सांसद हनुमान बेनीवाल बोले – जोधपुर में एक्मो मशीन नहीं: होती तो जान बच जाती, कोई यूं ही नहीं आत्महत्या करता – Jaipur News

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सांसद हनुमान बेनीवाल बोले – जोधपुर में एक्मो मशीन नहीं:  होती तो जान बच जाती, कोई यूं ही नहीं आत्महत्या करता – Jaipur News



नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि डॉ राकेश बिश्नोई ने सल्फॉस की गोली खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। उन्हें जोधपुर से जयपुर लाने में काफी समय लग गया। वहां एक्मो मशीन नहीं थी। यदि वहां मशीन होती तो निश्चित रूप से जहर निकल जाता।

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उन्होंने कहा कि बच्चा मेडिकल पीजी की पढ़ाई कर रहा था।थीसिस पर साइन करवाने के लिए एचओडी ने उसे परेशान किया। उससे पैसे भी मांगे। थीसिस की आड़ में यह गोरख धंधा चल रहा है।

बच्चा एंग्जाइटी और डिप्रेशन की दवा भी खा रहा था। उसने अपने भाइयों को नींद ना आने की बात बताई थी। इसके बाद उन्होंने उसे दवाई दिलवाई।

आज आधा हिंदुस्तान डिप्रेशन की गोली खा रहा है। आधे से ज्यादा मंत्री और विधायक दवाई खा रहे हैं। लेकिन कोई यूं ही आत्महत्या नहीं करता। इलाज करवाना अलग बात है और दवाई खाना अलग बात है। लेकिन आत्महत्या के लिए तो आदमी तब सोचता है कि मेरा कोई नहीं है, भगवान मेरा तू ही है।

आखिरी समय में उसने जो कहा वीडियो वायरल है। मरते समय कोई झूठ नहीं बोलता। उसने कहा कि एचओडी राठौड़ मुझसे पैसे मांग रहा है। उसकी वजह से मैं जीवन समाप्त कर रहा हूं। मैंने सल्फॉस की गोली खाई। मैं परिवार से परिचित हूं और इनको न्याय दिलाने के लिए हर लड़ाई लडूंगा।

मौत से पहले वीडियो में एचओडी पर आरोप लगाए थे

राकेश ने मौत से पहले वीडियो में कहा था कि। फार्माकोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. राजकुमार राठौड़ थीसिस को लेकर परेशान कर रहे हैं। जिसके चलते मैंने ये कदम उठाया।

दरअसल, जोधपुर मथुरादास माथुर अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर राकेश बिश्नोई ने शुक्रवार (13 जून) को जहर खा लिया था। उन्हें गंभीर हालत में जयपुर रेफर किया था, जहां शनिवार रात उनकी मौत हो गई।

एचओडी को सजा दिलवाने की मांग को लेकर धरने पर है परिजन

घटने के बाद से परिजन एचओडी को सजा दिलवाने की मांग को लेकर धरने पर है। सांसद बेनीवाल ने बताया कि मैं परिवार के साथ हूं, जिन लोगों से बात कर सकता हूं। उनसे करूंगा। पहली मांग है, डॉक्टर की गिरफ्तारी हो। दूसरा परिवार ने सरकार से जो मुआवजा मांगा है। वह दिया जाए। तीसरा बच्चा पीजी कर रहा था। डॉक्टर की नौकरी लग जाता। इसलिए उसे नौकरी में मानते हुए। परिवार के एक बच्चे को नौकरी दे।



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