Tuesday, December 2, 2025
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साल का आखिरी चंद्रग्रहण खत्म: 3 घंटे 28 मिनट चला, 82 मिनट तक ब्लड मून रहा; तमिलनाडु से शुरू हुआ था


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नई दिल्ली1 घंटे पहले

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साल का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण 3 घंटे 28 मिनट बाद खत्म हो गया है। ग्रहण रविवार रात 9:56 बजे शुरू हुआ, जो 1:28 बजे तक रहा। भारत में तमिलनाडु से चंद्रग्रहण की शुरू हुआ था। इसे पूरे देशभर में देखा गया।

रात 11 बजे से 12:23 तक 82 मिनट पूर्ण चंद्रग्रहण रहा। इस दौरान पृथ्वी सूर्य और चांद के बीच आई, जिससे चांद पर उसकी छाया पड़ी और चांद लाल-नारंगी रंग का दिखाई दिया। इसे ही ब्लड मून कहा जाता है। साल 2022 के बाद भारत में दिखने वाला यह सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण है।

27 जुलाई, 2018 के बाद यह पहली बार था जब ग्रहण को देश के सभी हिस्सों से देखा गया। इसे सीधे आंखों से देखा जा सका। इसके लिए किसी चश्मे या फिल्टर की जरूरत नहीं थी। कई लोगों ने दूरबीन या टेलिस्कोप से इसे साफ देखा।

देशभर से चंद्रग्रहण की 5 तस्वीरें…

ग्रहण दुनिया के कई हिस्सों में दिखाई दिया

ग्रहण भारत, एशिया, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और यूरोप समेत दुनिया के कई हिस्सों में दिखाई दिया। विशेषज्ञों के अनुसार, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में सबसे देर तक और सबसे अच्छा देखने को मिला। वहां ग्रहण के समय चांद आसमान में ऊंचाई पर रहा। यूरोप और अफ्रीका में लोग इसे चांद निकलते समय थोड़े समय के लिए देख पाए।

बैंकॉक में 12:30 से 1:52 बजे, बीजिंग और हांगकांग में 1:30 से 2:52 बजे, टोक्यो में 2:30 से 3:52 बजे और सिडनी में 3:30 से 4:52 बजे तक देखा गया।

दुनिया की करीब 85% आबादी पूरे चंद्रग्रहण को देख पाई।

दुनिया की करीब 85% आबादी पूरे चंद्रग्रहण को देख पाई।

ग्रहण के मिनट-टु-मिनट अपडेट पढ़ने के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाएं…

अपडेट्स

07:59 PM7 सितम्बर 2025

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दिल्ली: चंद्रग्रहण खत्म हुआ, चांद दिखने लगा

07:44 PM7 सितम्बर 2025

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यूपी: नोएडा में ग्रहण खत्म, चांद दिखने लगा

07:28 PM7 सितम्बर 2025

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झारखंड: रांची में ग्रहण के बाद चंद्रमा दिखने लगा है

07:12 PM7 सितम्बर 2025

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दिल्ली: ग्रहण हट रहा, चंद्रमा दिखाई देने लगा

06:51 PM7 सितम्बर 2025

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तमिलनाडु: स्कूल के बच्चों ने दूरबीन से चंद्रग्रहण देखा

06:49 PM7 सितम्बर 2025

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मिस्र: काहिरा में पूर्ण चंद्रग्रहण, आसमान में लाल चांद दिखा

06:30 PM7 सितम्बर 2025

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केरल: तिरुवनंतपुरम में चंद्रमा पूरा लाल दिख रहा

06:25 PM7 सितम्बर 2025

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यूपी: प्रयागराज में श्रद्धालु संगम घाट पर पूजा कर रहे

06:02 PM7 सितम्बर 2025

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दिल्ली में पूर्ण ग्रहण, चांद पूरी तरह से ढका

05:57 PM7 सितम्बर 2025

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झारखंड: रांची में ब्लडमून हुआ

