इस मामले में SOG ने अब तक 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
सूरत में सामने आए बहुचर्चित डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टा कांड ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। शुरुआती जांच में यह घोटाला 948 करोड़ रुपए का सामने आया था, लेकिन स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की विस्तृत जांच में अब यह आंकड़ा 1000 करोड़ रुपए से भी अधिक हो गय
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घोटाले की जड़ें अवैध स्टॉक ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़ी हैं, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल थे। जांच एजेंसियों को शक है कि यह नेटवर्क संगठित ढंग से वर्षों से सक्रिय था और करोड़ों की काली कमाई को वैध रूप में बदलने का जरिया बना हुआ था।
SOG की अब तक की कार्रवाई से स्पष्ट है कि यह घोटाला एक बड़े आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है, जिसमें आगे और भी बड़े खुलासे संभव हैं। यह मामला अब राज्यभर की निगरानी में आ गया है।
दो सॉफ्टवेयर के जरिए 24 घंटे सट्टेबाजी चलाई जा रही थी।
ऑनलाइन गेमिंग को डब्बा ट्रेडिंग से जोड़ना
यह घोटाला सिर्फ अवैध डब्बा ट्रेडिंग तक सीमित नहीं था, बल्कि इसके साथ-साथ ऑनलाइन गेमिंग का भी बड़ा खेल चल रहा था। आरोपी लोगों को 24 घंटे ऑनलाइन गेम और सट्टा खिला रहे थे। इस ऑनलाइन गेमिंग की आड़ में आरोपी क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस और कैसिनो के अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म से लाइव जानकारी हासिल कर सट्टा लगवा रहे थे।
दो सॉफ्टवेयर के जरिए 24 घंटे सट्टेबाजी का साम्राज्य
ये स्कैमर्स ‘कैस्टिलो 9’ और ‘स्टॉक ग्रो’ जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके डब्बा ट्रेडिंग चला रहे थे, जो सेबी की अनुमति के बिना ऑनलाइन स्टॉक एक्सचेंज ट्रेडिंग जैसा ही था।
प्रतिबंधित वेबसाइटों और सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके लाइव फुटबॉल, क्रिकेट, टेनिस जैसे खेलों के साथ-साथ कैसीनो गेमिंग पर भी 24 घंटे सट्टा लगाया जाता था। 250 से ज्यादा अकाउंट वाले लोग डब्बा ट्रेडिंग के जरिए 24 घंटे में कभी भी इस सट्टेबाजी के खेल में शामिल हो सकते थे।

सनराइज डेवेलपर्स’ नाम की कंस्ट्रक्शन ऑफिस की आड़ में सट्टा कारोबार चलाया जा रहा था।
दावा था कि इस व्यापार में कोई घाटा नहीं आईपीएल समेत अंतरराष्ट्रीय खेलों पर सट्टा लगाया जाता था। आरोपी ग्राहकों को ज्यादा मुनाफे का वादा करके और काले धन के इस्तेमाल की सुविधा देकर लुभाते थे। उनका दावा था कि इस व्यापार में कोई घाटा नहीं है और कोई टैक्स नहीं देना पड़ता, जिससे सरकार को भारी वित्तीय घाटा होता है।
SOG ने अब तक 8 आरोपियों को दबोचा
अब तक पुलिस ने नंदलाल उर्फ नंदो विठ्ठल गेवरिया, विशाल उर्फ विक्की मनसुख गेवरिया, जयदीप कानजी पीपलिया, भाविन अरविंद हीरपरा, नवनीत चतुरभाई गेवरिया, साहिल मुकेश सुवागिया, भावेश जिनाभाई किहला और बकुल गमन तरसरिया को गिरफ्तार किया है।
सभी आरोपी सूरत के मोटा वराछा स्थित लजामणी चौक के मेरिडियन बिजनेस सेंटर में ‘सनराइज डेवेलपर्स’ नाम की कंस्ट्रक्शन ऑफिस की आड़ में इस सट्टा कारोबार को चला रहे थे।