Monday, November 3, 2025
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मंदिर चबूतरा–बस स्टॉप की चोरी छिपाने प्रशासन का झूठ: रिपोर्ट में लिखा- विधायक निधि से हुए काम मौके पर मौजूद; हकीकत- वहां कुछ नहीं – Madhya Pradesh News


निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र में विधायक निधि से कराए गए विकास कार्यों में सामने आई गड़बड़ियों पर पर्दा डालने की प्रशासनिक अधिकारियों की कोशिशें अब खुद सवालों के घेरे में आ गई है। दरअसल, दैनिक भास्कर डिजिटल ने 26 अक्टूबर को ” विधायक का विकास गायब! चबूतरा,

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इसमें बताया था कि निवाड़ी विधायक अनिल जैन ने अपनी विधायक निधि से जो काम कराने का दावा किया है वो हकीकत में धरातल पर है ही नहीं, लेकिन कागजों में काम जरूर पूरा हो चुका है। इस खबर के बाद जिला प्रशासन ने तत्काल एक जांच समिति का गठन किया और महज दो दिनों के भीतर, मंगलवार( 28 अक्टूबर) को अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी।

इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विधायक निधि से कराए गए सभी काम मौके पर मौजूद हैं और उनमें कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। प्रशासन ने गड़बड़ियों को छिपाने के लिए जिन तर्कों का सहारा लिया है, वे बेहद हास्यास्पद और तर्कहीन हैं। कहीं एक पंचायत के काम को दूसरी पंचायत में दिखाकर खानापूर्ति की गई है, तो कहीं एक निजी घर की दीवार को सामुदायिक भवन की चारदीवारी बता दिया है।

सामाजिक कार्यकर्ता और मामले को सामने लाने वाले शिकायतकर्ताओं ने इस रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। प्रशासन की जांच रिपोर्ट पर कैसे उठ रहे हैं सवाल… पढ़िए रिपोर्ट

अब जानिए प्रशासन ने अपनी जांच रिपोर्ट में क्या लिखा 28 अक्टूबर को निवाड़ी जिला प्रशासन ने एक प्रेस नोट जारी किया। उसमें बताया कि तहसीलदार जगदीश रंधावा और जनपद पंचायत पृथ्वीपुर के सहायक यंत्री राममिलन पटेल की जांच समिति ने इन कार्यों की मौके पर जाकर जांच की। समिति ने अपनी रिपोर्ट में तीनों ही कामों के बारे में सिलसिलेवार लिखा है।

  • यात्री प्रतीक्षालय, टेहरका: जांच समिति ने बताया कि यात्री प्रतीक्षालय पूर्व स्वीकृत स्थान टेहरका अस्तारी तिराहे के पास बनाया गया है और राशि का नियमानुसार व्यय हुआ है।
  • बाउंड्रीवॉल, रामगढ़ चुरारा: समिति के अनुसार, गोंड बाबा मंदिर के पास सामुदायिक भवन की बाउंड्रीवॉल का निर्माण मौके पर पाया गया और राशि का सही उपयोग हुआ।
  • सामुदायिक भवन, तरीचरकलां: समिति ने माना कि मौके पर निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है, लेकिन यह भी जोड़ दिया कि इस कार्य में कोई राशि व्यय नहीं की गई है।
निवाड़ी जिला प्रशासन की तरफ से जारी प्रेस नोट जिसमें विधायक के कामों का भौतिक सत्यापन की जानकारी दी गई।

निवाड़ी जिला प्रशासन की तरफ से जारी प्रेस नोट जिसमें विधायक के कामों का भौतिक सत्यापन की जानकारी दी गई।

​​प्रशासनिक रिपोर्ट की सच्चाई जब दैनिक भास्कर ने प्रशासन की रिपोर्ट में किए गए दावों की फिर से पड़ताल की, तो एक के बाद एक चौंकाने वाले तथ्य सामने आए, जो प्रशासनिक जांच को एक मजाक साबित करते हैं।

1. टेहरका का बस स्टॉप, जो जिखनगांव में मिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग के आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, निवाड़ी विधायक अनिल जैन की निधि से 2019 में टेहरका ग्राम पंचायत के जिखनगांव-अस्तारी मार्ग तिराहे पर (खसरा नंबर 1843/1844) एक स्टील का बस स्टॉप बनाया गया था, जिसकी लागत 3,06,327 रुपए थी। दैनिक भास्कर की टीम को इस स्थान पर कोई बस स्टॉप नहीं मिला।

इसके बावजूद, प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट में बस स्टॉप को मौजूद बताया। इस खेल का पर्दाफाश तब हुआ जब यह पता चला कि प्रशासन जिस बस स्टॉप की बात कर रहा है, वह टेहरका पंचायत में है ही नहीं। वह बस स्टॉप दो साल बाद (2020-21 में) जिखनगांव ग्राम पंचायत में (खसरा क्रमांक 22/2) बनाया गया था। प्रशासन एक अलग पंचायत में, अलग समय पर बने बस स्टॉप को टेहरका का बताकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रहा है।

तत्कालीन सरपंच ने खोली पोल टेहरका ग्राम पंचायत की तत्कालीन सरपंच गीता अहिरवार इस धोखाधड़ी की पुष्टि करती हैं। उन्होंने बताया, ‘मेरे गांव टेहरका में 2019 में बस स्टॉप बनना दिखाया गया और मेरे फर्जी हस्ताक्षर करके डिलीवरी भी दिखा दी गई। हकीकत यह है कि वहां आज तक कोई बस स्टॉप नहीं बना। मैंने इस मामले की पुलिस में भी शिकायत की थी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।’

