Monday, December 1, 2025
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भारत को खाद, रेयर-अर्थ मेटल और टनल मशीन देगा चीन: जुलाई में निर्यात पर बैन लगाया था; चीनी विदेश मंत्री ने सहयोग का भरोसा दिया


नई दिल्ली32 मिनट पहले

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चीन ने भारत को भारत को खाद, रेयर अर्थ और टनल बोरिंग मशीन की सप्लाई करेगा। ANI की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के विदेश मंत्री मंत्री वांग यी ने भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को आश्वासन दिया कि इन जरूरतों को पूरा किया जाएगा।

वांग यी सोमवार को दो दिन के दौरे पर भारत पहुंचे। उन्होंने कल जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बातचीत की थी। इस दौरान दोनों देशों ने आपसी रिश्तों को आगे बढ़ाने और सहयोग बनाए रखने पर सहमति जताई।

चीन की सरकारी एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, वांग यी ने कहा,

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दुनिया में हालात तेजी से बदल रहे हैं। फ्री ट्रेड और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। भारत और चीन, जो सबसे बड़े विकासशील देश हैं और जिनकी आबादी मिलकर 2.8 अरब से ज्यादा है, उन्हें जिम्मेदारी दिखाते हुए एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए।

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वांग ने भरोसा जताया कि चीन भारत समेत पड़ोसी देशों के साथ मिलकर शांति, सुरक्षा और समृद्धि वाला माहौल बनाने के लिए तैयार है।

वांग ने भरोसा जताया कि चीन भारत समेत पड़ोसी देशों के साथ मिलकर शांति, सुरक्षा और समृद्धि वाला माहौल बनाने के लिए तैयार है।

आज NSA अजित डोभाल से मिले वांग यी

वांग यी ने आज भारत के NSA अजित डोभाल के साथ सीमा मुद्दे पर बात की। वांग यी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में जो समस्याएं आई हैं, वे दोनों देशों के लोगों के हित में नहीं थीं।

उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई मुलाकात का जिक्र भी किया।

चीनी विदेश मंत्री ने इसे मुलाकात को द्विपक्षीय रिश्तों की दिशा तय करने वाला और सीमा विवाद को सुलझाने में नया जोश देने वाला बताया।

यह बैठक भारत-चीन के बीच चल रहे 24वें स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव (SR) लेवल टॉक्स का हिस्सा थी।

यह बैठक भारत-चीन के बीच चल रहे 24वें स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव (SR) लेवल टॉक्स का हिस्सा थी।

वहीं NSA अजीत डोभाल ने भरोसा जताया कि यह वार्ता भी पिछली वार्ता की तरह सफल रहेगी। उन्होंने कहा,

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हमारे प्रधानमंत्री जल्द ही SCO शिखर सम्मेलन में शामिल होने चीन जाएंगे।

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डोभाल ने आगे कहा कि पिछले कुछ समय में रिश्तों में सुधार हुआ है, सीमा पर शांति और स्थिरता बनी हुई है, हमारे द्विपक्षीय संबंध ज्यादा ठोस हुए हैं।

गौरतलब है कि भारत-चीन संबंध 2020 में पूर्वी लद्दाख की तनातनी के बाद बिगड़े थे। लेकिन हाल के महीनों में बातचीत और समझौतों के जरिए रिश्तों में सुधार की कोशिशें तेज हुई हैं।

चीन ने पिछले महीने भारत को जरूरी मशीनों की डिलीवरी रोकी

चीन ने जुलाई 2025 की शुरुआत में भारत को जरूरी मशीनों और पार्ट्स की डिलीवरी रोक लगा दी थी। ये मशीनें और पार्ट इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टर्स के लिए बेहद जरूरी हैं।

इसके अलावा, भारत में आईफोन बनाने वाली कंपनी फॉक्सकॉन ने अपने 300 से ज्यादा चीनी इंजीनियर्स और टेक्नीशियन्स को भारत से वापस बुलाने का निर्देश दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन ने ऐसा भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को प्रभावित करने के लिए किया।

इससे पहले अप्रैल में चीन ने सात रेयर अर्थ मटेरियल के एक्सपोर्ट पर सख्त पाबंदियां लगा दी थीं। इनके आयात के लिए स्पेशल लाइसेंस जरूरी कर दिया था। इसकी वजह से भारत को होने वाली सप्लाई रुक गई।

चीन ने क्यों लगाए प्रतिबंध?

चीन ने रेयर अर्थ मैटेरियल्स के एक्सपोर्ट पर सख्ती इसलिए की है, क्योंकि वो इन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा और गैर-सैन्य इस्तेमाल से जोड़ता है।

अप्रैल 2025 में लागू हुए नए नियमों के तहत, हर इम्पोर्टर को “एंड-यूजर सर्टिफिकेट” देना होगा, जिसमें ये साबित करना होगा कि मैग्नेट्स का इस्तेमाल सैन्य कामों या अमेरिका को री-एक्सपोर्ट के लिए नहीं होगा।

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