चैतर वसावा को राजपीपला जेल से वडोदरा जेल शिफ्ट कर दिया गया है।
नर्मदा जिले के डेडियापाडा तालुका पंचायत अध्यक्ष संजय वसावा को थप्पड़ मारने के मामले में गिरफ्तार AAP के डेडियापाडा से विधायक चैतर वसावा के मामले में नया मोड़ आ गया है। कोर्ट ने नर्मदा पुलिस की ओर से मांगी गई 5 दिन की रिमांड खारिज कर दी है। हालांकि, इ
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डेडियापाडा में धारा 144 लगाई गई दूसरी ओर कोर्ट के बाहर AAP कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प और कोर्ट में प्रवेश के मुद्दे पर वकीलों के हंगामा करने के चलते डेडियापाडा में धारा 144 लगा दी गई है। हालात को देखते हुए चैतर वसावा को राजपीपला जेल से वडोदरा जेल शिफ्ट कर दिया गया है।
चैतर वसावा के वकील सुरेशभाई जोशी।
अब चैतर वसावा को सेशन कोर्ट से जमानत लेनी होगी चैतर वसावा के वकील सुरेशभाई जोशी ने कहा- पुलिस ने 5 दिन की रिमांड के लिए आवेदन किया था। जिसके खिलाफ हमने तर्क दिया कि इस मामले में रिमांड की जरूरत नहीं है। यह राजनीतिक प्रतिशोध को ध्यान में रखकर किया गया आवेदन है। कोर्ट ने तर्क स्वीकार करते हुए पुलिस की 5 दिन की रिमांड की अर्जी खारिज कर दी।
उसके बाद हमारी ओर से जमानत अर्जी दाखिल की गई। पुलिस ने जानबूझकर एफआईआर में धारा 307 के अलावा एक नई धारा 109 जोड़ी है, जिसमें 10 साल कैद की सजा का प्रावधान है। हमने उस धारा को भी रद्द करवा लिया है। अब उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा और हमें सेशन कोर्ट से जमानत लेनी होगी।

चैतर वसावा से मुलाकता न कर देने की बात पर AAP विधायक गोपाल इटालिया की पुलिस से तीखी नोंकझोंक गई।
कोर्ट के बाहर गोपाल इटालिया की पुलिस से हुई नोकझोंक इसी बीच एलसीबी कार्यालय में उस समय विवाद खड़ा हो गया जब चैतर वसावा के वकील के तौर पर पहुंचे AAP विधायक गोपाल इटालिया को उनसे मिलने नहीं दिया गया। पुलिस ने मुलाकात की इजाजत नहीं दी तो कोर्ट के बाहर इटालिया और पुलिसकर्मियों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई।
गोपाल इटालिया ने पुलिस पर भाजपा नेताओं को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रांतीय विधायक गजेंद्र का जिक्र करते हुए कहा कि दुष्कर्म की एफआईआर होने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं के लिए अलग कानून और आम आदमी पार्टी नेताओं के लिए अलग कानून लागू किया जा रहा है।