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Visavadar Bypoll Results 2025: गुजरात में आम आदमी पार्टी की जीत के मायने क्या हैं? क्या गुजरात की राजनीति में विसावदर का नतीजा सौराष्ट्र के पाटीदार वोटरों के मूड को दर्शाता है? क्या गोपाल इटालिया दूसरे हार्दिक …और पढ़ें
गुजरात में आम आदमी पार्टी की जीत किसके लिए खतरे की घंटी?
हाइलाइट्स
- आम आदमी पार्टी ने गुजरात में लहराया परचम.
- कांग्रेस ने नितिन रणपरिया को मैदान में उतारा था.
- क्या कांग्रेस गुजरात से अब हो जाएगी साफ?
Visavadar Bypoll Results 2025: देश के 4 राज्यों की 5 विधानसभा सीटों के नतीजे लगभग आ गए हैं. इस उपचुनाव में आम आदमी पार्टी ने पंजाब से लेकर गुजरात तक परचम लहराया है. अरविंद केजरीवाल की पार्टी ‘आप’ ने दो सीटें जीतकर फिर से रंग में लौट आई है. पंजाब की लुधियाना वेस्ट और गुजरात की विदासवर सीट ‘आप’ कैंडिडेट ने जीत ली है. आम आदमी पार्टी ने विसावदर सीट दूसरी बार जीत कर राज्य में अपने दबदबे को फिर से कायम किया है. यह उपचुनाव गुजरात की सियासत में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है. राजनीतिक गलियारे में चर्चा का बाजार गर्म है कि क्या पटेल समुदाय से आने वाले गोपाल इटालिया गुजरात के दूसरे हार्दिक पटेल साबित होंगे? क्या गुजरात में आम आदमी पार्टी अब कांग्रेस का विकल्प बनने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है?
क्या गुजरात में आप बनेगी दूसरी शक्ति?
अब उपचुनाव के नतीजे से अरविंद केजरीवाल काफी उत्साहित हैं. गुजरात की राजनीति में विसावदर का नतीजा न केवल सौराष्ट्र के पाटीदार वोटरों के मूड को दर्शाता है, बल्कि गुजरात में ‘आप’ की बढ़ती चुनौती को भी दर्शाता है. गुजरात में कांग्रेस की कमजोर स्थिति बता रहा है कि राज्य की राजनीति में नए समीकरण बन रहे हैं. यह उपचुनाव 2027 के लिए एक शुरुआती संदेश है कि जनता बदलाव के लिए तैयार है.
कांग्रेस गुजरात से भी हो जाएगा साफ?
वहीं, कांग्रेस ने नितिन रणपरिया को मैदान में उतारा था.नितिन रणपरिया स्थानीय स्तर पर सक्रिय हैं और कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में स्वाभिमान की लड़ाई लड़ने का दावा करते हैं. कांग्रेस ने इस सीट पर आप के साथ गठबंधन नहीं किया, क्योंकि आप ने बिना चर्चा के इटालिया को उम्मीदवार घोषित कर दिया था. लेकिन कांग्रेस का गुजरात में कमजोर संगठन और वोटर बेस ने उनके लिए मुश्किलें बढ़ाईं.
आप की इस जीत से गुजरात में पार्टी का मनोबल बढ़ सकता है. 2022 में केवल 5 सीटें जीतने वाली आप के लिए यह जीत उनकी उपस्थिति को मजबूत करेगी, खासकर सौराष्ट्र क्षेत्र में. यह जीत आप को 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले पाटीदार और किसान वोटरों के बीच मजबूत करने में मदद कर सकती है. इटालिया की जीत आप के दल-बदल विरोधी रुख को भी मजबूत करेगी, क्योंकि उन्होंने भायानी के भाजपा में जाने को मुद्दा बनाया था. हालांकि, भाजपा, जो 182 में से 161 सीटों के साथ गुजरात में प्रभुत्व रखती है, के लिए यह हार एक झटका होगी. विसावदर में 2007 से जीत न मिलने के बावजूद, पार्टी ने इस बार जीत की उम्मीद की थी.

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा…और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा… और पढ़ें