अगर व्हिस्की को स्कॉच कहा जाना है, तो उसे कुछ खास दिशानिर्देशों का पालन करना होगा. इन दिशानिर्देशों में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि व्हिस्की स्कॉटलैंड में ही बनाई और मेच्योर की जानी चाहिए. स्कॉटिश व्हिस्की कई अलग-अलग तरीकों से बनाई जा सकती है, लेकिन सबसे आम हैं सिंगल माल्ट व्हिस्की और ब्लेंडेड व्हिस्की.
स्कॉच खास तौर पर वो व्हिस्की है जो स्कॉच व्हिस्की एसोसिएशन द्वारा निर्धारित सख्त नियमों के तहत केवल स्कॉटलैंड में बनाई जाती है.
स्कॉच क्या है?
एक और नियम है, स्कॉच पूरी तरह से स्कॉटलैंड में ही बना होना चाहिए. अगर उत्पादन के दौरान एक बैरल भी सीमा पार करके इंग्लैंड पहुंच जाता है, तो उसे असली स्कॉच व्हिस्की नहीं माना जाएगा.
सिंगल माल्ट: यहां माल्ट का अर्थ माल्टेड जौ है, जो सिंगल माल्ट के लिए अनिवार्य एकमात्र अनाज है. आम धारणा के विपरीत सिंगल माल्ट किसी एक बैच या बैरल से नहीं बनता. इस शब्द का अर्थ है कि स्कॉच एक ही डिस्टिलरी से आती है. इसलिए ग्लेनड्रोनाच जैसी सिंगल माल्ट स्कॉच अलग-अलग सालों और पीपों की व्हिस्की का मिश्रण हो सकती है. लेकिन उन सभी का उत्पादन उसी एक डिस्टिलरी से होना चाहिए. और माल्टेड जौ असल में क्या है? यह जौ को भिगोकर अंकुरित होने दिया जाता है. इस प्रक्रिया से अनाज का फर्मेंटेड करके अल्कोहल में बदलना आसान हो जाता है.

ऐजिंग की प्रक्रिया व्हिस्की को उसका खास रंग, फ्लेवर और स्वाद देती है.
ब्लेंडेड ग्रेन: यह हल्का और हल्का प्रकार कई डिस्टिलरीज के सिंगल ग्रेन स्कॉच का ब्लेड है. हालांकि यह असामान्य है, फिर भी ऐसी ब्लेंडेड ग्रेन स्कॉच उपलब्ध हैं जिन्हें व्हिस्की के सच्चे शौकीन लोग जरूर ढूंढ़ेंगे और पसंद करेंगे.
ब्लेंडेड: सबसे व्यापक प्रकार ब्लेंडेड स्कॉच. विभिन्न डिस्टिलरी से प्राप्त एक या एक से अधिक सिंगल माल्ट और एक या एक से अधिक सिंगल ग्रेन स्कॉच का ब्लेंड होता है. यह स्कॉच के पामच प्रकारों में से अब तक का सबसे प्रचलित और सबसे आसानी से पिए जाने वाले प्रकारों में से एक है. कई जाने-माने ब्रांड ब्लेंडेड स्कॉच हैं: डिवार्स, जॉनी वॉकर और द फेमस ग्राउज कुछ उदाहरण हैं.
नहीं, ये बस एक अलग स्टाइल है. बहुत से व्हिस्की प्रेमी सिंगल माल्ट बेहद पसंद करते हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि बाजार में बेहतरीन ब्लेंड उपलब्ध हैं. हालांकि कुछ लोग तो यह भी कह सकते हैं कि ये सिंगल माल्ट से ज्यादा रिच और काम्पलेक्स होते हैं. चूंकि ब्लेंडेड स्कॉच बनाना आसान है, इसलिए इनकी संख्या सिंगल माल्ट से ज्यादा होती है. इसलिए घटिया किस्म की व्हिस्की मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
स्कॉटलैंड में, व्हिस्की डिस्टिलरीज को उनकी उत्पादन शैली और स्वाद के आधार पर अलग-अलग क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है. ये क्षेत्र हैं द हाइलैंड्स (जिसका एक उपखंड द आइलैंड्स है), द लोलैंड्स, स्पाईसाइड, आइस्ले और कैंपबेलटाउन. इन क्षेत्रों की व्हिस्की में समानताएं होंगी और अधिकांश व्हिस्की प्रेमी यह निर्धारित कर सकते हैं कि किसी स्कॉटिश व्हिस्की का डिस्टिलेशन किस क्षेत्र में किया गया था. स्कॉटलैंड की आधी से ज्यादा व्हिस्की डिस्टिलरीज का घर स्पाईसाइडहै. इस क्षेत्र की कुछ विशिष्ट शैलियां हैं. पहली है हल्की सिंगल माल्ट, जो शहद और बाग के पके फलों की याद दिलाती है. दूसरी है शेरी के पीपों में पकाई गई ज्यादा स्वादिष्ट स्कॉच.
डिस्क्लेमर: इस लेख का मकसद शराब पीने की संस्कृति को बढ़ावा देना नहीं है.)

