सहरसा के बनगांव नगर पंचायत स्थित संत लक्ष्मीनाथ गोसाई की कर्मस्थली बाबाजी कुटी से मंगलवार को ‘सर्वा सद्भावना यात्रा’ निकाली गई। इस यात्रा में सैकड़ों वाहनों का काफिला और बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। यह यात्रा संत लक्ष्मीनाथ गोसाई के 232वें जन
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गोस्वामी लक्ष्मीनाथ सेवा मिशन से जुड़े धनंजय कुमार मिश्रा ने बताया कि मिशन वर्ष 2016 से लगातार यह जन्मोत्सव मना रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य संत के विचारों और उनके सामाजिक संदेश को जन-जन तक पहुंचाना है।
पीला वस्त्र पहनकर यात्रा में शामिल हुए लोग।
‘सर्वा सद्भावना यात्रा’ का आयोजन
मिश्रा ने स्पष्ट किया कि संत लक्ष्मीनाथ गोसाई अपने भक्तों को “सर्वा” कहकर संबोधित करते थे। इसी परंपरा के तहत प्रतिवर्ष ‘सर्वा सद्भावना यात्रा’ का आयोजन किया जाता है। यह यात्रा बनगांव स्थित बाबाजी कुटी से प्रारंभ होकर सिहौल स्थित बाबाजी कुटी तक लगभग 50 किलोमीटर का सफर तय करेगी, जहां शाम तक एक समापन समारोह आयोजित किया जाएगा।

1872 में हुआ था देहांत
संत लक्ष्मीनाथ गोसाई का जन्म 1787 में परसरमा गांव में हुआ था और उनका देहांत 1872 में हुआ। वे मिथिला क्षेत्र के एक भारतीय योगी और कवि थे, जिनकी कर्मस्थली सहरसा का बनगांव रही थी। गोस्वामी लक्ष्मीनाथ मिशन का मुख्य लक्ष्य समाज में समरसता, आपसी प्रेम और सद्भाव को बढ़ावा देना है।
मिशन के अनुसार, संत के सिद्धांत जैसे समानता, करुणा और जनसेवा आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं और वर्तमान समय में भी अत्यंत प्रासंगिक हैं। यात्रा का उद्देश्य लोगों में एकता और भाईचारे की भावना को मजबूत करना तथा संत के सामाजिक दर्शन का व्यापक प्रचार करना है। इस वर्ष की यात्रा में सैकड़ों समर्थकों की उपस्थिति दर्ज की गई।

