Sunday, July 6, 2025
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मस्क ने राजनीतिक दल बनाया, नाम रखा- अमेरिका पार्टी: कहा- रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों भ्रष्ट, देश को 2 पार्टी सिस्टम से आजादी मिलेगी


वॉशिंगटन डीसी1 घंटे पहले

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मस्क ने नई पार्टी बनाने को लेकर X पर एक पोल किया था, जिसमें 66% लोगों ने नई पार्टी बनाने के सपोर्ट में वोट दिया।

अरबपति बिजनेसमैन इलॉन मस्क ने शनिवार को अमेरिका में एक नई पॉलिटिकल पार्टी बनाने का ऐलान किया। उन्होंने इसका नाम ‘अमेरिका पार्टी’ रखा है। मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी जानकारी दी।

उन्होंने लिखा- आज अमेरिका पार्टी का गठन किया जा रहा है, ताकि आपको आपकी आजादी वापस मिल सके।” इसे लेकर उन्होंने X पर पब्लिक पोल भी किया था।

मस्क ने अपने पोस्ट में कहा कि आप में 66% लोग एक नई राजनीतिक पार्टी चाहते हैं और अब यह आपको मिलेगी। जब बात अमेरिका को बर्बाद करने और भ्रष्टाचार की आती है तो अमेरिका में दोनों पार्टी (रिपब्लिकन और डेमोक्रेट) एक ही जैसी हैं। अब देश को 2 पार्टी सिस्टम से आजादी मिलेगी।

मस्क ने 4 जुलाई को अमेरिका के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर X पर एक पोल पोस्ट किया था। इसमें उन्होंने पूछा था कि क्या आप दो पार्टी वाले सिस्टम से आजादी चाहते हैं? क्या हमें अमेरिका पार्टी बनानी चाहिए? पोल के नतीजों में 65.4% लोगों ने “हां” और 34.6% ने “नहीं” में वोट दिया।

अमेरिका का टू पार्टी सिस्टम क्या है?

अमेरिका की राजनीति में बीते डेढ़ सौ साल से डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दो ही पार्टियों का दबदबा रहा है। देश में राष्ट्रपति चुनाव से लेकर राज्यों की विधानसभाओं तक इन दोनों दलों का वर्चस्व हैं। इस टू-पार्टी सिस्टम को अमेरिकी लोकतंत्र की स्थिरता की वजह भी माना जाता है।

डेमोक्रेटिक पार्टी की शुरुआत 1828 में एंड्रू जैक्सन के दौर में हुई। यह शुरुआत में किसानों और आम जनता की पार्टी मानी जाती थी।

20वीं सदी में यह सामाजिक कल्याण, न्यू डील जैसे आर्थिक सुधारों और नागरिक अधिकारों की पैरोकार बनी।

वहीं, रिपब्लिकन पार्टी 1854 में गुलामी के विरोध में बनी और अब्राहम लिंकन इसके पहले राष्ट्रपति बने। 20वीं सदी में यह व्यापार और टैक्स कट के समर्थन वाली पार्टी बन गई।

क्यों तीसरी पार्टी सफल नहीं हो पाई?

अमेरिका में कई बार तीसरी पार्टियां बनाई गईं, लेकिन सफल नहीं हो सकीं। 1912 में राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट ने बुल मूस पार्टी बनाई और 88 इलेक्टोरल वोट हासिल किए।

हालांकि पार्टी अगले चुनाव तक भी नहीं टिक सकी। 1992 में रॉस पेरोट ने 19% पॉपुलर वोट लिए, फिर भी एक भी इलेक्टोरल वोट नहीं मिला।

इन दलों को फंडिंग, संगठन और मीडिया में जगह नहीं मिलती। वोटर्स भी उन्हें वोट काटने वाला मानते हैं। यही वजह है कि लिबर्टेरियन या ग्रीन पार्टी जैसी पार्टियां अब तक राष्ट्रपति चुनाव में 3-4% से ज्यादा वोट नहीं ले पाईं।

अमेरिका में तीसरी पार्टी के सफल न हो पाने की बड़ी वजह इसका का चुनावी सिस्टम है। यहां का चुनावी ढांचा टू पार्टी सिस्टम को सपोर्ट करता है।