05:45 PM7 सितम्बर 2025

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केरल: तिरुवनंतपुरम में पूर्ण ग्रहण होते ही चांद लाल दिखा

05:26 PM7 सितम्बर 2025

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दिल्ली में पूर्ण चंद्रग्रहण हो गया, इसे ब्लडमून कहते हैं

05:21 PM7 सितम्बर 2025

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दिल्ली में पूर्ण चंद्रग्रहण की शुरुआत हो गई है

05:16 PM7 सितम्बर 2025

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पश्चिम बंगाल: कोलकाता में ब्लड मून की शुरुआत हुई

05:08 PM7 सितम्बर 2025

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झारखंड: रांची में चंद्रमा आधे से ज्यादा ढक गया, VIDEO

05:05 PM7 सितम्बर 2025

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उत्तर प्रदेश: नोएडा में चंद्रग्रहण का नजारा, VIDEO

05:02 PM7 सितम्बर 2025

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उज्जैन में चंद्रग्रहण के बाद महाकाल के पट बंद

महाकाल मंदिर में चंद्रग्रहण से पहले 9:30 बजे आरती हुई। इसके बाद मंदिर के पट बंद कर दिए गए। आम दिनों में रात 10.30 बजे शयन आरती के बाद 11 बजे पट बंद होते हैं।

04:50 PM7 सितम्बर 2025

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उत्तर प्रदेश: वाराणसी में चंदग्रहण की शुरुआत, VIDEO

04:48 PM7 सितम्बर 2025

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पश्चिम बंगाल: कोलकाता में चंद्रग्रहण लग गया है

04:44 PM7 सितम्बर 2025

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दिल्ली के नेहरू प्लेनेटेरियम से चंद्रग्रहण का नजारा, VIDEO

04:43 PM7 सितम्बर 2025

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राजस्थान: जयपुर में चंद्रग्रहण की शुरुआत हो गई

04:39 PM7 सितम्बर 2025

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असम: गुवाहाटी में भी चंद्रग्रहण की शुरुआत, VIDEO

04:35 PM7 सितम्बर 2025

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दिल्ली में HD कैमरे के जरिए चंद्रग्रहण की पहली तस्वीर आई

04:24 PM7 सितम्बर 2025

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तेलंगाना: हैदराबाद में चंद्रग्रहण की शुरुआत हो गई

04:24 PM7 सितम्बर 2025

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तमिलनाडु: चेन्नई में चंद्रग्रहण की शुरुआत हो गई

04:15 PM7 सितम्बर 2025

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राजस्थान: जयपुर में ग्रहण से पहले चंद्रमा बादलों में ढका

04:06 PM7 सितम्बर 2025

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दिल्ली: अशोक स्तंभ पिलर के पीछे चंद्रमा नजर आया

03:48 PM7 सितम्बर 2025

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कोलकाता: सुभाष चंद्र बोस के स्टैच्यू के पीछे चंद्रमा नजर आया

03:46 PM7 सितम्बर 2025

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दिल्ली के नेहरू प्लेनेटेरियम में चंद्रग्रहण देखने पहुंची भीड़

03:39 PM7 सितम्बर 2025

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बेंगलुरु: नेहरू प्लेनेटेरियम में चंद्रग्रहण देखने की तैयारी कर ली गई

03:24 PM7 सितम्बर 2025

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केरल: तिरुवनंतपुरम में चंद्रग्रहण से पहले पूरा चंद्रमा नजर आया

03:17 PM7 सितम्बर 2025

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कोलकाता में बिरला म्यूजियम में चंद्रग्रहण देखने के लिए टेलीस्कोप लगाए गए

03:13 PM7 सितम्बर 2025

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यूपी: लखनऊ के साइंस सिटी सेंटर में चंद्रग्रहण देखने पहुंचे लोग

03:05 PM7 सितम्बर 2025

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बेंगलुरु: चंद्रग्रहण देखने के लिए नेहरू प्लेनेटेरियम में टेलीस्कोप लगे

