सूरत7 मिनट पहले
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आसाराम की आरती में शिशु रोग विभाग की वरिष्ठ डॉ. जिगिशा पटाडिया (लाल घेरे में) समेत हॉस्पिटल स्टाफ।
गुजरात में सूरत के सिविल हॉस्पिटल में दुष्कर्म के आरोपी आसाराम की फोटो की पूजा-आरती करने का मामला सामने आया है। यह पूजा-अर्चना कल यानी की सोमवार की देर शाम हुई। इसके वीडियोज अब वायरल हो रहे हैं।
सीनियर डॉक्टर समेत नर्स और सुरक्षाकर्मी भी शामिल हुए मिली जानकारी के मुताबिक, सूरत के नए सिविल अस्पताल में सोमवार को आसाराम समर्थकों एक समूह ने मेन गेट पर आसाराम की एक फोटो रखकर पूजा-आरती का आयोजन किया था। आरती के दौरान मंत्रोच्चार और भजन हुए। वहीं, आरती में शिशु रोग विभाग की वरिष्ठ डॉ. जिगिशा पटाडिया, नर्स और सुरक्षाकर्मी भी शामिल हुए।
मौजूद लोगों ने वीडियो बनाए आसाराम की इस पूजा-आरती के वीडियो अस्पताल के स्टाफ और मरीजों ने भी रिकॉर्ड किए। इस बारे में दैनिक भास्कर के गुजराती एडिशन दिव्य भास्कर की टीम ने जब हॉस्पिटल की अधीक्षक डॉ. धारित्री परमार से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि मैं शहर से बाहर हूं। इसलिए मुझे इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं।

आसाराम बापू की पूजा करता हुआ अस्पताल का स्टाफ।
फल वितरण की अनुमति मांगी थी: आरएमओ सूरत सिविल आरएमओ डॉ. केतन नायक ने कहा कि सोमवार की दोपहर एक कर्मचारी ने मुझसे कहा था कि कुछ लोग हॉस्पिटल में फल वितरण की अनुमति मांग रहे हैं। मैंने मौखिक रूप से इसकी अनुमति दे दी थी। लेकिन मुझे देर शाम आसाराम की फोटो की पूजा-आरती की सूचना मिली तो मैंने अपने सहयोगी डॉ. भरत पटेल को व्यक्तिगत रूप से वहां भेजकर सारी गतिविधियां बंद करवा दी थीं।
इसके साथ ही सुरक्षा गार्ड को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। सभी को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि ऐसी घटना दोबारा न हो और निर्देश दिए गए हैं कि अगर कोई हॉस्पिटल में कुछ वितरण करने भी आता है तो उसकी लिखित अनुमति ली जाए। जिससे कि भविष्य में इस तरह की गतिविधियां दोबारा न हों।

10 जुलाई को मिली थी जमानत जोधपुर की जेल में उम्रकैद की सजा काट रह आसाराम को इसी साल 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से बेल मिली थी। बेल मेडिकल ग्राउंड पर दी गई थी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि आगे की बेल बढ़ाने के लिए आसाराम गुजरात हाईकोर्ट में अपील कर सकता है। इसके बाद बाद गुजरात हाईकोर्ट ने आसाराम की बेल 3 सितंबर तक के लिए बढ़ा दी थी। इसके बाद आसाराम ने फिर से जमानत की याचिका लगाई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद आसाराम ने जोधपुर जेल में सरेंडर कर दिया था।

आसाराम 2 मामलों में गुनहगार जोधपुर कोर्ट: आसाराम को जोधपुर पुलिस ने इंदौर के आश्रम से साल 2013 में गिरफ्तार किया था। इसके बाद से आसाराम जेल में बंद था। पांच साल तक लंबी सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
गांधीनगर कोर्ट: आसाराम के खिलाफ गुजरात के गांधीनगर में आश्रम की एक महिला ने रेप का मामला दर्ज करवाया था। कोर्ट ने 31 जनवरी 2023 को इस मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

बेटा नारायण साईं भी रेप के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहा आसाराम के साथ उनका बेटा नारायण साईं भी उम्रकैद की सजा काट रहा है। साईं के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत सूरत के जहांगीरपुरा थाने में 2013 में दर्ज हुई थी। सूरत सेशंस कोर्ट ने वर्ष 2014 में केस दाखिल हुआ और वर्ष 2019 में इसका फैसला सुनाया गया। इसमें नारायण साईं को आजीवन कैद की सजा सुनाई गई थी। वहीं, दुष्कर्म के ही मामले में आसाराम को साल 2018 में जोधपुर की एक कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।
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