Monday, November 3, 2025
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ये टिक नहीं पाएगी…’, डेब्यू से पहले हेमा मालिनी को मिले ताने, डायरेक्टर ने लगा दी थी ड्रीमगर्ल के नाम पर शर्त


नई दिल्ली.  ‘किसी शायर की गजल ड्रीमगर्ल, किसी झील की कंवल ड्रीमगर्ल, कहीं तो मिलेगी…’ इस फिल्म को देखने के बाद 70 के दशक के हर शख्स का ख्वाब थी ड्रीमगर्ल. उस दौर का हर व्यक्ति एक ऐसी लड़की चाहता था जो असल जिंदगी में हूबहू ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी जैसी हो. हर किसी के दिल में बसने वाली हेमा के लिए फिल्म इंडस्ट्री में ऐसी पहचान बनाना आसान नहीं था. आज वो अपने सिनेमा में अपने अतुल्नीय योगदान के लिए जानी जाती हैं, लेकिन सफलता के इस शिखर पर पहुंचना उनके लिए आसान नहीं था. स्टारडम और सफलता का ये रास्ता कई मुश्किलों और अड़चनों से होकर गुजरा.

हेमा मालिनी ने साल 1968 में अपने करियर की शुरुआत राज कपूर की फिल्म ‘सपनों का सौदागर’ से की थी. पहली ही फिल्म में एक्ट्रेस सुपरस्टार राज कपूर के अपोजिट नजर आई थीं. इस फिल्म में उन्हें दिग्गज एक्टर राज कपूर के साथ रोमांस करना था ये जानकर ही डर से उनका हालत खराब हो गई थी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हेमा मालिनी को ये फिल्म मिलना आसान नहीं था.

हेमा मालिनी ने खोले थे राज

हेमा मालिनी ने अभिनेता फारूक शेख के टॉक शो ‘जीना इसी का नाम है’ में अपनी डेब्यू फिल्म से जुड़ा एक मजेदार किस्सा सुनाया था. उन्होंने बताया कि जब वो साउथ से काम की तलाश में दिल्ली आईं, तो वहां कोई उन्हें जानता तक नहीं था. इतना ही नहीं, लोग यह तक कहने लगे थे कि हेमा को एक्टिंग नहीं आती और वो ज्यादा दिन टिक नहीं पाएंगी. लेकिन हेमा ने इन बातों को चुनौती की तरह लिया.

राज कपूर ने हेमा मालिनी पर लगाया था दांव

उन्होंने ठान लिया था कि भले ही सिर्फ एक फिल्म मिले, लेकिन उसमें वो सबको दिखा देंगी कि वो भी एक्टिंग कर सकती हैं. दिल्ली आने के बाद उनकी मां की मुलाकात मशहूर निर्देशक के. सुब्रमण्यम से हुई. उन्होंने हेमा के लिए एक शो का आयोजन करवाया ताकि लोग उन्हें करीब से देख सकें.

डायरेक्टर ने हेमा के नाम पर लगाई थी शब्द

इसी दौरान राज कपूर, जिन्होंने अभी-अभी ‘संगम’ खत्म की थी, नई प्रतिभा की तलाश में थे. उन्होंने सुब्रमण्यम से किसी नई लड़की की तलाश करने को कहा . सुब्रमण्यम ने तुरंत हेमा का नाम लिया और कहा, ‘अगर यह लड़की शुरू से ही छा नहीं गई, तो मैं अपने नाम से ‘डायरेक्टर’ शब्द हटा दूंगा.’ इसके बाद हेमा को राज कपूर से मिलवाया गया. उनका स्क्रीन टेस्ट खुद राज कपूर ने लिया. हेमा को गांव की लड़की के गेटअप में तैयार किया गया और राज कपूर ने उन्हें कैमरे के सामने साधारण से एक्सप्रेशंस और एक्टिंग करने को कहा.

हालांकि एक्ट्रेस हेमा मालिनी की पहली फिल्म सपनों के सौदागर बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप रही थी. फिल्म कमाई नहीं कर पाई. इसके बाद एक्ट्रेस की लगातार कई फिल्में फ्लॉप रही थीं. साल 1970 में आई फिल्म ‘जॉनी मेरा नाम’ से हेमा मालिनी के लिए टर्निंग पॉइंग साबित हुआ था.



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