कर्नाटक के बेंगलुरु में नेहरू प्लेनेटेरियम में हाई रिजोल्यूशन लेंस वाले टेलीस्कोप लगाए गए हैं। ताकि पूर्ण चंद्रग्रहण को देखा जा सके। अगला पूर्ण चंद्रग्रहण 2028 में होगा।

02:45 PM7 सितम्बर 2025

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चंद्रग्रहण से पहले दिल्ली में पूरा चंद्रमा नजर आया, VIDEO

02:35 PM7 सितम्बर 2025

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चंद्रग्रहण क्या है, क्यों होता है

पृथ्वी और सभी दूसरे ग्रह गुरुत्वाकर्षण बल यानी ग्रेविटेशनल फोर्स की वजह से सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। सूर्य के चक्कर लगाने के दौरान कई बार ऐसी स्थिति बनती है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है। इस दौरान सूर्य का प्रकाश चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता है और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ने से चंद्रग्रहण होता है।

चंद्रग्रहण की घटना तभी होती है जब सूर्य, पृथ्‍वी और चंद्रमा एक सीध में हों, खगोलीय विज्ञान के अनुसार ये केवल पूर्णिमा के दिन ही संभव होता है। इसी वजह से चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा के दिन होते हैं।

02:34 PM7 सितम्बर 2025

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चंद्रग्रहण कितनी तरह के होते हैं

चंद्रग्रहण आम तौर पर 3 तरह के होते हैं। इन्हें पूर्ण, आंशिक और उपछाया चंद्रग्रहण कहा जाता है। इनमें से हर तरह के ग्रहण के लिए अलग खगोलीय स्थिति जिम्मेदार है..

  • पूर्ण चंद्रग्रहण (Total lunar eclipse): पूर्ण चंद्रग्रहण या ब्लड मून तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य तथा चंद्रमा एक सीधी रेखा में होते हैं। इसके कारण पृथ्वी की छाया पूरी तरह से चंद्रमा को ढंक लेती है, जिससे चंद्रमा पर पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है।
  • आंशिक चंद्रग्रहण (Partial lunar Eclipse): जब पृथ्वी की परछाई चंद्रमा के पूरे भाग को ढंकने की बजाय किसी एक हिस्से को ही ढंके, तब आंशिक चंद्रग्रहण होता है। इस दौरान चंद्रमा के एक छोटे हिस्से पर ही अंधेरा होता है।
  • उपछाया चंद्रग्रहण (Penumbral lunar Eclipse): उपछाया चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा के बाहरी भाग पर पड़ती है। इस तरह के चंद्रग्रहण को देखना मुश्किल होता है।

02:33 PM7 सितम्बर 2025

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कहीं पूर्ण और कहीं आंशिक चंद्रग्रहण की वजह क्या है

इसकी वजह चंद्रमा पर पड़ने वाली पृथ्वी की छाया है। यह छाया दो तरह की होती है। पृथ्वी के जिस हिस्से से चांद पूर्ण छाया में हो तो पूर्ण चंद्रग्रहण और आंशिक छाया में हो तो आंशिक चंद्रग्रहण दिखाई देता है।

  • पहली: पूर्ण छाया (Umbra)– जब चांद पूरी तरह से पृथ्वी की गहरी छाया में चला जाता है, तब वहां से पूर्ण चंद्रग्रहण दिखाई देता है।
  • दूसरी: आंशिक छाया (Penumbra)– जब चांद सिर्फ हल्की छाया से ढकता है, तब वहां से आंशिक चंद्रग्रहण दिखाई देता है।

02:32 PM7 सितम्बर 2025

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एक साल में कितनी बार चंद्रग्रहण लग सकता है

NASA के मुताबिक, एक साल में ज्यादातर 2 बार चंद्रग्रहण होता है। किसी साल चंद्रग्रहण लगने की संख्या 3 भी हो सकती है। सैकड़ों साल में लगने वाले कुल चंद्रग्रहणों में से लगभग 29% चंद्रग्रहण पूर्ण होते हैं। औसतन, किसी एक स्थान से हर 2.5 साल में पूर्ण चंद्रग्रहण देखा जा सकता है। चंद्रग्रहण 30 मिनट से लेकर एक घंटे के लिए लगता है।

