Monday, July 7, 2025
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पाकिस्तान की अब खैर नहीं, भारतीय सेना को मिलेगा ‘ब्रह्मास्त्र’; 1.05 लाख करोड़ की हुई महा-डील


India Defence Sector: भारत का डिफेंस सेक्टर तेजी से आगे बढ़ता जा रहा है. इसी क्रम में गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद  (DAC) ने करीब 1.05 लाख करोड़ रुपये की 10 बड़े रक्षा सौदों को मंजूरी दी है. इस फैसले की सबसे बड़ी बात यह है कि यह पूरी खरीद ‘Buy Indian IDDM’कैटेगरी के तहत होने वाली है ताकि देश में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिले.

देश में बनकर तैयार होंगी सारी चीजें

बता दें कि Indigenously Designed, Developed and Manufactured के तहत ये सभी हथियार और सिस्टम भारत में ही बनकर तैयार होंगे. इससे पूरे 1.05 लाख करोड़ रुपये विदेशी कंपनियों में खर्च न होकर भारत की सरकारी और प्राइवेट कंपनियों में लगाया जाएगा, जिससे देश का ही विकास होगा.  

भारत सेनाओं के लिए क्या-क्या आ रहा? 

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस महा-डील के तहत भारतीय सेना को बख्तरबंद रिकवरी वाहन, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम, कॉमन इन्वेंट्री मैनेजमेंट सिस्टम और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें मिलेंगी. इसके अलावा, DAC ने नौसेना के लिए मूर्ड माइंस, माइन काउंटर मेजर वेसल्स, सुपर रैपिड गन माउंट्स और सबमर्सिबल ऑटोनॉमस वेसल्स की खरीद को भी मंजूरी दे दी है. इससे नौसेना और व्यापारिक जहाजों के लिए खतरे कम होंगे और उनकी सुरक्षा मजबूत होगी. 

थल सेना को क्या मिलेगा? 

इस डील के जरिए थल सेना के लिए जमीनी ताकत बढ़ाई जाएगी. उनके लिए आर्मर्ड रिकवरी व्हीकल (ARV)खरीदा जाएगा, जिसे आमतौर पर युद्ध के मैदान में बख्तरबंद वाहनों की रिकवरी के लिए डिजाइन किया गया है. मान लीजिए कि अगर जंग के मैदान में कोई टैंक खराब हो जाए, तो इस स्थिति में ARV उसे वहां से निकालकर सुरक्षित वापस ले आता है. 

नौसेना की भी बढ़ाई जाएगी ताकत

डील के तहत भारतीय नौसेना के लिए माइन काउंटर मेजर वेसल (MCMV), मूर्ड माइन्स (Moored Mines), सबमर्सिबल ऑटोनॉमस वेसल और सुपर रैपिड गन माउंट (SRGM) की खरीद को मंजूरी दी गई है. 

  • बता दें कि माइन काउंटर मेजर वेसल एक तरह का समुद्री पोत है, जो पानी के नीचे दुश्मनों के छिपाए गए बारूदी सुरंगों का पता लगाने और उसे नष्ट करने में मदद करेगी. 
  • इसी तरह से मूर्ड माइंस एक तरह का समुद्री बारूदी सुरंग है. इसे एक निश्चित गहराई पर लटका दिया जाता है. इसमें सेंसर लगे होते हैं. जैसे ही दुश्मनों का जहाज या पनडुब्बी इसके पास आती है, तो यह तुरंत अलर्ट हो जाता है और विस्फोटकों को सक्रिय कर देता है. इसका इस्तेमाल भारत दुश्मनों से अपने बंदरगाहों की सुरक्षा के लिए करेगा. 
  • सबमर्सिबल ऑटोनॉमस वेसल पानी के नीचे बिना इंसान के चलने वाली पनडुब्बियां हैं, जो पानी के नीचे दुश्मनों की गतिविधियों को पल में भांप सकती है.  
  • सुपर रैपिड गन माउंट एक तरह का ऑटोमैटिक तोप है, जो सुपर रैपिड फायरिंग मोड में 120 राउंड प्रति मिनट की दर से फायरिंग कर दुश्मनों के जहाजों, ड्रोन व नाव को मिनटों में नष्ट कर सकती है. 

इसके अलावा, तीनों सेनाओं के लिए इसके अलावा, सरफेस-टू-एयर मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम, इंटीग्रेटेड कॉमन इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम की खरीद की भी मंजूरी दी गई है.  

 

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