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Indian Real Estate Sector : भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में देशी और विदेशी कंपनियों का निवेश पहली छमाही में काफी कम रहा है. बावजूद इसके अनुमान लगाया गया है कि पूरे साल में यह 5 अरब डॉलर से ज्यादा ही रह सकता है…और पढ़ें
भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश पहली छमाही में कम रहा है.
हाइलाइट्स
- रियल एस्टेट में निवेश 37% घटा.
- विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 68% है.
- 2025 की पहली छमाही में घरेलू निवेश 32% रहा.
नई दिल्ली. भारत के रियल एस्टेट सेक्टर को वैसे तो सबसे मुनाफे का सौदा माना जाता है, लेकिन साल 2025 की शुरुआत इसके लिए अच्छी नहीं दिख रही है. साल की पहली छमाही यानी जनवरी से जून तक के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि बड़े खिलाडि़यों का निवेश इसमें पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 37 फीसदी कम हो गया है. यह बड़ा आंकड़ा है, जिसमें घरेलू निवेशकों के साथ विदेशी निवेशकों की भी बड़ी भूमिका दिख रही है.
भारतीय रियल एस्टेट में कुल संस्थागत निवेश में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 68 फीसदी है, जबकि घरेलू कंपनियों ने 2025 की पहली छमाही में 32 फीसदी निवेश किया है. जाहिर है कि घरेलू रियल एस्टेट बाजार को आगे बढ़ाने के लिए विदेशी निवेशकों की बड़ी भूमिका रहती है. जेएलएल ने कहा, चुनौतीपूर्ण अंतरराष्ट्रीय आर्थिक स्थितियों और राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण निवेश लेनदेन की समयसीमा में वृद्धि हो रही है. इसका असर भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर पर भी दिख रहा.
क्या होते हैं संस्थागत निवेशक
संस्थागत निवेशक रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी), पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) और सूचीबद्ध इकाइयों में निवेश सहित सार्वजनिक बाजार माध्यमों के जरिये इसमें भाग लेते हैं. जेएलएल की वरिष्ठ प्रबंध निदेशक एवं भारत में पूंजी बाजार प्रमुख लता पिल्लई ने बताया कि भारत का रियल एस्टेट क्षेत्र एक आकर्षक निवेश गंतव्य बना हुआ है, जो घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय दोनों के भरोसे से उत्साहित है. हालांकि, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं ने साल 2025 की पहली छमाही में अल्पकालिक चुनौतियां पेश की हैं.
5 साल से लगातार दिख रही तेजी
रिपोर्ट में कहा गया कि एक अरब डॉलर से अधिक के सौदों की मजबूत निर्माणाधीन परियोजनाएं भविष्य में सतत गतिविधियों का संकेत देती है. भारतीय रियल एस्टेट बाजार ने पिछले पांच वर्ष में सालाना पांच अरब डॉलर से अधिक का निवेश हासिल कर अपनी स्थिरता का प्रदर्शन किया है. अनुमान है कि साल 2025 के लिए पूंजी प्रवाह इन स्थापित मानदंडों के अनुरूप होगा. खास बात यह है कि कुल संस्थागत निवेश में 38 फीसदी हिस्सा आवास क्षेत्र का है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ें