ग्वालियर के एक स्कूल में 13 जुलाई 2024 को हुई घटना में सीनियर नाबालिग छात्र पर जूनियर छात्र के यौन शोषण का आरोप लगा था। इस मामले में पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की थी।
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सीनियर छात्र, जो खुद भी नाबालिग है, ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर को रोकने की मांग की। उनका कहना था कि पॉक्सो एक्ट केवल वयस्कों द्वारा बच्चों के यौन शोषण के लिए बनाया गया है, जबकि इस मामले में दोनों छात्र नाबालिग हैं। इसलिए यह मामला पॉक्सो एक्ट के तहत नहीं आता।
याचिका में यह भी कहा गया कि अगर कोई छात्र बालिग होता, तो मामला धारा 377 के तहत आता, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही इस धारा को रद्द कर दिया है। इसलिए यह घटना कानूनी रूप से अपराध नहीं बनती।
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने यह तर्क मानते हुए एफआईआर पर रोक लगा दी। कोर्ट ने आगे की सुनवाई के लिए दोनों पक्षों को नोटिस जारी किया है।
घटना के अनुसार, सीनियर छात्र ने जूनियर छात्र को अपने हॉस्टल कमरे में बुलाया और उसके साथ अनुचित व्यवहार किया। जब यह बात प्राचार्य तक पहुंची, तो उन्होंने बहोड़ापुर थाना पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद मामला दर्ज हुआ। हाईकोर्ट के आदेश के बाद फिलहाल मामले की जांच और कानूनी कार्रवाई पर रोक लग गई है।

