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Rajesh Khanna Rajiv Gandhi Friendship: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निधन के बाद राजेश खन्ना की उनके बेटे राजीव गांधी से दोस्ती गहरी हो गई थी. वे कांग्रेस के हर एक इलेक्शन में कैंपेन करते थे, लेकिन चुनाव लड़ने का उनका कोई इरादा नहीं था. हालांकि, राजीव गांधी के कहने पर वह इनकार नहीं कर पाए.
नई दिल्ली: राजेश खन्ना ने 170 से ज्यादा फिल्में करने के बाद राजनीति में कदम रखा था. उन्होंने 1984 में कांग्रेस पार्टी के लिए प्रचार किया था. उन्हें राजनीति में लाने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को जाता है, जिनके साथ उनके करीबी रिश्ते थे. (फोटो साभार: IMDb)

राजेश खन्ना के दोस्त और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उन्हें राज्यसभा चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया था. एक्टर ने एक पुराने इंटरव्यू में खुलासा किया कि राजीव गांधी ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए जोर दिया और वह उनकी मुस्कान की वजह से मना नहीं कर सके. हालांकि, जब पार्टी ने उन्हें फिर से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा, तो उन्होंने मना कर दिया.

राजेश खन्ना ने लेहरें रेट्रो के साथ बातचीत के दौरान बताया था कि उन्होंने शुरू में चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. उन्होंने कहा, ‘इंदिरा गांधी जी के निधन के बाद राजीव जी के साथ मेरी दोस्ती गहरा गई थी, मैं हर चुनाव में कांग्रेस के लिए प्रचार करता था. उन्होंने फिर एक दिन मुझसे चुनाव लड़ने के लिए कहा. मैंने उनसे कहा कि हम दूसरी बिरादरी से हैं. यह हमारा काम नहीं है.’ (फोटो साभार: IMDb)

राजीव गांधी ने उनसे दोबारा पूछा, तो वे मना नहीं कर सके. वे आखिर में चुनाव जीत गए. वे बोले, ‘उन्होंने मुझसे फिर से नई दिल्ली से चुनाव लड़ने के लिए कहा. मुझे आज भी उनकी मुस्कान याद है, मैं मना नहीं कर सका. मैंने चुनाव लड़ा और जीतने के बाद दिल्ली से संसद सदस्य बन गया.’ (फोटो साभार: IMDb)

राजेश खन्ना ने यह भी महसूस किया कि उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में सालों तक काम किया था और अब आगे बढ़ने का समय आ गया था. वे याद करते हुए बोले, ‘मैंने तब तक 170 फिल्में कर ली थीं. मुझे लगा कि मैंने बहुत काम कर लिया है. अब और क्या फिल्में करनी हैं? बहुत हो गया.’ (फोटो साभार: IMDb)

राजेश खन्ना को राजनीतिक पद और पावर का कोई लालच नहीं था, इसलिए उन्होंने पीछे हटने का फैसला किया. उन्होंने कहा था, ‘अगले लोकसभा चुनाव के लिए हाई कमान ने मुझे फिर से चुनाव लड़ने के लिए कहा. लेकिन मैंने मना कर दिया, क्योंकि लोकसभा हमारी चाय की प्याली नहीं है.’ (फोटो साभार: IMDb)

राजेश खन्ना ने आगे कहा, ‘अगर आपको लगता है कि मैं राज्यसभा में हमारे देश के लिए किसी काम आ सकता हूं, तो मैं वहां रहने से ज्यादा खुश हूं. मुझे कांग्रेस की सेवा करनी है, मुझे किसी पद या पावर की परवाह नहीं है.’ (फोटो साभार: IMDb)

राजेश खन्ना ने 1992 में नई दिल्ली से कांग्रेस के लिए उपचुनाव जीता और 1996 तक अपनी सीट बरकरार रखी. राजेश खन्ना का फिल्मी करियर शानदार था, लेकिन निजी जिंदगी उछल-पुछल से भरी रही. उन्होंने 1973 में डिंपल कपाड़िया से शादी की थी, लेकिन कुछ सालों बाद उनकी राहें जुदा हो गईं. वे लंबी बीमारी के बाद 18 जुलाई 2012 को चल बसे.