लखनऊ2 मिनट पहले
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक आयोजन हुआ। गोमतीनगर स्थित बौद्ध शोध संस्थान में प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘जनसेवक जयवीर’ का विमोचन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी और विशिष्ट अतिथि जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य महाराज थे ।इस कार्यक्रम में शिक्षा, साहित्य, संस्कृति और सामाजिक क्षेत्र की कई जानी-मानी हस्तियों ने भाग लिया। प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का लोकार्पण शंखध्वनि और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संपन्न हुआ।
ये पुस्तक जनप्रतिनिधि की जीवन यात्रा का दस्तावेज
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और वैदिक मंगलाचरण से हुई। मंच पर उपस्थित अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ और पुस्तक की प्रति भेंट कर किया गया। पुस्तक के प्रकाशक डॉ. पीयूष कुमार ने इसे एक जनप्रतिनिधि की जीवन यात्रा का दस्तावेज बताया।कार्यक्रम में ‘जनसेवक जयवीर’ पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। इस फिल्म को दर्शकों से भरपूर सराहना मिली।
मुख्य अतिथि प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी ने कहा कि मंत्री जयवीर सिंह का जीवन राजनीति और जनसेवा के बीच संतुलन का आदर्श उदाहरण है। उन्होंने बताया कि यह पुस्तक प्रशासनिक नवाचारों और जनकल्याण की एक जीवंत गाथा है।जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य महाराज ने जयवीर सिंह के कार्यों को सनातन मूल्यों की पुनर्स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक उनकी संस्कृति-सम्मान की सोच को साक्षात शब्द देती है।
मंत्री के प्रारंभिक जीवन से लेकर राजनीतिक यात्रा
लेखक डॉ. वीरेंद्र कुमार और डॉ. सारिका ने बताया कि यह पुस्तक चार खंडों में विभाजित है। यह मंत्री के प्रारंभिक जीवन से लेकर राजनीतिक यात्रा, संघर्ष और सांस्कृतिक कार्यों को समाहित करती है। इसमें उनके भाषणों, आलेखों और चित्रों का भी संकलन है।
पद्मश्री डॉ. विद्या विन्दु सिंह और प्रो. सूर्य प्रसाद दीक्षित ने इसे नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक दस्तावेज बताया। कार्यक्रम में एकल अभियान के माधवेन्द्र सिंह, अतुल प्रताप सिंह सहित अनेक विशिष्टजनों ने भी पुस्तक के सामाजिक-सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला।
