Monday, November 3, 2025
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मुंबई में आज MVA-MNS की चुनाव आयोग के खिलाफ रैली: पुलिस ने परमिशन नहीं दी; फिर साथ नजर आएंगे उद्धव और राज ठाकरे


मुंबई24 मिनट पहले

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तस्वीर मुंबई के वर्ली सभागार में ‘मराठी विजय रैली’ की है, जहां 5 जुलाई 2025 को उद्धव-राज 20 साल बाद एक मंच पर दिखे थे।

महा विकास अघाड़ी (MVA) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) आज मुंबई में रैली निकालने वाले हैं। यह रैली महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मतदाता सूची में हेराफेरी के विरोध में आयोजित की जा रही है।

विपक्षी दलों का आरोप है कि 2024 के विधानसभा चुनावों में लगभग 96 लाख फर्जी वोट जोड़े गए थे। इस रैली में एमवीए और मनसे दोनों के कई नेताओं के शामिल होने की संभावना है।

रैली में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे शामिल हो सकते हैं। 26 अक्टूबर को राज ठाकरे ने लोकल बॉडी इलेक्शन से पहले दावा किया था कि आयोग ने 96 लाख फर्जी मतदाता जोड़े हैं।

हालांकि पुलिस ने इस रैली के लिए कोई परमिशन नहीं दी है, लेकिन इसके बावजूद रैली दोपहर 1 बजे शुरू होगी और मुंबई के मेट्रो सिनेमा से लेकर बीएमसी कार्यालय तक जाएगी।

20 साल बाद एक हुए उद्धव-राज

2006 में बाला साहेब ठाकरे की रैली में साथ दिखने के करीब 20 साल बाद जुलाई 2025 में एक मंच पर साथ नजर आए थे। उद्धव को शिवसेना का मुखिया बनाने के बाद राज ने अलग पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) बनाई थी। तब दोनों के रिश्ते अच्छे नहीं थे। रैली के बाद उद्धव-राज की यह फोटो शिवसेना ने सोशल मीडिया पर शेयर की है।

लोकल बॉडी इलेक्शन से पहले लगाया था फर्जी वोटर्स जोड़ने का आरोप

मुंबई में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले मनसे प्रमुख ने कहा था कि हमें पता चला है कि 96 लाख फर्जी मतदाता जोड़े गए हैं। यह महाराष्ट्र और देश के मतदाताओं का अपमान है। सभी समूह अध्यक्षों, शाखा अध्यक्षों और चुनाव सूची प्रमुखों को घर-घर जाकर वोटों की गिनती करनी चाहिए। मैं चुनाव आयोग से अनुरोध करता हूं कि जब तक यह सब साफ नहीं हो जाता, तब तक महाराष्ट्र में चुनाव न कराए जाएं।”

जानिए, राज और उद्धव ठाकरे के बीच फूट कैसे पड़ी थी…

2003 में महाबलेश्वर में पार्टी का अधिवेशन हुआ। यहां बाला साहेब ठाकरे ने राज से कहा कि उद्धव को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष अनाउंस करो।

2003 में महाबलेश्वर में पार्टी का अधिवेशन हुआ। यहां बाला साहेब ठाकरे ने राज से कहा कि उद्धव को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष अनाउंस करो।

1989 से राजनीति में सक्रिय हैं राज ठाकरे: 1989 में राज ठाकरे 21 साल की उम्र में शिवसेना की स्टूडेंट विंग, भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष थे। राज इतने सक्रिय थे कि 1989 से लेकर 1995 तक 6 साल के भीतर उन्होंने महाराष्ट्र के कोने-कोने के अनगिनत दौरे कर डाले। 1993 तक उन्होंने लाखों की तादाद में युवा अपने और शिवसेना के साथ जोड़ लिए। इसका नतीजा ये हुआ कि पूरे राज्य में शिवसेना का तगड़ा जमीनी नेटवर्क खड़ा हो गया।

2005 में शिवसेना पर उद्धव हावी होने लगे: 2002 तक राज ठाकरे और उद्धव शिवसेना को संभाल रहे थे। 2003 में महाबलेश्वर में पार्टी का अधिवेशन हुआ। बालासाहेब ठाकरे ने राज से कहा- ‘उद्धव को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाओ। राज ने पूछा, ‘मेरा और मेरे लोगों का क्या होगा।’ 2005 तक उद्धव पार्टी पर हावी होने लगे थे। पार्टी के हर फैसले में उनका असर दिखने लगा था। ये बात राज ठाकरे को अच्छी नहीं लगी।

राज ठाकरे ने पार्टी छोड़ी, MNS का ऐलान किया : 27 नवंबर 2005 को राज ठाकरे के घर के बाहर हजारों समर्थकों की भीड़ इकट्ठा हुई। यहां राज ने समर्थकों से कहा, ‘मेरा झगड़ा मेरे विट्ठल (भगवान विठोबा) के साथ नहीं है, बल्कि उसके आसपास के पुजारियों के साथ है।

कुछ लोग हैं, जो राजनीति की ABC को नहीं समझते हैं। इसलिए मैं शिवसेना के नेता के पद से इस्तीफा दे रहा हूं। बालासाहेब ठाकरे मेरे भगवान थे, हैं और रहेंगे।’

9 मार्च 2006 को शिवाजी पार्क में राज ठाकरे ने अपनी पार्टी ‘महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना’ यानी मनसे का ऐलान कर दिया। राज ने मनसे को ‘मराठी मानुस की पार्टी’ बताया और कहा- यही पार्टी महाराष्ट्र पर राज करेगी।



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