घटना के दूसरे दिन सोमवार सुबह 6.30बजे शव निकाला जा सका।
नर्मदापुरम जिले के विवेकानंद घाट पर रविवार शाम नहाते समय नर्मदा नदी में डूबे दो दोस्तों के शव सोमवार को बरामद हो गए। पहला शव सुबह करीब 6.30 बजे दिलखुश ठाकुर (20) का मिला था। वहीं, दूसरा शव सुबह 7.45 बजे यश मेहरा (17) का कोरीघाट से SDRF टीम ने बरामद क
.
घटना रविवार शाम करीब 5 बजे की है। इटारसी निवासी तीन छात्र कृष्णा ठाकुर (17), उसका बड़ा भाई दिलखुश ठाकुर और दोस्त यश मेहरा नर्मदा स्नान के लिए विवेकानंद घाट आए थे। कृष्णा किनारे पर था, जबकि दिलखुश और यश सुरक्षा चेन पार कर गहरे पानी में चले गए। नहाते-नहाते दोनों गहराई में डूबने लगे। कृष्णा ने घाट पर मौजूद लोगों से मदद भी मांगी, लेकिन कोई आगे नहीं आया।
सुबह 6.30 बजे मिला पहला का शव
रविवार शाम को पुलिस और होमगार्ड्स ने रेस्क्यू शुरू किया, लेकिन अंधेरा होने के कारण रोकना पड़ा। सोमवार सुबह 5.30 बजे दोबारा सर्च अभियान शुरू हुआ। करीब एक घंटे बाद दिलखुश ठाकुर का शव बरामद हुआ। दिलखुश के पिता नरेश ठाकुर इटारसी में रेलवे के एसएनटी डिपार्टमेंट में टेक्नीशियन है। बेटे का शव देखते ही घाट पर मौजूद पिता फूट फूट कर रोने लगे। दूसरा छात्र यश मेहरा की तलाश की जा रही है।
कल दो घंटे रेस्क्यू चला था घटना रविवार शाम करीब 5बजे की बताई जा रही है। घटना की सूचना मिलने पर कोतवाली थाना प्रभारी सौरभ पांडे और होम गार्ड्स की टीम मौके पर पहुंच गए थे। करीब दो घंटे तक रेस्क्यू अभियान चलाया। इसके बाद अंधेरा होने पर रेस्क्यू रोक दिया था। अब सोमवार सुबह 5.30 बजे से फिर दोनों की तलाश के लिए सर्च अभियान शुरू किया, जो अभी भी जारी है।
नहाते-नहाते गहरे पानी में चले गए टीआई सौरभ पांडे ने बताया कि इटारसी का रहने वाले तीन छात्र नर्मदा स्नान के लिए यहां आए थे। नहाते-नहाते दिलखुश और यश गहरे पानी में चले गए। कुछ देर बाद डूबने लगे। घटना की सूचना पर दोनों बच्चों के परिजन कोतवाली थाने पहुंचे।

परिजन रात में थाने में बैठे रहे।
छोटे भाई ने कहा- किसी ने मदद नहीं की
कृष्णा ठाकुर ने बताया कि मैंने और यश ने इसी साल गुरुनानक पब्लिक स्कूल से कक्षा 10वीं उत्तीर्ण की। दोनों ने 11वीं में बायो विषय में एडमिशन लिया था। बड़े भैया दिलखुश ठाकुर ने इसी साल सीएम राइज स्कूल से 12वीं पास की।
आगे की पढ़ाई बीए एलएलबी में एडमिशन लेने के लिए इस साल इंदौर जाने की तैयारी थी। यश घर आया था। फिर हम तीनों घूमने के लिए घर से निकलकर नर्मदापुरम आ गए। मैं किनारे पर नहा रहा था। मैंने घाट पर मौजूद लोगों से मदद मांगी। लेकिन किसी ने भी हमारी मदद नहीं की।