बिग ब्यूटीफुल बिल को लेकर भिड़े थे मस्क और ट्रम्प

मस्क और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच 5 जून को टैक्स और खर्च में कटौती करने वाले बिग ब्यूटीफुल बिल को लेकर तीखी नोकझोंक हुई थी, जिसके बाद मस्क ने ट्रम्प सरकार से खुद को अलग कर लिया था।

ट्रम्प का कहना था, ‘जब हमने अनिवार्य तौर पर इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के कानून में कटौती करने की बात कही तो मस्क को दिक्कत होने लगी। मैं इलॉन से बहुत निराश हूं। मैंने उनकी बहुत मदद की है।’

इसके बाद मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ट्रम्प को एहसान फरामोश बताते हुए लगातार कई ट्वीट किए। मस्क ने कहा, ‘मैं नहीं होता तो ट्रम्प चुनाव हार जाते।’ उन्होंने ट्रम्प पर महाभियोग चलाने तक की बात कही थी। यहां पढ़ें पूरी खबर…

दरअसल, मस्क का कहना था कि ट्रम्प का यह बिल अमेरिका में लाखों नौकरियां खत्म कर देगा और हमारे देश को बहुत बड़ा रणनीतिक नुकसान पहुंचाएगा।’ हालांकि 4 जुलाई को ट्रम्प के साइन करने के बाद बिल कानून बन चुका है।

अब पढ़िए ट्रम्प और मस्क के रिश्ते बनने से लेकर बिगड़ने तक की कहानी…

मस्क ने ट्रम्प के चुनाव पर 2500 करोड़ रुपए खर्च किए

डोनाल्ड ट्रम्प पर 13 जुलाई 2024 को पेनसिल्वेनिया के बटलर में एक चुनावी रैली के दौरान गोली चलाई गई थी। इस घटना में ट्रम्प के दाहिने कान को गोली छूकर निकली। इसके बाद मस्क ने X पर राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प के समर्थन करने का ऐलान किया।

मस्क ने पूरे इलेक्शन कैंपेन के दौरान बढ़चढ़ कर ट्रम्प का प्रचार किया। मस्क ने ट्रम्प को राष्ट्रपति बनाने के लिए करीब 2500 करोड़ रुपए खर्च किए। ट्रम्प जैसे ही चुनाव जीते अमेरिका की राजनीति में मस्क का कद एकदम ऊंचा हो गया।

कुछ लोगों ने सुपर प्रेसिडेंट कहा। मस्क और विवेक रामास्वामी के साथ डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DoGE) का प्रमुख बनाने का ऐलान हुआ, लेकिन 20 जनवरी को ट्रम्प के शपथ ग्रहण के घंटों बाद ही रामास्वामी DoGE से अलग हो गए। इस डिपार्टमेंट का मकसद सरकारी खर्च में कटौती करना था।

ट्रम्प को इलेक्शन कैंपेन के दौरान कान में गोली लगी थी, इसके बाद मस्क ने उनके सपोर्ट का ऐलान किया था।

ट्रम्प को इलेक्शन कैंपेन के दौरान कान में गोली लगी थी, इसके बाद मस्क ने उनके सपोर्ट का ऐलान किया था।

मस्क को मिली DoGE की जिम्मेदारी

रामास्वामी के अलग होते ही मस्क DoGE डिपार्टमेंट की हेड बन गए। उन्होंने सरकारी खर्च में कटौती के नाम पर बड़े पैमाने पर सरकारी कर्मचारियों की छंटनी की। इससे देश में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन होने लगे, पर ट्रम्प हमेशा मस्क के समर्थन में खड़े रहे।

ट्रम्प की मौजूदगी में 8 मार्च की कैबिनेट मीटिंग में स्टाफ कटौती के मुद्दे पर मस्क और विदेश मंत्री मार्क रुबियो में बहस हो गई। मस्क ने आरोप लगाया कि रुबियो स्टाफ में कटौती नहीं कर पाए हैं।

