व्यापारियों को 1000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान होने का अनुमान है।
गुजरात की डायमंड नगरी सूरत में भारी बारिश टेक्सटाइल कारोबारियों के लिए आफत बन गई है। यहां के रघुकुल मार्केट में पानी भरने से पूरे मार्केट का नजारा धोबी घाट जैसा हो गया है। फिलहाल सभी साड़ियों और कपड़ों को रस्सियों पर लटकाकर कूलर-पंखों से सुखाया जा रह
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1000 करोड़ का नुकसान हजारों रुपयों में बिकने वाली सड़ियों को अब कोई खरीदने वाला नहीं है, जिससे कारोबारी इसे अब किलो के भाव में बेचने को मजबूर हैं। इसके चलते व्यापारियों को 1000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान होने का अनुमान है। रघुकुल के अलावा सिल्क प्लाजा, अनमोल और सोमेश्वर समेत 8 अन्य बाजारों में भी ऐसे ही हालात हैं।
35 से 50 रुपए प्रति किलो के भाव से बिकेंगी हजारों की साड़ियां दुर्गेश चूड़ेवाल (रीसेल ब्रोकर) ने बताया कि आगामी सीजन को ध्यान में रखते हुए व्यापारियों ने स्टॉक में रखी साड़ियों को गीला होने के कारण किलो के भाव से बेचना शुरू कर दिया है। इसके लिए साड़ियों को सुखाया जा रहा है। साड़ियों के स्टॉक को सुखाने के लिए पंखे लगाए गए हैं। 100, 100, 1000 और 2000 रुपए तक की साड़ियां 35 से 50 रुपए प्रति किलो के भाव पर बेची जाएंगी। एक किलो में तीन साड़ियां ही आती हैं।

500 से ज्यादा दुकानों को भारी नुकसान पहुंचा रघुकुल मार्केट के व्यापारी राजूभाई गुप्ता ने बताया कि उनके मार्केट के पास एक नाला बन गया था। नाले का पानी वापस आकर पास की सड़क पर आ गया था। दूसरी तरफ, पास में ही मेट्रो का काम चल रहा है। इसलिए सड़क का पानी रघुकुल मार्केट में घुस गया और ग्राउंड फ़्लोर तक फैल गया। इसमें यहां की 500 से ज्यादा दुकानों को भारी नुकसान हुआ है।

त्यौहारी सीजन के लिए बड़ी मात्रा में हो रहा है प्रोडक्शन अगस्त महीने से त्योहारी सीजन शुरू होने के चलते कपड़ा व्यापारियों ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इससे भी कारोबारियों ने प्रोडक्शन बढ़ा लिया था। लेकिन पिछले सोमवार को सूरत में हुई भारी बारिश ने कई व्यापारियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। सूरत शहर में भारी बारिश के कारण कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई थी, जिसमें खाड़ी के किनारे स्थित कुछ कपड़ा बाजारों के बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर में पानी भर गया था।
बिना बीमा वाले व्यापारी परेशान रघुकुल के अलावा सिल्क प्लाजा, अनमोल, सोमेश्वर जैसे 8 अन्य बाजारों में भी स्थिति खराब है। पानी उतरने के बाद अब बाढ़ के पानी में भीगा साड़ियों का स्टॉक तेज बदबू दे रहा है। जिन दुकानों के पास इस स्टॉक को रखने के लिए कोई दूसरी जगह नहीं है, उनके व्यापारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिन व्यापारियों के पास बीमा नहीं है, वे और भी बड़ी मुश्किल में हैं।