अहमदाबाद विमान हादसे के बारे में जानकारी देता केशव।
अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में हरियाणा के फरीदाबाद का रहने वाला MBBS सेकेंड ईयर का स्टूडेंट केशव भड़ाना भी घायल हुआ। जिस वक्त हादसा हुआ, वह BJ मेडिकल कॉलेज की मैस में 4 दोस्तों के साथ लंच कर रहा था।
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उसके घायल होने का पता चलने पर पिता इलाज के लिए उसे फरीदाबाद ले आए। अभी वह पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ है। 12 जून को हादसे के बाद जब 13 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद गए तो उन्होंने केशव का भी हालचाल पूछा।
दैनिक भास्कर ने केशव से विमान हादसे के दिन कॉलेज की मैस के हालात के बारे में बात की। केशव ने कहा कि हमें भूकंप जैसा झटका लगा। अंदर लंच कर रहे स्टूडेंट्स और स्टाफ पर सीमेंट के टुकड़े और लोहे के पिल्लर गिर गए।
रेस्क्यू टीम के आने से पहले मैस के सिलेंडर फटने लगे। मैं तो किसी तरह रेंगते हुए लोहे के पिल्लर से बाहर निकलकर बच गया लेकिन मेरे साथ लंच कर रहे चारों दोस्तों की मौत हो गई।
एअर इंडिया के इस विमान हादसे में 275 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें हरियाणा के कुरुक्षेत्र की रहने वाली अंजू शर्मा भी शामिल थी, जो बेटी से मिलने लंदन जा रहीं थीं।
PM नरेंद्र मोदी ने हादसे के एक दिन बाद विमान हादसे में घायल हुए लोगों से मुलाकात की थी।
स्टूडेंट्स की जुबानी, विमान हादसे की पूरी कहानी
- 4 दोस्तों के साथ लंच कर रहा था, पहले तूफान, फिर भूकंप जैसा झटका लगा: केशव ने बताया कि दोपहर के 1:10 बजे थे। लंच टाइम हो चुका था। मैं भी अपने 4 दोस्तों के साथ लंच करने के लिए फर्स्ट फ्लोर पर अस्पताल की मैस के अंदर पहुंच गया था। हम सभी दोस्त टेबल पर बैठकर खाना खा रहे थे। अचानक 1 बजकर 38 मिनट के करीब ऐसा लगा कि कोई तूफान आ रहा है। हम लोग एक-दूसरे का चेहरा ही देख रहे थे कि अचानक भूकंप जैसा झटका लगा। किसी को कुछ सोचने का मौका नहीं मिला।
- पहले सीलिंग, फिर सीमेंट के टुकड़े गिरे, चीखपुकार मची: केशव ने आगे बताया- लंच की टेबल पर बैठे हम सभी पर सबसे पहले मैस की सीलिंग गिरी। फिर छत से सीमेंट के बड़े-बड़े टुकड़े गिर गए। चारों तरफ धुआं ही धुआं था। मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। कुछ देर में धुंधला दिखाई देने लगा। मेरे अलावा मैस के भीतर जितने लोग थे, उनके ऊपर लोहे पिलर गिरे हुए थे। सभी लोग दबे हुए थे। पूरे मैस में बचाओ-बचाओ की चीखें आ रहीं थी।
- सभी लोग दबे, अचानक मैस के सिलेंडर फटने लगे: केशव ने कहा- कुछ लोग ऐसे थे, जिनकी बॉडी में कोई हलचल नहीं थी। सीमेंट के पिलर और छत से गिरे टुकड़े इतने भारी थे कि कोई उनके नीचे से निकल नहीं पा रहा था। लोग रेस्क्यू टीम के आने का इंतजार कर रहे थे। तभी मैस में रखे गैस सिलेंडर फटने शुरू हो गए। यह आवाजें सुनकर सबका डर और बढ़ गया। सब इसी कोशिश में थे कि किसी तरह वहां से बाहर निकलें। सभी लोगों ने अब जान बचाने के लिए रेस्क्यू टीम के इंतजार की जगह खुद कोशिश शुरू कर दी थी।
