लखनऊ में ग्रेजुएट पास युवकों का एक गैंग कई महीनों से शहर में घूम-घूमकर ई-रिक्शा की बैटरियां चुरा रहा था। एक पीड़ित की शिकायत पर सक्रिय हुई कृष्णानगर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मंगलवार को चारों चोरों को दबोच लिया। गिरोह की निशानदेही पर पुलिस न
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एसीपी कृष्णानगर रजनीश वर्मा के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों में सर्वेश (इंदिरानगर सेक्टर-14), अभिषेक सिंह (बड्डुपुर, बाराबंकी—वार्ड ब्वॉय), विकास सिंह (घुंघटेर—ड्राइवर) और जमई निवासी बहराइच का रहने वाला एक युवक शामिल है, जो इस समय चिनहट डूडा कॉलोनी में रह रहा था। सर्वेश और अभिषेक दोनों ग्रेजुएट हैं। अभिषेक फरवरी 2025 में जेल से छूटा था। सर्वेश पर चार और अभिषेक पर एक आपराधिक मुकदमा दर्ज है। बाकी आरोपियों के आपराधिक इतिहास की जांच की जा रही है।
29 नवंबर को गीता पल्ली से चोरी हुई थी बैटरी
29 नवंबर को आलमबाग गीता पल्ली निवासी पंकज के ई-रिक्शा की बैटरी चोरी हुई थी। शिकायत मिलने पर इंस्पेक्टर कृष्णानगर पी.के. सिंह के नेतृत्व में दो टीमें लगाई गईं। जांच के दौरान पता चला कि गिरोह कई इलाकों गीतापल्ली, औरंगाबाद, आलमबाग, बिजनौर और दुबग्गा में बैटरी चोरी की वारदात कर चुका है।
पुलिस ने 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले। एक संदिग्ध कार बार-बार घटनास्थलों के पास दिखी। फुटेज में आरोपियों को रात में घरों के बाहर खड़े ई-रिक्शा से बैटरी खोलते भी देखा गया। इसके बाद पुलिस ने चारों को हिरासत में ले लिया।
ऐसे करते थे वारदात
पूछताछ में चोरों ने बताया कि पहले दो लोग इलाके में रेकी करते थे। इसके बाद सभी चार कार से पहुंचते थे। दो आरोपी कार में ही बैठे रहते थे और दो ई-रिक्शा की बैटरी खोलकर कार में रखकर फरार हो जाते थे। एक बैटरी की बाजार कीमत करीब 30 हजार रुपये है।
कृष्णानगर पुलिस ने गिरोह का खुलासा कर 18 बैटरी बरामद की हैं। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि चोरी की बैटरियां कहां बेची जाती थीं और गिरोह के संपर्क में और कौन-कौन लोग थे।

