Wednesday, June 25, 2025
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चीन को मिलेगा करारा जवाब! अब ‘रेयर अर्थ मैग्नेट’ भी भारत में बनेंगे, सरकार खर्च करेगी अरबों


चीन ने जब से रेयर अर्थ मिनरल्स के एक्सपोर्ट पर पाबंदियां लगाई हैं, तब से दुनियाभर की इंडस्ट्रीज चिंता में हैं और भारत भी इससे अछूता नहीं. लेकिन अब भारत सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है, जिससे देश में खुद ही ये जरूरी मैग्नेट बनाए जा सकें.

क्या है सरकार की योजना?

CNBC-TV18 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार करीब 1000 करोड़ रुपये खर्च कर घरेलू स्तर पर रेयर अर्थ मैग्नेट्स की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने वाली है. इस योजना पर भारी उद्योग मंत्रालय और परमाणु ऊर्जा विभाग मिलकर काम कर रहे हैं.

कहा जा रहा है कि ये स्कीम अगले 10 से 15 दिनों में फाइनल हो सकती है. इसके तहत 1500 टन रेयर अर्थ मैग्नेट हर साल भारत में बनाए जाएंगे. अभी स्कीम का पूरा खाका सामने नहीं आया है, लेकिन 5 से 6 कंपनियों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है.

ये स्कीम क्यों जरूरी है?

रेयर अर्थ मैग्नेट्स आज की दुनिया में बहुत जरूरी हो गए हैं, खासकर ऑटोमोबाइल और रिन्युएबल एनर्जी सेक्टर में. अब तक चीन इस फील्ड में पूरी दुनिया पर राज करता रहा है. लेकिन जब चीन ने इनका एक्सपोर्ट कम किया, तो भारत में भी कच्चे माल की भारी कमी आ गई. इसलिए अब भारत सरकार का लक्ष्य है कि इन मैग्नेट्स को खुद देश में बनाया जाए, ताकि चीन पर निर्भरता खत्म हो.

India Rare Earth Limited की बड़ी भूमिका

इस मिशन में India Rare Earth Limited को एक बड़ी भूमिका दी जाएगी. रिपोर्ट के मुताबिक, ये कंपनी करीब 500 टन कच्चा माल सीधे मैन्युफैक्चरर्स को सप्लाई करेगी, ताकि घरेलू उद्योग को बिना रुकावट के उत्पादन जारी रख सके.

रेयर अर्थ मिनरल्स के लिए भी होगी अलग स्कीम

रेयर अर्थ मैग्नेट्स ही नहीं, सरकार बाकी रेयर अर्थ मिनरल्स की मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए भी अलग से स्कीम ला रही है. Times of India की रिपोर्ट बताती है कि इसके लिए 3500 से 5000 करोड़ रुपये तक का निवेश किया जाएगा. अभी सरकार इसकी इंटर्नल असेसमेंट कर रही है, ताकि जल्द से जल्द इस प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारा जा सके.

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