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नंदमुरी तारक राम राव (एनटीआर) तेलुगु सिनेमा के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित नाम है. वो सिर्फ एक अभिनेता ही नहीं थे, बल्कि उन दिग्गजों में से एक थे जिन्होंने तेलुगु सिनेमा को एक अलग पहचान और सम्मान दिलाया.
नंदमुरी तारक राम राव (एनटीआर) ने तेलुगु सिनेमा की सिल्वर स्क्रीन पर अपनी चमक बिखेरी. उनके हर कदम, हर फिल्म, हर भूमिका ने तेलुगू लोगों के दिलों में एक आदर्श के तौर पर अपनी अमिट छाप छोड़ी.

पौराणिक पात्रों से लेकर लोक नायक की कहानियों तक, आम आदमी से लेकर सामाजिक फिल्मों में सम्राटों तक, उन्होंने हर किरदार को जीवंत किया और लोगों के चहेते बन गए. सिर्फ एक अभिनेता के तौर पर ही नहीं, एनटीआर ने राजनीति के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाई. लोगों की सेवा करने की इच्छा से वे राजनीति में आए और अविश्वसनीय लोकप्रियता के साथ दो बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.

उन्होंने तेलुगु राज्य में कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं और लोगों के दिलों में बस गए. दो रुपये किलो चावल योजना और जनता वस्त्रालू जैसी योजनाओं ने गरीबों के जीवन में उजाला ला दिया. वे एक ऐसे विरले नेता थे जो शासक नहीं बल्कि लोगों के सेवक थे. एनटीआर के जीवन का एक और दिलचस्प पहलू उनके निजी जीवन में उनके प्रेम संबंध हैं. सिनेमा में आने से पहले उन्होंने अपनी बहू बसवतारकम से शादी कर ली थी.

इस जोड़े के एक या दो नहीं बल्कि एक दर्जन यानी 12 बच्चे थे. लंबे वैवाहिक जीवन के बाद जब बच्चे बड़े हो गए तो एनटीआर को दूसरी महिला से प्यार हो गया. उस समय की स्टार हीरोइन कृष्णाकुमारी से उनकी नजदीकियां बढ़ गईं. तारक राम राव ने कृष्णाकुमारी के साथ में कई फिल्में कीं और कहा जाता है कि उन्होंने सावित्री जैसी हीरोइनों से ज्यादाकृष्णाकुमारी के साथ स्क्रीन शेयर की है. खास तौर पर मद्रास में रहने वाले एनटीआर और हैदराबाद में रहने वाले बसवतारकम के बीच पैदा हुई दूरियां एनटीआर को कृष्णाकुमारी के और करीब ले आईं.

दोनों के बीच नजदीकियां इतनी बढ़ गईं कि रामा राव ने कृष्णाकुमारी से शादी करने का फैसला कर लिया था. इतना ही नहीं, उन्होंने शादी की तैयारी भी सीक्रेटली तौर पर कर ली थी. रामा राव ने अपने छोटे भाई, प्रोड्यूसर त्रिविक्रम राव को इस बारे में बताया और उन्हें ये जानकर झटका लगा. उन्हें लगा कि कुछ बुरा होने वाला है, इसलिए वे जल्दी-जल्दी मद्रास के लिए निकल पड़े. वहां पहुंचते ही वे सीधे कृष्णाकुमारी के घर पहुंचे और उन्हें धमकाया.

त्रिविक्रम राव ने कृष्णकुमारी से कहा कि पूरा आंध्र प्रदेश एनटीआर को भगवान राम की तरह देखता है और उनकी इतनी पूजा करता है कि अगर लोगों को पता चले कि वो दूसरी बार शादी कर रहे हैं, तो लोग चौंक जाएंगे और एनटीआर की प्रतिष्ठा बर्बाद हो जाएगी.

इसके अलावा, उन्होंने अपने पास मौजूद बंदूक की नोक पर चेतावनी दी. कृष्णकुमारी इस घटनाक्रम से बहुत डर गईं और तुरंत चेन्नई से बेंगलुरु चली गईं. इस तरह अपने छोटे भाई त्रिविक्रम राव के हस्तक्षेप से, एनटीआर की दूसरी शादी नहीं हो सकी.

वरिष्ठ पत्रकार इम्मांडी रामा राव ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि यह एनटीआर की पहली पत्नी बसवतारकम की जानकारी के बिना हुआ था. एनटीआर का जीवन, सिनेमा, राजनीति और व्यक्तिगत जीवन के क्षेत्र में कई मोड़, सफलताओं और त्रासदियों से भरी एक अद्भुत किताब है. अगर वो यहां नहीं हैं, तो भी वो तेलुगु लोगों के दिलों में हमेशा रहेंगे.