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पिंक सीटी घूमने, या फिर सैंड सफारी करने की तैयारी में हैं तो ठहर जाइये. राज्य में ट्रांसपोर्ट विभाग हड़ताल पर है. कोई दूसरा इंतजाम करने के बाद ही सफर की शुरू करिए वरना लेने के देने पड़ सकते हैं क्योंकि राज्य के 8000 के करीब बसें हड़ताल पर हैं. साथ ही ये नहीं पता कि ये हड़ताल कब खत्म होने वाली है.
सर्दियों का सीजन आ गया है यानी कि राजस्थान का टूर. भारी मात्रा में लोग दिल्ली से जयपुर, जोधपुर और जैसलमेर प्लान करते हैं. अक्टूबर से मार्चके बीच लाखों लोग सैंड सफारी से लेकर पुराने किलों का आनंद लेना पसंद करते हैं. राजस्थान में ऐसे टूरिस्ट प्लेस हैं, जहां पर लोग परिवार संग जाने की प्लानिंग करते हैं. इस बार भी सर्दी आ गई है और लोगों की घूमने की तैयारी चल रही है. अगर आपकी भी तैयारी है घूमने जाने की तो जरा ठहरिये. रुकिए, क्योंकि अभी राजस्थान जाना महंगा पड़ सकता है. राजस्थान में 8000 के करीब स्लीपर बसें अनिश्चित कालीन हड़ताल पर हैं.
दरअसल, बीते महीने राजस्थान में दो बस हादसों के बाद परिवहन विभाग सख्त हो गया है. प्राइवेट बसों की जांच की जा रही है. भर-भरकर फाइन ठोका जा रहा है. अब परिवहन विभाग के आदेशों के खिलाफ ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट बस ओनर्स एसोसिएशन ने अनिश्चित काल के लिए हड़ताल पर जाने का घोषणा किया है. बताते चलें कि इस सीजन में मार्च तक राजस्थान भर-भर कर टूरिस्ट आते हैं, साथ ही राजस्थान से देश के कई राज्यों रोजाना औसतन 3 लाख लोग सफर करते हैं. अगर, बस के पहिये थम जाते हैं, तो लाखों लोगों को परेशानी होगी और उनको मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. साथ ही राज्य का टूरिज्म सेक्टर भी प्रभावित होगा और उससे होने वाली रेवेन्यू भी थम जाएगी.
एसोसिएशन के सचिव राजेंद्र परिहार ने बुधवार को मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजा था। इसमें उन्होंने यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त करते हुए सरकार से यात्रियों की सुविधा के लिए अपने स्तर पर व्यवस्था करने का अनुरोध किया था. ऑल इंडिया टूरिस्ट बस ओनर्स एसोसिएशन ने 31 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है. ट्रैवल एजेंसियों ने जोधपुर से चलने वाली कई बसों की ऑनलाइन बुकिंग भी बंद कर दी है.
हड़ताल का कारण बताते हुए एसोसिएशन ने कहा, ‘परिवहन विभाग के 29 अक्टूबर को जारी एक आदेश के कारण लिया गया है. राज्य भर में चल रही निजी बसों पर चेकिंग के नाम पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है और लगातार बसें जब्त की जा रही हैं.’ एसोसिएशन ने कहा कि हमने पहले भी सरकार से आग्रह किया था कि यदि नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है, तो बस संचालकों को आवश्यक सुधार के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए. निजी बसों पर लागू होने वाले नियम सरकारी बसों पर भी लागू होने चाहिए. उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन विभाग एकतरफा कार्रवाई कर रहा है, जो उचित नहीं है.

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व…और पढ़ें
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व… और पढ़ें

