है।
छोटा बघाड़ा, जो पहले से ही जलभराव से प्रभावित क्षेत्र रहा है, इस बार पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। गंगा और यमुना दोनों की जलधारा में तेजी से हुए इजाफे के कारण पानी ने घरों का रास्ता पकड़ लिया है। सुबह के वक्त जब लोग नींद से जागे, तो उन्हें अपने आंगन और कमरों में घुटनों तक पानी भरा मिला।



स्थानीय निवासी नीरज वर्मा बताते हैं कि बिजली पहले ही काट दी गई थी और अब पीने के पानी की किल्लत भी बढ़ती जा रही है। बच्चों और बुजुर्गों को लेकर लोग बेहद चिंतित हैं। कई परिवारों ने ऊपरी मंजिलों में शरण ली है, जबकि दर्जनों परिवार एनी बेसेंट स्कूल में अस्थायी राहत के लिए शरण ले चुके हैं।
एनी बेसेंट स्कूल में शरण लिए हुए बाढ़ पीड़ितों में छात्रों की संख्या भी ज्यादा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी के साथ-साथ अब सांप, बिच्छू और अन्य जहरीले जलचर जानवर भी घरों में घुसने लगे हैं, जिससे खतरा और बढ़ गया है। इसके साथ ही गंदे पानी और कीचड़ के चलते बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है।
प्रशासन ने राहत कार्य तेज कर दिए हैं। नगर निगम की नावें बाढ़ प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें मौके पर भेजी गई हैं ताकि संक्रमण और जलजनित बीमारियों से बचाव किया जा सके। बाढ़ राहत केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 30 कर दी गई है।
फिलहाल, जिला प्रशासन ने पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं और प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है।