Bhanwari Devi Murder Mystery: आज से तकरीबन 14 साल पहले राजस्थान की राजनीति में भूचाल लाने वाला बहुचर्चित भंवरी देवी हत्याकांड से कब उठेगा पर्दा? क्या एक नर्स की हत्या सीडी की वजह से हो गई थी? क्यों भंवरी देवी हत्याकांड आज भी एक पहेली बनी हुई है? कहां तक पहुंची सीबीआई की जांच और उसमें अब तक क्या-क्या हुआ? भंवरी देवी का पति अमरचंद नट, तत्कालीन विधायक मलखान सिंह और पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा समेत 17 आरोपियों में से कितने आरोपी अब जमानत पर हैं और कितने की हो चुकी है मौत? भंवरी देवी के तीन बच्चे कहां और क्यों चर्चा में हैं?
भंवरी देवी हत्याकांड देश के हाईप्रोफाइल पॉलिटिकल स्कैंडल में से एक थी. साल 2011 में इसके लपेटे में राजस्थान के कई रसूखदार सियासतदान भी आए थे. कुछ को तो इसकी बड़ी राजनीतिक कीमत भी चुकानी पड़ी. नर्स भंवरी देवी अपहरण एवं हत्याकांड के छींटे अशोक गहलोत सरकार पर भी पड़े थे. मामले ने जब तूल पकड़ा तो इसकी जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी गई थी.
भंवरी देवी हत्याकांड की पूरी कहानी
सीबीआई ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए जांच शुरू की तो कई नाम सामने आए. सीबीआई ने इस केस में सहीराम, उमेशाराम, महिपाल मदेरणा, विशनाराम, सोहनलाल, मलखान सिंह विश्नोई और उसका भाई परसराम और भंवरी के पति अमरचंद सहित 17 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. सबसे अंत में इंद्रा विश्नोई पुलिस के हत्थे चढ़ी थी.
भंवरी देवी कैसे हुई थी लापता?
साल 2011 में राजस्थान की नर्स और लोकगायिका भंवरी देवी लापता हो गई थीं. बाद में पता चला कि उनकी हत्या कर दी गई है. इस मामले में राजस्थान के पूर्व कैबिनेट मंत्री महिपाल मदेरणा और कांग्रेस विधायक मलखान सिंह बिश्नोई पर हत्या का आरोप लगा था. महिपाल मदेरणा का निधन हो चुका है. इस मामले में मलखान की बहन इंद्रा विश्नोई को छोड़कर 16 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है.
सीबीआई के लिए अबुझ पहेली!
सीबीआई की विशेष अदालत में केंद्रीय जांच एजेंसी ने महिपाल मदेरणा और मलखान समेत 17 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. आरोप पत्र में इन अभियुक्तों पर हत्या समेत कई गंभीर धाराओं के तहत आरोप लगाया गया था. करीब 100 पेज का आरोप पत्र तैयार करने में सीबीआई ने 300 से ज्यादा गवाहों के बयान लिए थे.
एक सीडी से राजस्थान की सियासत में मचा था तूफान
भंवरी देवी के गायब होने के कुछ दिनों बाद एक सीडी सामने आई थी, जिसमें मदेरणा और भंवरी देवी की कुछ तस्वीरें थीं. भंवरी के रिश्ते मदेरणा से बताए गए थे. आरोप यह भी लगा था कि इन तस्वीरों के जरिए भंवरी देवी राजस्थान के तत्कालीन मंत्री महिपाल मदेरणा को ब्लैकमेल करती थीं. भंवरी देवी के रिश्ते मलखान से भी बताए गए थे. बताया गया था कि मलखान से भंवरी को एक बेटी भी पैदा हुई थी, जिसका वह लगातार हक मांगा करती थी. इस सीडी ने राजस्थान की सियासत को हिला कर रख दिया था.

किसने बनवाई थी सीडी?
इस सीडी को बनवाने का आइडिया मलखान की बहन इंद्रा ने भंवरी को दिया था. इंद्रा महिला और बाल विकास में सुपरवाइज़र के पद और तैनात थीं और भंवरी देवी की सबसे करीबी दोस्तों में से एक थीं. इंद्रा इस सीडी के सहारे मदेरणा को ब्लैकमेल करके पद से हटवाते हुए अपने भाई मलखान को मंत्री बनवाना चाहती थीं. सीडी हथियाने के लिए विश्नाराम गैंग की मदद से भंवरी का अपहरण कराया गया था. भंवरी को जब गैंग दूसरे स्थान पर ले जाने लगा तो उन्होंने हल्ला मचाया था, जिसके बाद गला दबाकर उनकी हत्या कर दी गई थी. भंवरी की लाश को जलाकर राख को सड़क पर फेंक दिया गया था.
भंवरी देवी हत्याकांड का क्या हुआ?
यह मामला पिछले 14 साल से अधिक समय से कोर्ट में विचाराधीन है और ट्रायल अभी भी चल रहा है। 2021 में सुप्रीम कोर्ट और राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद केस के अधिकांश आरोपी बाहर आ गए थे. 2025 की स्थिति के अनुसार, केवल एक प्रमुख आरोपी इंद्रा बिश्नोई, जो मलखान सिंह की बहन को ही जमानत नहीं मिली है और वह जोधपुर सेंट्रल जेल में हैं. चूंकि ट्रायल अभी समाप्त नहीं हुआ है, इसलिए इस मामले में किसी भी आरोपी को पूरी तरह से बरी नहीं किया गया है. इस मामले के मुख्य आरोपी और साजिशकर्ता में से एक पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा का लंबी बीमारी के चलते 2021 में निधन हो गया था.
भंवरी देवी के तीन बच्चे हैं, जिसमें एक बेटा और दो बेटियां. भंवरी देवी के पति अमरचंद नट को भी इस हत्याकांड की साजिश रचने के आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया था। भंवरी के बच्चों को 2024 में राजस्थान हाईकोर्ट ने बकाया पेंशन और सेवा परिलाभ ब्याज के साथ देने का आदेश दिया था। हालांकि, सितंबर 2025 तक भी सीएमएचओ कार्यालय द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर आपत्ति के चलते उन्हें पूरा भुगतान नहीं मिल पाया है, जिसके लिए बच्चों ने अवमानना याचिका दायर की है.