रुबियो ने इससे इनकार किया। जब दोनों के बीच बहस तेज हो गई तो ट्रम्प ने रुबियो का बचाव किया और कहा कि वे बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। यह पहली बार था जब मस्क और किसी बड़े नेता का विवाद हुआ जिसमें ट्रम्प ने उनका साथ नहीं दिया। हालांकि फिर भी ट्रम्प और मस्क में तालमेल बना रहा।

8 मार्च को अमेरिकी कैबिनेट की बैठक की तस्वीर। जहां मस्क और मार्को रुबियो आपस में उलझ पड़े थे, जिसके बाद ट्रम्प ने पहली बार मस्क के खिलाफ जाकर अपने विदेश मंत्री का सपोर्ट किया था।

8 मार्च को अमेरिकी कैबिनेट की बैठक की तस्वीर। जहां मस्क और मार्को रुबियो आपस में उलझ पड़े थे, जिसके बाद ट्रम्प ने पहली बार मस्क के खिलाफ जाकर अपने विदेश मंत्री का सपोर्ट किया था।

बिग ब्यूटीफुल बिल को लेकर ट्रम्प से उलझे

गुजरते वक्त के साथ ट्रम्प सरकार के साथ मस्क का तालमेल बिगड़ता चला गया। हालांकि फिर भी ट्रम्प और मस्क साथ में काम करते रहे। कुछ महीने पहले जब मस्क के विरोध में कई देशों में टेस्ला कार को जलाया गया तो ट्रम्प ने टेस्ला खरीद कर मस्क का सपोर्ट किया।

लेकिन सबसे बड़ा विवाद 27 मई को हुआ, जब मस्क ने ट्रम्प सरकार के वन बिग ब्यूटीफुल बिल (टैक्स और खर्च बिल) का खुलकर विरोध किया। इसके कुछ घंटे बाद ही उन्होंने DoGE से इस्तीफा दे दिया।

ट्रम्प ने 31 मई को मस्क के साथ राष्ट्रपति ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने मस्क को शानदार दोस्त बताया। ट्रम्प ने तब कहा था कि हम आपको याद रखेंगे। ट्रम्प ने मस्क को एक सुनहरी चाबी भी गिफ्ट की थी और कहा था कि ये देश की तरफ से शुक्रिया के तौर पर दी जा रही है।

इसके बाद मस्क ने मंगलवार 3 जून को एक बार फिर ‘टैक्स और खर्च’ बिल की आलोचना की। मस्क का कहना था कि ये बिल सरकार के घाटे को बढ़ाएगा।

उन्होंने X पर लिखा था- मुझे खेद है, लेकिन मैं इसे और बर्दाश्त नहीं कर सकता। यह बेफिजूल और गैर जरूरी खर्चों से भरा बिल एक अपराध है। जिन्होंने इसके लिए वोट किया, उन्हें शर्मिंदगी महसूस करनी चाहिए।

ट्रम्प ने 11 मार्च को लाल रंग की ‘टेस्ला मॉडल एस’ कार खरीदकर उनका समर्थन किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि ये कार बहुत ही खूबसूरत है और उन्होंने ये बिना किसी डिस्काउंट के पूरी कीमत (80 हजार डॉलर) में खरीदी है।"

ट्रम्प ने 11 मार्च को लाल रंग की ‘टेस्ला मॉडल एस’ कार खरीदकर उनका समर्थन किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि ये कार बहुत ही खूबसूरत है और उन्होंने ये बिना किसी डिस्काउंट के पूरी कीमत (80 हजार डॉलर) में खरीदी है।”

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अमेरिका के बिग ब्यूटीफुल बिल से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें…

ट्रम्प ने बिग ब्यूटीफुल बिल पर साइन किए:अब अमेरिकियों को कम टैक्स देना होगा; इसी बिल को लेकर ट्रम्प से भिड़े थे मस्क

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 4 जुलाई को टैक्स और खर्च में कटौती करने वाले बिग ब्यूटीफुल बिल पर साइन किए। इसके साथ ही यह बिल अब कानून बन गया है। इस बिल पर साइन करने के लिए खास सेरेमनी का आयोजन किया गया। इस दौरान आसमान में स्टेल्थ B-2 बॉम्बर्स के साथ कई फाइटर जेट्स ने उड़ान भरी। यहां पढ़ें पूरी खबर…

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