जिस भोलेनाथ ने मुझे इशांत से मिलवाया, हमारी शादी कराई उस भगवान ने सावन के पहले सोमवार पर मेरे इशांत को मुझसे छीन लिया। अब मैं क्यूं जियूं? इशांत दर्द से तड़प रहे थे, मैं उनको 2-2 अस्पतालों में लेकर भागी, उनको दिलासा देती रही फिर भी उनको बचा नहीं पाई।
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ये बातें मेरठ में नहाते समय पति की हार्टअटैक से मौत के बाद पत्नी प्रेरणा ने कही। पति की मौत के बाद उसके आंसू नहीं थम रहे। वो बार-बार उस कमरे में जाती है। जहां उसके पति की अर्थी रखी गई थी।
वहां फर्श को चूमती है तो कभी उस जगह पर हाथ फेरकर खुद से सवाल करती है कि ईशू कहां है? लेकिन उसे पता है कि उसका ईशू अब कभी नहीं आएगा…रोते रोते प्रेरणा अचानक शांत हो जाती है। मेरठ में डीएम कार्यालय के कर्मचारी इशांत की पत्नी प्रेरणा सोमवार सुबह से बेसुध है। वह रिश्तेदारों से पूछती कि मेरा ईशू कहां है? उसको ले आओ…।
इशांत को घूमने-फिरने का शौक था। वे पॉलिटिक्स में भी रुचि रखते थे।
ये मेरा इशांत है यहां से सब चले जाओ इशांत अपनी पत्नी प्रेरणा के साथ तहसील में बने सरकारी क्वार्टर में फर्स्ट फ्लोर पर रहता था। अस्पताल में डॉक्टर्स ने इशांत को डेड डिक्लेयर किया। इसके बाद उसकी डेडबॉडी घर लाई गई।पड़ोस और रिश्तेदारी की महिलाएं जब उसे संभालती तो वो रोते हुए कहती इस कमरे में मेरा इशांत है सारे लोग जाओ।
वो बार-बार इशांत की तस्वीर हाथ में लेकर उसे दुलारती है। कभी सिसक कर रोने लगती है।
शिवजी आपने मुझे इशांत दिया और आज ही छीन लिया पत्नी प्रेरणा रोते हुए इशांत की बहन शालिनी से कहती है दीदी आप तो सब जानते हो। मैं ईशू से कितना प्यार करती हूं। हमें भोलेनाथ ने मिलवाया। उन्होंने हमारी शादी कराई। आज तो सावन का पहला सोमवार है। लड़कियां सुहाग के लिए व्रत रखती हैं लेकिन शिवजी ने इसी दिन मेरी मांग उजाड़ दी।
अब मैं किस पर भरोसा करुं? आज तो मुझे व्रत रखना था, अब मैं किसके लिए ये व्रत करुं। इशांत की बहन अपने आंसू छिपाते हुए भाभी को संभालते हुए बस यही कहती है सब ठीक हो जाएगा।
अब विस्तार से पढ़िए पूरा मामला
रविवार रात भी सीने में दर्द हुआ था, ईसीजी कराई ईशांत सिंह सदर तहसील के पीछे स्टाफ क्वार्टर में अपनी पत्नी प्रेरणा के साथ रहते थे। रविवार रात उनके सीने में दर्द हुआ। पत्नी प्रेरणा पड़ोसियों की मदद से डॉक्टर के पास लेकर गईं।
डॉक्टर ने मामूली दर्द बताकर दवा दे दी। इसीजी भी कराई गई थी। ईशांत घर लौट आए। सोमवार सुबह करीब 7 बजे वह बाथरूम नहाने गए। ईशांत ने जब अपने ऊपर पानी डाला, वैसे ही उनके सीने में तेज दर्द उठा। वह दर्द से चीख पड़े और बाथरूम के फर्श पर गिर गए। पत्नी दौड़कर बाथरूम पहुंची। मगर दरवाजा अंदर से बंद था।

ये तस्वीर ईशांत के 29वें बर्थडे की है। बहन शालिनी ने उसे केक खिलाया था।
अस्पताल में डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया प्रेरणा की चीख सुनकर पड़ोसी भी आ गए। उन्होंने तेज धक्का देकर दरवाजा खोला। देखा कि ईशांत फर्श पर नीचे पड़े थे। दर्द से कराह रहे थे। ईशांत ने सीने में तेज दर्द होने की बात कही।
पत्नी पड़ोसियों की मदद से करीब 2 किमी दूर मेट्रो हॉस्पिटल लेकर गई। यहां हार्ट डॉक्टर न होने पर वह ईशांत को लेकर सुशीला जसवंतराय अस्पताल पहुंची।
यहां डॉक्टर ने ईसीजी की। इसके बाद ईशांत को मृत घोषित कर दिया। ईशांत की मौत की खबर सुनते ही पत्नी प्रेरणा अस्पताल में ही बेसुध हो गईं। वह ईशांत के शव से लिपटकर जोर-जोर से रोने लगीं।

बहन शालिनी ने बताया, ईशांत घर में सबका लाडला था।
बहन बोली- 22 जुलाई को उसका 30वां बर्थडे था ईशांत की बहन शालिनी मेरठ के पल्लवपुरम फेज-2 में रहती हैं। उनके पति करेंसी एक्सचेंज का काम करते हैं। शालिनी ने बताया- मेरे भाई की शादी पांच साल पहले 29 जून को प्रेरणा के साथ हुई थी। अभी उनका कोई बच्चा नहीं था। हाल ही में भाई-भाभी ने अपनी पांचवी एनिवर्सरी धूमधाम से मनाई थी। 22 जुलाई को उसका 30वां बर्थडे था।
सुबह प्रेरणा भाभी ने मुझे फोन किया। मुझसे कहा- ईशांत के सीने में दर्द हो रहा है। मैं फोन पर सुन रही था कि मेरा भाई जोर-जोर से दर्द से चीख रहा था। मैं तुरंत अस्पताल पहुंची। मगर तब तक मेरे भाई की डेथ हो चुकी थी।
पुरानी बातों को याद करते हुए शालिनी ने कहा, मेरा भाई कहता था कि वह पॉलिटिक्स करेगा। मगर मम्मी उसे हमेशा डांट देती थीं। वह कहता था कि मम्मी मुझे विधायकी का चुनाव लड़ना है। मेरी मदद करना।

पिता की भी हार्टअटैक से मौत हुई थी शालिनी ने बताया, मेरे पिता अशोक कुमार सोलानिया की भी हार्ट अटैक से मौत हुई थी। वह रोडवेज में कार्यरत थे। जब ईशांत 8-10 वर्ष के थे, तब पिता की मौत हो गई थी। मम्मी की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई थी। मम्मी की जगह मृतक आश्रित कोटे में भाई को जॉब मिली थी।
घटना की जानकारी मिलते ही डीएम डॉ. वीके सिंह और एसडीएम दीक्षा जोशी परिवार को सांत्वना देने पहुंचे।
ईशांत के पड़ोसी दोस्त राहुल राठौर ने बताया, सुबह मैं अपने घर पर था। तभी मैंने ईशांत के चीखने की आवाज सुनी। मैं घर पहुंचा। पता चला कि ईशांत बाथरूम में है। दरवाजा खोला तो देखा कि वह टॉयलेट सीट के पास पड़े थे।


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