एक मजदूर को भी आज 11 हजार रुपए नहीं मिलते, लेकिन हम इतनी मेहनत के बाद भी इसी मामूली मानदेय पर काम करने को मजबूर हैं। यह दर्द है उन एएनएम (ANM) स्वास्थ्यकर्मियों का, जो अपनी मांगों को लेकर मंगलवार से बिहारशरीफ सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर चार दिवसीय ध
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प्रदर्शन कर रहीं एएनएम श्वेता कुमारी ने बताया कि उनकी बहाली 11,500 रुपए के मासिक मानदेय पर हुई थी, जिसमें आज तक एक रुपए की भी बढ़ोतरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जब हम वही काम कर रहे हैं जो दूसरे कर रहे हैं, तो हमें भी समान काम का समान वेतन मिलना चाहिए। हमारे बाद जो बहाली हुईं, उन्हें 18,000 रुपए मानदेय दिया जा रहा है, तो हमारे साथ यह भेदभाव क्यों?
इनकी प्रमुख मांगों में शामिल हैं
नियमित नियुक्ति होने तक न्यूनतम वैधानिक मजदूरी 26,000 रुपए प्रति माह किया जाए। ईपीएफ (EPF) और ईएसआई (ESI) का फायदा दिया जाए। वार्षिक वेतन वृद्धि, आकस्मिक छुट्टी और अन्य सरकारी छुट्टियों का फायदा मिले। पूर्व का बकाया मानदेय अविलंब भुगतान किया जाए। अपने गृह जिले में पदस्थापन किया जाए। नई बहाली में भी उन्हें आवेदन करने का मौका दिया जाए।
सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष दिया गया धरना
प्रदर्शनकारियों ने कहा- हमारी कोई सुनने वाला नहीं है
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री से लेकर विभाग के वरीय अधिकारियों तक गुहार लगा चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि हम यहां इसलिए धरने पर बैठे हैं कि कम से कम सिविल सर्जन हमारी बात सुनें और इसे आगे तक पहुंचाएं।
उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि 19 सितंबर तक उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो वे अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार जैसे कड़े कदम उठाने को बाध्य होंगी।