जिस जगह यात्री प्रतीक्षालय बनाना बताया गया, हकीकत में वहां अभी भी कचरा ही है।

जिस जगह यात्री प्रतीक्षालय बनाना बताया गया, हकीकत में वहां अभी भी कचरा ही है।

2. चारदीवारी नहीं, बीजेपी कार्यकर्ता के घर की एक दीवार प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि ग्राम रामगढ़ चुरारा में गोंड बाबा मंदिर के पास सामुदायिक भवन की बाउंड्रीवॉल का निर्माण हुआ है। यह दावा भी सफेद झूठ निकला। मौके पर जाकर देखने पर पता चलता है कि मंदिर तीन तरफ से पूरी तरह खुला है। जिस ‘बाउंड्रीवॉल’ का जिक्र रिपोर्ट में है, वह असल में मंदिर के बगल में बने एक निजी घर की लगभग 40 फीट की दीवार है।

यह घर भाजपा के एक कार्यकर्ता सुनील कुमार अहिरवार का है और यह दीवार उनके घर, आंगन और मुख्य गेट का हिस्सा है। यह बेहद शर्मनाक है कि एक सार्वजनिक परियोजना के नाम पर एक निजी घर की दीवार को दिखाकर सरकारी धन के दुरुपयोग को छिपाने का प्रयास किया जा रहा है।

जिस दीवार पर बीजेपी विधायक के लोकार्पण की पट्टिका लगी है वो बीजेपी नेता के घर की बाउंड्रीवॉल है न कि मंदिर की दीवार।

जिस दीवार पर बीजेपी विधायक के लोकार्पण की पट्टिका लगी है वो बीजेपी नेता के घर की बाउंड्रीवॉल है न कि मंदिर की दीवार।

3. बिना काम के ‘सुरक्षित’ रखी राशि का रहस्य तरीचरकलां में माता मंदिर के पास सामुदायिक भवन निर्माण के मामले में प्रशासन ने यह तो स्वीकार किया कि काम शुरू नहीं हुआ, लेकिन यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि इसमें कोई राशि खर्च नहीं हुई। मगर, यह तर्क भी गले नहीं उतरता। इस मामले को उजागर करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद केवट और तिलक राज अहिरवार गंभीर सवाल उठाते हैं।

वे कहते हैं, ‘अगर काम हुआ ही नहीं, तो योजना एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी की गई विधायक निधि से हुए कार्यों की सूची में इस काम का नाम खर्च की गई राशि के साथ क्यों दिखाया गया? नियम के अनुसार, यदि कोई विधायक किसी कार्य को निरस्त करता है, तो उसका एक आधिकारिक आदेश जारी होता है। इस मामले में ऐसा कोई आदेश नहीं दिखाया गया। बार-बार यही कहा जा रहा है कि राशि सुरक्षित है।

स्वेच्छानुदान पर विधायक की चुप्पी विधायक निधि के अलावा, दैनिक भास्कर ने विधायक स्वेच्छानुदान में हुई बंदरबांट का भी खुलासा किया था। यह निधि गरीब और जरूरतमंद लोगों की तत्काल सहायता के लिए होती है। लेकिन निवाड़ी में इसे पार्टी कार्यकर्ताओं, सरकारी कर्मचारियों और आर्थिक रूप से संपन्न लोगों पर लुटाया गया। नियमों के अनुसार, सरकारी कर्मचारी, पेंशनभोगी या संपन्न व्यक्ति इस सहायता के पात्र नहीं हैं। भास्कर ने जब स्वेच्छानुदान की पड़ताल की तो ऐसे कई और मामले सामने आए जिनमें पार्टी के कार्यकर्ताओं, व्यवसायी और प्रोफेशनल्स को सहायता के नाम पर राशि दी गई।

अमित गुप्ता: निवाड़ी मंडल के उपाध्यक्ष और सीएम राइज स्कूल में कर्मचारी। इन्हें 2016, 2020 और 2023 में तीन बार कुल 13,000 रुपए की सहायता दी गई।

इमरान खान: भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के पूर्व जिला महामंत्री। इन्हें 1 जून 2023 को 10,000 रुपए दिए गए।

महेश पुरोहित: भाजपा किसान मोर्चा के मंडल अध्यक्ष और ओरछा मंडल के पूर्व उपाध्यक्ष। इन्हें 2022 में 10,000 रुपए की सहायता मिली।

जब विधायक अनिल जैन से इस बारे में सवाल किया गया, तो पहले तो वे कोई जवाब नहीं दे सके, लेकिन बाद में एक पत्र लिखकर इसे अपना “अधिकार” बता दिया।

भास्कर डिजिटल एप पर खबर पब्लिश होने के बाद विधायक ने आपत्ति दर्ज कराई थी और ये भी लिखा कि स्वेच्छानुदान की राशि विधायक का अधिकार है।

भास्कर डिजिटल एप पर खबर पब्लिश होने के बाद विधायक ने आपत्ति दर्ज कराई थी और ये भी लिखा कि स्वेच्छानुदान की राशि विधायक का अधिकार है।

मामले से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…

विधायक का विकास गायब! चबूतरा, भवन और बस स्टॉप ‘चोरी’

निवाड़ी जिले की नगर परिषद तरीचर कला में स्थित बड़ी माता के मंदिर के पास एक सामुदायिक भवन के दालान निर्माण के लिए 9 अगस्त 2023 को तत्कालीन विधायक अनिल जैन की निधि से 4 लाख रुपए की राशि जारी की गई थी। महीनों बीत जाने के बाद भी मौके पर खोदे गए गड्‌ढों के अलावा कुछ भी नहीं है। हैरानी की बात यह है कि सरकारी दस्तावेजों में यह काम पूरा हो चुका है। पढ़ें पूरी खबर…



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