Monday, December 1, 2025
Homeबॉलीवुडखूब खाते थे चिकिन, 1 दिन में पीते थे 200 सिगरेट, करते...

खूब खाते थे चिकिन, 1 दिन में पीते थे 200 सिगरेट, करते थे शराब का नशा, अब सादगी भरा जीवन जीते हैं ये दिग्गज अभिनेता


नई दिल्लीः अमिताभ बच्चन, जो अपनी शांत और सादगी वाली लाइफस्टाइल के लिए जाने जाते हैं, जो कभी शराब नहीं पीते थे और न ही मास- मीट खाते हैं. लेकिन वे ऐसे हमेशा नहीं थे, बाद में उन्होंने अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव किए हैं.

चेन स्मोकर थे अमिताभ और खाते थे मीट
साल 1980 में इंडिया टुडे के साथ एक पुराने इंटरव्यू में, उन्होंने अपने अतीत के बारे में बताया कि वे एक चेन-स्मोकर और शराबी थे और यहां तक कि मांसाहारी भी थे. उन्होंने बताया कि इन आदतों से दूर होने का कारण धार्मिक विश्वास नहीं था, बल्कि विदेश यात्रा के दौरान शाकाहारी भोजन खोजने का व्यावहारिक संघर्ष था. दिलचस्प बात यह है कि अमिताभ ने बताया कि उनकी पत्नी जया बच्चन और उनकी मां तेजी दोनों को मांस पसंद है और इससे उन्हें कभी परेशानी नहीं हुई. उन्होंने कहा था, ‘मैं धूम्रपान, शराब या मांस नहीं खाता. यह कोई धार्मिक मामला नहीं है, बल्कि यह सिर्फ टेस्ट का मामला है. हमारे परिवार में, मेरे पिता शाकाहारी हैं और मेरी मां नहीं. इसी तरह, जया नॉनवेज खाती हैं और मैं नहीं. मैं मांस खाता था.. वास्तव में, मैं शराब और धूम्रपान भी करता था, लेकिन अब मैंने यह सब छोड़ दिया है.

बॉम्बे आने के बाद छोड़ा सब कुछ
अभिनेता ने आगे बताया, ‘कलकत्ता में मैं एक दिन में 200 सिगरेट पीता था – हां, यह सही है, 200, लेकिन फिर मैंने बॉम्बे आने के बाद इसे छोड़ दिया. मैं शराब भी पीता था जैसे कुछ भी, हम जो भी हाथ में आता था, पी लेते थे, लेकिन कुछ साल पहले मैंने तय किया कि मुझे वास्तव में इसकी जरूरत नहीं है. मेरी आदतें मुझे कोई समस्या नहीं देती हैं, सिवाय इसके कि जब मैं विदेश में शूटिंग कर रहा होता हूं. तब, शाकाहारी भोजन मिलना मुश्किल हो जाता है.’

गुस्सैल स्वभाव के बारे में भी अमिताभ ने बताया
उसी इंटरव्यू में, अमिताभ बच्चन ने अपने अहिंसक स्वभाव के बारे में खुलकर बात की, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि अपने यंग एज के दिनों में वे थोड़े गुस्सैल स्वभाव के थे. ‘मुझे नहीं लगता कि मैं खुद एक हिंसक व्यक्ति हूं. न ही मैं अक्सर अपना आपा खो देता हूं.ट उन्होंने कहा, ‘बेशक मैं अपने कॉलेज के दिनों में कुछ झगड़ों में शामिल रहा, लेकिन बस इतना ही. स्क्रीन पर हिंसा बहुत अवास्तविक है. यह शानदार होना चाहिए और लोग इसे उसी रूप में स्वीकार करते हैं.’ बात अगर वर्क फ्रंट को लेकर करें तो अमिताभ बच्चन को आखिरी बार पैन इंडिया कल्कि 2898 ई. में देखा गया था और इसके बाद वे साउथ सिनेमा में रजनीकांत की वेट्टैयान में नजर आए. इस फिल्म में 1991 में हम के बाद अमिताभ बच्चन के साथ उनकी फिर से जोड़ी बनी थी.



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments