Thursday, July 17, 2025
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रशियन महिला के बच्चे कैसे पढ़ाई करते थे और क्या था कमाई का जरिया… गुफा में रहने वाली रूसी लेडी का सनसनीखेज खुलासा


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Russian Woman News: रूसी महिला नीना कुटिना और उसकी बेटियां गोकार्ण जंगल की गुफा में रहती थीं. नीना ने बच्चों को प्रकृति से शिक्षा दी और जड़ी-बूटियों व फलों को बेचकर वह कमाई करती थी.

जंगल में गुफा से बरामद रूसी महिला के दो बच्चे हैं.

हाइलाइट्स

  • नीना कुटिना गुफा में बच्चों को प्रकृति से शिक्षा देती थीं.
  • नीना जड़ी-बूटियों और फलों को बेचकर कमाई करती थीं.
  • नीना और बेटियों को पुलिस ने गुफा से निकाला.
Russian Woman News: कर्नाटक के गोकार्ण जंगल में एक गुफा में रह रही 40 वर्षीय रूसी महिला नीना कुटिना और उसकी दो बेटियों प्रीमा (6) और आमा (4) की कहानी ने सबको हैरान कर दिया है. हाल ही में पुलिस ने उन्हें रामतीर्थ जलप्रपात के पास एक खतरनाक और सांपों से भरे इलाके से सुरक्षित निकाला था. नीना का दावा है कि वह पिछले आठ साल से भारत में थी और गुफा में प्राकृतिक जीवन जी रही थी, लेकिन अब उसे मजबूरी में एक पुनर्वास केंद्र में रहना पड़ रहा है, जहां वह गंदगी में जीने को मजबूर है. इस दौरान उसके सनसनीखेज खुलासों ने इस मामले को और रोचक बना दिया है. नीना ने पुलिस को बताया कि वह 2017 में पर्यटक वीजा पर भारत आई थी और इसके बाद गोवा में रही. चार साल पहले उसने गोकार्ण जंगल में गुफा को अपना घर बनाया.

कैसे पढ़ते थे नीना के बच्चे

सवाल उठता है कि ऐसी परिस्थितियों में उसके बच्चे कैसे पढ़ाई करते थे? नीना के अनुसार उसने अपनी बेटियों को औपचारिक स्कूलिंग की बजाय प्रकृति से सीखने की शिक्षा दी. वह जंगल में उपलब्ध संसाधनों- पत्तियों, पत्थरों और जलाशयों का इस्तेमाल कर उन्हें गणित, भाषा और पर्यावरण की बुनियादी समझ सिखाती थी. उसने दावा किया कि उसकी बेटियां खुश थीं और उन्हें किताबी पढ़ाई से ज्यादा जंगल का जीवन पसंद था.

क्या थी नीना की कमाई

कमाई का जरिया भी नीना के जीवन का एक रहस्य था. उसने खुलासा किया कि वह जंगल में इकट्ठा किए गए जड़ी-बूटियों और फलों को बेचकर अपनी आजीविका चलाती थी. इसके अलावा उसने दावा किया कि कुछ स्थानीय लोगों से दान और मदद मिलती थी, जो उसकी आध्यात्मिक यात्रा से प्रभावित थे. पुलिस को गुफा से मिले पुराने सिक्के और थोड़े-बहुत सामान से संकेत मिलता है कि उसकी आय सीमित थी, लेकिन वह इसे पर्याप्त मानती थी.

नीना ने कहा है कि उनका बेटा जिसकी राख उसे जंगल में रखनी थी, उसे भी पुलिस वाले ले गए. मैं जंगल में खुश थी, लेकिन अब यहां गंदगी में जी रही हूं. पुलिस ने बताया कि नीना का वीजा 2017 में समाप्त हो गया था और उसके बच्चे भारत में पैदा हुए. उसे और उसकी बेटियों को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) बेंगलुरु के पास भेजा गया है, जहां से उन्हें रूस वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है.

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संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स…और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स… और पढ़ें

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