Monday, December 1, 2025
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ये हैं दुनिया के 7 सबसे खतरनाक ट्रेक, जरा सी चूक बन सकती है आखिरी गलती


चीन के शांक्सी प्रांत में स्थित माउंट हुआशान को दुनिया का सबसे खतरनाक ट्रेक कहा जाता है. यहां के संकरे रास्ते और सीधी खड़ी सीढ़ियां 2000 फीट की ऊंचाई पर हैं. एडवेंचर लवर हर साल यहां आते हैं, लेकिन एक गलती भी जानलेवा हो सकती है.

5364 मीटर की ऊंचाई पर स्थित माउंट एवरेस्ट बेस कैंप ट्रेक दुनिया के सबसे फेमस रूट में से एक है. यहां ऑक्सीजन का लेवल समुद्र तल से करीब 50 प्रतिशत कम होता है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है. ठंड और बर्फीले तूफान यहां पर अचानक आ सकते हैं. फिर भी एवरेस्ट ल्होत्से और नुप्त्से जैसे नजारे इसे यादगार बनाते हैं.

5364 मीटर की ऊंचाई पर स्थित माउंट एवरेस्ट बेस कैंप ट्रेक दुनिया के सबसे फेमस रूट में से एक है. यहां ऑक्सीजन का लेवल समुद्र तल से करीब 50 प्रतिशत कम होता है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है. ठंड और बर्फीले तूफान यहां पर अचानक आ सकते हैं. फिर भी एवरेस्ट ल्होत्से और नुप्त्से जैसे नजारे इसे यादगार बनाते हैं.

5545 मीटर की ऊंचाई पर स्थित काला पत्थर ट्रेक एवरेस्ट का सबसे शानदार व्यू देखने के लिए जाना जाता है. लेकिन यहां भी ऑक्सीजन की कमी, ठंडी हवाएं और ऊंची चढ़ाई इस सफर को बहुत खतरनाक बना देती है. ज्यादातर ट्रेकर्स सनराइज के समय एवरेस्ट का व्यू देखने के लिए यहां पहुंचते हैं.

5545 मीटर की ऊंचाई पर स्थित काला पत्थर ट्रेक एवरेस्ट का सबसे शानदार व्यू देखने के लिए जाना जाता है. लेकिन यहां भी ऑक्सीजन की कमी, ठंडी हवाएं और ऊंची चढ़ाई इस सफर को बहुत खतरनाक बना देती है. ज्यादातर ट्रेकर्स सनराइज के समय एवरेस्ट का व्यू देखने के लिए यहां पहुंचते हैं.

साउथ अफ्रीका में स्थित ड्रेकन्सबर्ग ट्रैवर्स 200 किमी लंबा ट्रेक है. यह ट्रेक रग्ड पहाड़ी रास्तों, खड़ी चट्टानों और बदलते मौसम के लिए मशहूर है. यहां कोई निशान लगे ट्रेल भी नहीं है, इसलिए यहां जाने के लिए जीपीएस और एक्सपीरियंस दोनों जरूरी होता है. यह क्षेत्र टुगेला फॉल्स और 3000 साल पुराने प्राचीन रॉक पेंटिंग्स के लिए भी जाना जाता है.

साउथ अफ्रीका में स्थित ड्रेकन्सबर्ग ट्रैवर्स 200 किमी लंबा ट्रेक है. यह ट्रेक रग्ड पहाड़ी रास्तों, खड़ी चट्टानों और बदलते मौसम के लिए मशहूर है. यहां कोई निशान लगे ट्रेल भी नहीं है, इसलिए यहां जाने के लिए जीपीएस और एक्सपीरियंस दोनों जरूरी होता है. यह क्षेत्र टुगेला फॉल्स और 3000 साल पुराने प्राचीन रॉक पेंटिंग्स के लिए भी जाना जाता है.

दक्षिण अमेरिका का एवरेस्ट ट्रेक कहा जाने वाला हुआयूवाश सर्किट 5000 मीटर की ऊंचाई पर है और 130 से 170 किलोमीटर फैला हुआ है. यहां ग्लेशियर, खड़ी चढ़ाई और बर्फीली नदियां रास्ते को और खतरनाक बनाती है. इसके अलावा लैंडस्लाइड और हाइपोथर्मिया का खतरा यहां पर हमेशा बना रहता है.

दक्षिण अमेरिका का एवरेस्ट ट्रेक कहा जाने वाला हुआयूवाश सर्किट 5000 मीटर की ऊंचाई पर है और 130 से 170 किलोमीटर फैला हुआ है. यहां ग्लेशियर, खड़ी चढ़ाई और बर्फीली नदियां रास्ते को और खतरनाक बनाती है. इसके अलावा लैंडस्लाइड और हाइपोथर्मिया का खतरा यहां पर हमेशा बना रहता है.

नेपाल में स्थित अन्नपूर्णा सर्किट 160 से 230 किलोमीटर लंबा है. यह ट्रेक दुनिया के दसवें सबसे ऊंचे पर्वत के चारों ओर घूमता है. यहां बर्फीली चोटियों, संकरे रास्ते और भूस्खलन का खतरा हमेशा रहता है. अचानक मौसम बदलने और ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी से यह रूट और भी खतरनाक बन जाता है.

नेपाल में स्थित अन्नपूर्णा सर्किट 160 से 230 किलोमीटर लंबा है. यह ट्रेक दुनिया के दसवें सबसे ऊंचे पर्वत के चारों ओर घूमता है. यहां बर्फीली चोटियों, संकरे रास्ते और भूस्खलन का खतरा हमेशा रहता है. अचानक मौसम बदलने और ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी से यह रूट और भी खतरनाक बन जाता है.

पैटागोनिया के टोरेस डेल पाइन W ट्रेक में एक ही दिन में चारों मौसम देखने को मिल सकते हैं. तेज हवाएं और अचानक बढ़ते ग्लेशियल नदियों का पानी ट्रेक को सबसे खतरनाक बना देता है. 75 किलोमीटर लंबा यह ट्रेक सिर्फ एक्सपीरियंस ट्रेकर्स के लिए ही सही माना जाता है.

पैटागोनिया के टोरेस डेल पाइन W ट्रेक में एक ही दिन में चारों मौसम देखने को मिल सकते हैं. तेज हवाएं और अचानक बढ़ते ग्लेशियल नदियों का पानी ट्रेक को सबसे खतरनाक बना देता है. 75 किलोमीटर लंबा यह ट्रेक सिर्फ एक्सपीरियंस ट्रेकर्स के लिए ही सही माना जाता है.

Published at : 09 Nov 2025 12:33 PM (IST)

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