Tuesday, November 4, 2025
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भारत की एंट्री 6th-Gen फाइटर जेट डील में! राफेल से 100 गुना तेज, पाक होगा खत्म


Agency:एजेंसियां

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India 6th Gen Fighter Jet Deal: भारत की 6th-Gen फाइटर जेट डील में एंट्री की चर्चा से खलबली मच गई है. यहां तक कि पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ गई है. राफेल से भी 100 गुना ताकतवर जेट बना सकता है भारत को एशिया का सुपरपावर.

भारत की एंट्री 6th-Gen फाइटर जेट डील में! राफेल से 100 गुना तेज, पाक होगा खत्मफ्रांस-जर्मनी FCAS प्रोजेक्ट पर संकट, भारत के जुड़ने की संभावना. (AI फोटो)
India 6th Gen Fighter Jet Deal: भारत का नाम जब भी फाइटर जेट्स की ताकत पर आता है तो पाकिस्तान की धड़कनें तेज हो जाती हैं. राफेल आने के बाद ही इस्लामाबाद में बेचैनी बढ़ गई थी. लेकिन अब हालात और भी डरावने हो सकते हैं. वजह है यूरोप का €100 अरब का 6th-Generation Fighter Jet प्रोजेक्ट. इसमें भारत की संभावित एंट्री की चर्चा तेज हो गई है. अगर भारत इस डील का हिस्सा बनता है तो पाकिस्तान की इंडियन एयरफोर्स का मुकाबला करना उसके लिए सपने जैसा होगा.

फ्रांस और जर्मनी के बीच इस प्रोजेक्ट को लेकर बड़ा टकराव चल रहा है. दोनों देश काम के बंटवारे पर सहमत नहीं हो पा रहे. नतीजा यह है कि जर्मनी नए पार्टनर की तलाश कर रहा है और यही भारत के लिए सुनहरा अवसर साबित हो सकता है. अगर भारत इस प्रोजेक्ट में शामिल होता है तो उसे भविष्य की सबसे खतरनाक टेक्नोलॉजी मिलेगी… एक ऐसा फाइटर जेट जो राफेल से भी कई गुना ताकतवर होगा.

  • दासो (फ्रांस): नेक्स्ट-जनरेशन फाइटर (NGF) डिजाइन
  • एयरबस (जर्मनी/स्पेन): ड्रोन और क्लाउड टेक्नोलॉजी
  • सफरान (फ्रांस): इंजन
  • इंद्रा (स्पेन): सेंसर
लेकिन इस समय मामला अटका है क्योंकि फ्रांस का दासो NGF पर 80% हिस्सेदारी चाहता है. वहीं जर्मनी इसे बराबर बांटना चाहता है.

भारत को क्यों मिल सकता है मौका?
जर्मनी ने साफ कहा है कि अगर साल के अंत तक फ्रांस से बात नहीं बनी तो वह नए पार्टनर से हाथ मिलाएगा. ब्रिटेन पहले से ही जापान और इटली के साथ GCAP प्रोजेक्ट में है. वहीं स्वीडन का साब (Saab) भी विकल्प है. लेकिन भारत एक ऐसा देश है जिसके पास

  • मजबूत रक्षा उद्योग,
  • राफेल और सफरान के साथ मौजूदा साझेदारी,
  • और चीन-पाकिस्तान का मुकाबला करने की रणनीतिक जरूरत है.
यही वजह है कि भारत को इसमें शामिल करने की संभावना खुली हुई है.

पाकिस्तान क्यों हो जाएगा बेबस?
चीन पहले ही 300 से ज्यादा J-20 फाइटर जेट्स तैनात कर चुका है और 2035 तक 1000 बनाने का लक्ष्य रखता है. पाकिस्तान चीन से J-35 लेने की फिराक में है. अगर भारत के पास 6th-Gen जेट्स आ जाते हैं तो पाकिस्तान की वायुसेना तकनीकी और ऑपरेशनल दोनों स्तर पर बहुत पीछे छूट जाएगी. राफेल की एंट्री ने ही पाकिस्तान को रक्षात्मक बना दिया था. 6th-Gen जेट्स आने पर पाकिस्तान की तुलना भारत से करना ही बेमानी होगा.

भारत का AMCA और FCAS का लिंक
भारत खुद का 5th-Gen फाइटर AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) बना रहा है. लेकिन यह प्रोजेक्ट 2035 तक ही ऑपरेशनल हो पाएगा. विशेषज्ञों का कहना है कि AMCA और FCAS की टेक्नोलॉजी को जोड़कर भारत भविष्य की एयर पावर का हब बन सकता है.

एयर मार्शल (रिटा.) अनिल चोपड़ा का कहना है-

भारत को तुरंत 6th-Gen टेक्नोलॉजी पर काम शुरू करना होगा. FCAS से जुड़ने का मतलब है कि हम चीन और पाकिस्तान से कई दशक आगे हो जाएंगे.

भारत के लिए फायदे

  1. फ्रांस के साथ साझेदारी और मजबूत होगी.
  2. Safran इंजन और राफेल ऑपरेटिंग एक्सपीरियंस FCAS में मदद करेगा.
  3. भारत को ड्रोन-स्वॉर्म और AI-आधारित एयर वारफेयर टेक्नोलॉजी मिलेगी.
  4. चीन-पाकिस्तान के खतरे का जवाब पहले से बेहतर मिलेगा.
  5. भारत रक्षा निर्यात के मामले में भी बड़ी छलांग लगा सकेगा.

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Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, …और पढ़ें

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, … और पढ़ें

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