मधुबनी के किसानों को बड़ी राहत मिली है। सिंचाई व्यवस्था को लेकर विभागीय प्रयास रंग लाने लगे हैं। अब तक जिले के कुल 18,139 हेक्टेयर खेतों तक सिंचाई की सुविधा पहुंच चुकी है। इससे सूखे और अनियमित बारिश की समस्या से जूझ रहे किसानों को बड़ी राहत मिली है।
.
पश्चिमी कोशी नहर परियोजना के तहत जिले के प्रमुख कृषि-प्रधान प्रखंडों लौकही, खुटौना, फुलपरास, बाबूबरही, अंधराठाढ़ी, झंझारपुर, मधेपुर, बेनीपट्टी, राजनगर और खजौली में कुल 15,794 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा सुलभ कराई गई है। इन क्षेत्रों में मुख्य रूप से धान, गेहूं, मक्का, दलहन और तिलहन की खेती होती है।
पश्चिमी कोशी नहर परियोजना के तहत कई क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा मिली।
कमला नहर और सुगरवे वीयर से भी जल आपूर्ति
वहीं, कमला नहर प्रमंडल, जयनगर से 2,035 हेक्टेयर भूमि तक सिंचाई का विस्तार किया गया है। इसके साथ ही सुगरवे वीयर प्रणाली के माध्यम से भी 310 हेक्टेयर क्षेत्र में जल आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
किसानों में दिखा उत्साह, उत्पादन में हो रही बढ़ोतरी
स्थानीय किसानों का कहना है कि पहले सूखे और असमय बारिश के कारण खेती बर्बाद हो जाती थी, लेकिन अब नियमित जलापूर्ति से खेतों में हरियाली और पैदावार में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। विभाग की पहल से किसानों को कृषि में नई ऊर्जा और आर्थिक मजबूती मिल रही है।
जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग की पहल रंग लाई
जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग के समन्वित प्रयासों से जिले में नहर योजनाओं को धरातल पर उतारा गया है। अधिकारियों का कहना है कि सिंचाई नेटवर्क को और मजबूत किया जा रहा है ताकि आने वाले समय में और अधिक क्षेत्र को लाभ मिल सके।