Share Market: भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार 12 जून को भारी गिरावट देखी गई. कारोबार के दौरान सेंसेक्स में करीब 1,000 अंक टूट गया और निफ्टी-50 24,850 से नीचे चला गया. गुरुवार को सेंसेक्स अपने पिछले बंद 82,515.14 के मुकाबले 82,571.67 पर खुला और 992 अंक या 1.2 परसेंट की गिरावट के साथ 81,523.16 के इंट्राडे लो पर आ गया. वहीं, निफ्टी अपने पिछले बंद 25,141.40 के मुकाबले 25,164.45 पर खुला और 1.3 परसेंट गिरकर 24,825.90 के इंट्राडे लो पर पहुंच गया.
निवेशकों को एक दिन में इतना बड़ा नुकसान
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 823 अंक या 1 परसेंट की गिरावट के साथ 81,691.98 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 253 अंक या 1.01 परसेंट गिरकर 24,888.20 पर बंद हुआ. बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में क्रमशः 1.52 परसेंट और 1.38 परसेंट की गिरावट आई है. शेयर बाजार में आज आई इस गिरावट का असर कुछ ऐसा रहा कि BSE में लिस्टेड कंपनियों का टोटल मार्केट कैप पिछले सेशन के लगभग 455.6 लाख करोड़ रुपये से घटकर लगभग 449.6 लाख करोड़ रुपये रह गया. इससे निवेशकों को सिर्फ एक ही सेशन में 6 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
बाजार में आई गिरावट की ये कुछ बड़ी वजहें-
- ट्रंप ने अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंध रखने वाले देशों को अल्टीमेटम देते हुए टैरिफ पर अपना सबसे बेहतर ऑफर देने के लिए कहा है. ट्रंप ने जापान, वियतनाम, भारत और यूरोपीय यूनियन जैसे देशों के साथ 9 अप्रैल को रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर बातचीत शुरू की थी, जिसके बाद 90 दिनों (8 जुलाई तक) के लिए रोक लगा दी गई थी. अब इस रोक के खत्म होने से पहले ही ट्रंप टैरिफ को लेकर इन देशों को लेटर भेजने वाले हैं. इसे लेकर निवेशकों में चिंता है.
- मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव का भी बाजार पर दबाव है. ईरान पर इजरायल के हमले की आशंकाओं के बीच अमेरिका हाई अलर्ट पर है. बुधवार को टाइम्स ऑफ इजरायल ने अमेरिकी विदेश विभाग और सेना के बयानों के हवाले से जानकारी दी कि अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु वार्ता के रुक जाने के कारण बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका कुवैत और बहरीन के दूतावासों से अपने कर्मचारियों को हटा रहा है.
- विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयरों से कम होता भरोसा भी बाजार में आई गिरावट की एक बड़ी वजह है. बुधवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIS) ने 446.31 करोड़ मूल्य के भारतीय शेयर बेच दिए, जिसका निवेशकों के सेंटिमेंट पर नेगेटिव असर पड़ा.
- ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी को लेकर अमेरिका में आर्थिक मंदी की आशंका वैश्विक बाजारों के लिए एक प्रमुख चिंता बनी हुई है. वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार को चेतावनी दी कि अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी के चलते अमेरिका और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में मंदी आएगी. वर्ल्ड बैंक ने इकोनॉमिक ग्रोथ को लेकर लगाए गए अपने अनुमानों में भी बदलाव किया. वर्ल्ड बैंक ने साल 2025 के लिए ग्रोथ का अनुमान घटाकर 2.3 परसेंट कर दिया है. इसी तरह से ग्लोबल ग्रोथ 2026 में 2.4 परसेंट और 2027 में 2.6 परसेंट रहने की उम्मीद है.
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