- पैरों पर लोहे का पिलर गिरा था, किसी तरह बचकर निकला: केशव ने कहा- मेरे पैरों पर लोहे का बड़ा पिलर गिरा हुआ था। मैंने उसे उठाने की कोशिश की लेकिन वह बहुत भारी था। मैंने लेटे हुए ही घूमते-घूमते खुद के पैर पिलर से बाहर निकाले। मेरे बाकी चारों दोस्त पिलर के नीचे दबे हुए थे। मैंने कोशिश की लेकिन उनका पूरा शरीर पिलर के नीचे था। मैं उन्हें खींच नहीं पाया। उस वक्त मेरी हालत भी बहुत खराब थी।

फरीदाबाद स्थित अपने घर में मौजूद छात्र केशव, जिसके हाथ, पैर और सिर पर अभी तक पट्टी बंधी है।
- बाहर आया तो विमान हादसे का पता चला: केशव ने कहा- मैं तुरंत बाहर निकला और सीढ़ियों से किसी तरह जख्मी हालत में नीचे पहुंचा। वहां लोगों की भीड़ खड़ी थी। सब मदद के लिए चिल्ला रहे थे। मैंने पलटकर बिल्डिंग की तरफ देखा तो पता चला कि विमान का हादसा हुआ है।
- अस्पताल में अफरातफरी मची हुई थी: मेरी हालत बिगड़ती जा रही थी। इसलिए मैं बिना कुछ सोचे तुरंत स्कूटी की तरफ दौड़ा। तभी हमारे एक सीनियर ने मुझे देख लिया। उन्होंने तुरंत मेरे समेत कुछ और लोगों को अपनी गाड़ी में सिविल अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में बेहद इमरजेंसी के हालात थे, मुझसे पहले भी घायल लोगों को लेकर आया जा रहा था। अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ था।
- मेरे साथ लंच करने गए चारों दोस्त मारे गए: केशव ने बताया कि दुर्घटना में उसके साथ लंच करने गए चारों दोस्त मारे गए। इनमें MBBS सेकेंड ईयर का स्टूडेंट जय प्रकाश (20) निवासी राजस्थान, एमबीबीएस फस्ट ईयर का स्टूडेंट मानव (19) निवासी राजस्थान, एमबीबीएस फस्ट ईयर का आर्यन (19) निवासी मध्य प्रदेश और एमबीबीएस सेकेंड ईयर राकेश (20) निवासी गुजरात शामिल है।
- मुझे देख, एक भी दोस्त को नहीं बचा पाया: केशव ने दुख जताते हुए कहा कि जब भी वह मंजर जेहन में आता है तो दोस्तों की बहुत याद आती है। मैं तो किसी तरह बच गया लेकिन अपने चारों दोस्तों को खो बैठा। मैं इस हादसे में उनकी कोई मदद नहीं कर पाया। अक्सर मैं इन्हीं दोस्तों के साथ बैठकर पढ़ाई करता।
- PM ने तबीयत और पढ़ाई के बारे में पूछा: केशव ने आगे बताया कि 13 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। उस समय मैं सो रहा था आवाज सुनकर जब में उठा तो पीएम मेरे सामने खड़े हुए थे। पीएम ने मुझसे पढ़ाई और परिवार को लेकर बात की। पीएम के इस तरह से बात करने से उनको काफी सपोर्ट मिला।

केशव के पिता देवेंद्र भड़ाना।
पिता बोले- बस से अहमदाबाद गए केशव के पिता देवेंद्र भड़ाना ने कहा कि जब विमान हादसे में बेटे केशव के घायल होने का पता चला तो मैं भाई के साथ तुरंत गाड़ी लेकर दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा। मगर, वहां से अहमदाबाद जाने के लिए हमें कोई फ्लाइट नहीं मिली। जिसके बाद हम बस से अहमदाबाद तक पहुंचे। भड़ाना ने कहा कि वह किसान हैं। उनका बड़ा बेटा दिल्ली यूनिवर्सिटी से LLB सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रहा है। छोटे बेटे केशव ने 2023 में ही BJ मेडिकल कॉलेज में MBBS के लिए दाखिला लिया था। यह बेटे का दूसरा साल था, जो कम्प्लीट होने वाला था।
