IIT कानपुर के नाम जल्द ही एक और बड़ी उपलब्धी जुड़ेगी। यहां पर देश का सबसे शक्तिशाली ड्रोन सबल-50 तैयार किया जा रहा है। ये पायलेट प्रोजेक्ट पर अभी है। अब सभी सेनाएं युद्ध या किसी भी आपात स्थिति में ड्रोन की मदद लेती हैं। रशिया और यूक्रेन युद्ध में जो लड़
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कई खासियत के साथ तैयार किया जा रहा
आईआईटी कानपुर के एयरो स्पेश इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. अभिषेक ने बताया कि अभी तक संस्थान ने सबल-20 ड्रोन बनाया था। ये करीब 20 किलो का ड्रोन था और ये 20 किलो अपने साथ भार भी उठा सकता है। ये ड्रोन ईस्टर्न कमांडो को उपलब्ध भी कराए गए हैं।
वहीं, अब सबल-50 में सेना के अधिकारियों ने काफी रुचि दिखाई हैं। पूरे देश में अपनी धमक जमाने वाला आईआईटी कानपुर अब सबल-50 में ऐसी तकनीकी का प्रयोग कर रहा हैं, जिससे ये ड्रोन विश्व का सबसे शक्तिशाली ड्रोन कह लाएगा।
सियाचिन जैसे तूफानों में भी टिका रहेगा
प्रो. अभिषेक ने बताया कि इस ड्रोन का भार करीब डेढ़ सौ किलो हैं। ये अपने साथ करीब 50 किलो का और भार लेकर हवा में उड़ सकता है। इतना ही नहीं सियाचिन जैसे तूफानों का भी सामना करने में सक्षम होगा।
इस ड्रोन को सियाचिन की तूफानी हवा में करीब 17 हजार फिट की ऊंचाई में उड़ाकर भी ट्रायल किया गया है। इसमें अपनी पेटेंट टेक्नीक का प्रयोग कर तैयार किया गया है।
अटैक करने या सामान पहुंचाने दोनों में ले सकते मदद
इस ड्रोन का प्रयोग सेना के लोग केवल समान उठाने तक ही नहीं कर सकते हैं, बल्कि इस ड्रोन से हवाई हमले भी कर सकते हैं। इसकी मदद से एक साथ कई अटैक कर सकते हैं, क्यों कि इस ड्रोन में भार उठाने की क्षमता काफी हैं। पूरा सर्विलांस कर वापस आ जाएगा
ये ड्रोन सबल-20 से ज्यादा शक्तिशाली और बेहतर है। इसमें ऐसी टेक्नीक का प्रयोग किया गया है कि ये हवा में 3 से 4 घंटे तक रह सकता है और दुश्मनों के ठिकानों पर पहुंच कर सर्विलांस कर वापस आ जाएगा। AI और हाई विजिबिलिटी कैमरा का प्रयोग
इस ड्रोन में AI का प्रयोग किया गया है। इसके अलावा इसमें हाई विजिबिलिटी वाला कैमरा लगाया गया है। इस कैमरे की कीमत ही लाखों में हैं। धूल और बर्फ की आंधी में भी ये साफ पिक्चर देगा।