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चेन्नई मेट्रो की ब्लू लाइन पर तकनीकी खराबी से ट्रेन टनल में फंसी गयी. बिजली गुल होने से अंदर अंधेरा हो गया. यात्री 500 मीटर पैदल अगले स्टेशन पहुंचे, इस वजह से यात्रियों को परेशानी हुई और अपने गंतव्य विलंब से पहुंचे. हालांकि बादमें सर्विस पूरी तरह से सामान्य गयी.
चेन्नई. लोगों को सुविधाजनक सफर कराने वाली चेन्नई मेट्रो की ब्लू लाइन सर्विस परेशानी का सबब बन गयी. विमको नगर डिपो से चेन्नई एयरपोर्ट जाने वाली मेट्रो ट्रेन सुबह-सुबह सेंट्रल मेट्रो और हाईकोर्ट स्टेशन के बीच सबवे (टनल) में रुक गई. ट्रेन में बिजली बंद हो गई और काफी संख्या में यात्री अंदर फंस गए. यात्रियों ने बताया कि करीब 10 मिनट तक ट्रेन में अंधेरा रहा और कोई जानकारी नहीं दी गई. इस वजह से लोग घबरा गए और उन्हें घुटन होने लगी. इसे बाद फिर मेट्रो की ओर से अनाउंसमेंट हुआ. तब लोगों को राहत हुई. यात्रियों से बोला गया कि वे ट्रेन से उतरकर पैदल हाईकोर्ट मेट्रो स्टेशन तक जाएं, जो करीब 500 मीटर दूर था और लोग पैदल वहां तक गए.
इस तरह का वीडियो वायरल सोशल मीडिया पर हो रहा है, जिसमें सैकड़ों यात्री एक लाइन में हाथ की रेलिंग पकड़कर अंधेरी सुरंग में पैदल चलते दिख रहे हैं. कई लोग अपने सामान के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे. सुबह-सुबह ऑफिस जाने वाले लोगों को परेशानी हुई. चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड के अनुसार यह समस्या बिजली गुल होने या तकनीकी खराबी के कारण हुई. करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.
चेन्नई मेट्रो के अनुसार कोई यात्री घायल नहीं हुआ. दोपहर में ब्लू लाइन (एयरपोर्ट से विमको नगर डिपो) और ग्रीन लाइन (सेंट्रल मेट्रो से सेंट थॉमस माउंट) पर सभी सेवाएं पूरी तरह सामान्य हो गईं .मेट्रो प्रशासन ने यात्रियों से हुई असुविधा के लिए माफी मांगी है. ऐसी घटनाएं पहले भी कभी-कभी हो चुकी हैं, लेकिन सुबह के पीक ऑवर में ट्रेन का टनलमें फंसने से यात्रियों को परेशानी हुई. यात्रियों का पैदल चलना जाना पड़ा. इस परेशानी के बाद चेन्नई मेट्रो की सुरक्षा व्यवस्था और इमरजेंसी प्लान पर सवाल उठने लगे हैं. यात्रियों का कहना है कि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए बेहतर इंतजाम किए जाएं, जिससे लोगों को टनल से बाहर निकलने में परेशानी न हो.
पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं
चेन्नई मेट्रो में ट्रेन के सुरंग में फंसने और यात्रियों को पैदल चलने की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं. नवंबर 2020 में थिरुमंग के पास तकनीकी खराबी से ट्रेन रुक गई, करीब 30 यात्रियों को सुरंग के वॉकवे से पैदल स्टेशन तक जाना पड़ा. फरवरी 2023 में भी इसी जगह ट्रेन रुकी, यात्रियों को फिर सुरंग में पैदल चलना पड़ा. अगस्त 2023 में गुिंडी के पास ओवरहेड लाइन की खराबी से सेवाएं बाधित हुईं, अलंदुर स्टेशन के पास यात्रियों को वॉकवे से बाहर निकाला गया. दिसंबर 2024 में टोंडियारपेट के पास पानी और रेत के बहाव से ट्रेन डिरेल हुई, लेकिन पैदल निकासी नहीं हुई. अगस्त 2024 में एक घटना में यात्री को आधा किलोमीटर अंधेरी सुरंग में पैदल चलना पड़ा.
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करीब 20 साल का पत्रकारिता का अनुभव है. नेटवर्क 18 से जुड़ने से पहले कई अखबारों के नेशनल ब्यूरो में काम कर चुके हैं. रेलवे, एविएशन, रोड ट्रांसपोर्ट और एग्रीकल्चर जैसी महत्वपूर्ण बीट्स पर रिपोर्टिंग की. कैंब्रिज…और पढ़ें