02:31 PM7 सितम्बर 2025

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चंद्रग्रहण को हम कैसे देख सकते हैं

सूर्यग्रहण की तुलना में चंद्रग्रहण देखना सुरक्षित होता है। कोई भी व्यक्ति बिना आई प्रोटेक्शन और स्पेशल इक्विपमेंट के इसे देख सकता है। आप बिना बाइनॉकुलर्स या टेलिस्कोप के सीधे अपनी आंखों से चंद्रग्रहण देख सकते हैं।

चंद्रग्रहण के दौरान पता चली पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी

चंद्रग्रहण की वजह से कई खास वैज्ञानिक खोज हुई हैं। इनमें से प्रमुख कुछ इस तरह से हैं… 1. 150 ईसा पूर्व यानी आज से करीब 2100 साल पहले चंद्रग्रहण के दौरान ग्रीस के वैज्ञानिकों ने पृथ्वी का व्यास यानी डायमिटर पता किया था। इससे पता चला कि पृथ्वी कितनी बड़ी है। 2. 400 ईसा पूर्व ग्रीस के वैज्ञानिक अरिस्तर्खुस ने चंद्रग्रहण की मदद से ही पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी पता की थी। 3. आगे चलकर ग्रीस के एस्ट्रोलॉजर क्लाडियस टॉलमी ने दूसरी सदी यानी 1800 साल पहले इसी के आधार पर दुनिया के सबसे पुराने वर्ल्ड मैप में से एक बनाया था, जिसका नाम टॉलमी वर्ल्ड मैप था।

02:29 PM7 सितम्बर 2025

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ग्रहण से जुड़े अंधविश्वास और वैज्ञानिक सच

​​​​​पहला: NASA ने इस तरह के दावों और पौराणिक कथाओं से इनकार किया है। ऐसा सिर्फ और सिर्फ तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है। इस दौरान सूर्य का प्रकाश चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता है और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ने से चंद्रग्रहण होता है।

दूसरा: NASA का मानना है कि चंद्रग्रहण से जुड़ी धार्मिक मान्यता सुनामी या दूसरी प्राकृतिक आपदा आने की वजह नहीं है। दरअसल, इस वक्त पृथ्वी और चंद्रमा एक-दूसरे के काफी नजदीक होते हैं। इसलिए इस समय गुरुत्वाकर्षण बल काफी ज्यादा होता है। यही वजह है कि पृथ्वी के अंदर होने वाले भौगोलिक बदलावों के कारण भूकंप, सुनामी और दूसरी प्राकृतिक आपदाएं चंद्रग्रहण के बाद आती हैं।

तीसरा: ग्रहण के दौरान खाना खराब होने की बात को मानने से NASA इनकार करता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्रहण के दौरान खाना, पीना और दैनिक गतिविधियों को करना पूरी तरह से सुरक्षित है।

चौथा: NASA इसे मानने से इनकार करता है। साइंटिस्ट इस तरह की बातों को मनोवैज्ञानिक कन्फर्मेशन बायस कहते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि हम आमतौर पर चंद्रग्रहण को भले ही याद नहीं रखते हैं, लेकिन जब इसके साथ ही कोई घटना घटती है तो हम इसे लंबे समय तक याद रखते हैं।

उदाहरण के लिए 6 सितंबर 1979 को चंद्रग्रहण लगा था, जिसके एक महीने बाद अक्टूबर-1979 में फिलीपींस में तूफान आया था। इसके बाद दुनिया के कई जगहों पर इस तूफान के लिए चंद्रग्रहण को जिम्मेदार बताया गया, लेकिन चंद्रग्रहण के बाद क्या अच्छा हुआ लोगों को ये याद नहीं है।

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